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लता मंगेशकर के अस्पताल में भर्ती होने के कारण सिर्फ भारत में ही नहीं विश्व भर में लता मंगेशकर के भक्तों के दिल हलक में फंसे हुए है। उनके स्वास्थ्य के लिए यज्ञ, हवन, मन्नत, दुआ, तीर्थ वचन, अपने अपने सामर्थ्य अनुसार करने की खबरें मिल रही है। भारत रत्न, स्वर कोकिला, सुरों की देवी लता मंगेशकर लंग इन्फेक्शन के कारण अस्वस्थ हालत में अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है और ऐज रिलेटेड तकलीफों के कारण रिकवरी की स्पीड जरा धीमी है, मुंबई में इन दिनों हो रहे क्लाइमेट चेंज को दोषी मानते हुए यह भी कहा जा रहा है कि इस मौसम में मुंबई वासी अक्सर बीमार तो पड़ते ही है लेकिन वे जल्द स्वस्थ हो जाएंगी क्योंकि लता ताई तो अपने स्वास्थ्य का ख्याल हमेशा रखती हैं। नियम से खाना, नियम से सोना और नियम से सुर साधना करना। यह उनका नियमित दिनचर्या रहा है कई वर्षों से, तभी तो 90 वर्ष की उम्र में भी वे हर रोज कठिन रियाज़ करती रही। अस्पताल में दाखिल होने से कुछ रोज पहले भी उनका यही दिनचर्या रहा था। हाल ही में लता दीदी का जन्मदिन मनाया गया और करोड़ो लोगों ने सोशल मीडिया, भारतीय पोस्ट और फोन के जरिए उन्हें बधाई दी थी।
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लता दीदी ने ढेर सारे नए पुराने करीबी जान पहचान के लोगों से फोन पर लंबी बातचीत भी की। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने विदेश यात्रा से पहले उन्हें फोन करके जन्मदिन की बधाई दी थी, उनका आशीर्वाद लिया था, लौटने पर उनसे मिलने का वादा किया और उनके घर पर अपने मनपसंद महाराष्ट्रीयन डिश साथ बैठकर खाने का वादा भी किया, कई मिनटों तक उनके बीच बातचीत होती रही। लता दीदी बिना थके बातचीत कंटिन्यू करती रही। सिर्फ यही नहीं उन्होंने अपने इस जन्मदिन (28 सितम्बर) से 10 दिन पहले एक मराठी फिल्म के लिए यादगार गीत भी रिकॉर्ड की थी। लता दीदी से 2 वर्ष छोटी उनकी बहन मीना खाड़ीकर के अनुसार, खासकर फिल्मों के लिए लता ताई अब नहीं गाती हैं, लेकिन अगर उन्हें गीत के बोल और म्यूजिक पसंद आ जाए तो वे आज भी गाने के लिए राजी हो जाती हैं, फिर भी इस ज़माने की फिल्मों के लिए गाना उन्हें अच्छा नहीं लगता है क्योंकि उसके बोल दिल को नहीं छूते हैं और हैवी ड्यूटी बिट्स उन्हें पसंद नहीं। मीना ताई को अपनी प्यारी लता दीदी के साथ गुजारा वह बचपन आज भी शिद्दत से याद है। सिर्फ बारह वर्ष की छोटी उम्र में पुरे परिवार की जिम्मेदारी उठाने और कठिन मेहनत करके घर चलाने वाली अपनी इस दीदी के लिए उनके दिल में प्यार, श्रद्धा और नाज़ है। लेकिन इस बात का दर्द भी है कि बारह वर्ष की कमसिन उम्र में ही उनसे उनका बचपन दूर हो गया था।
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मीना ताई ने कहा था, 'मेरी सबसे खुशियों भरी यादें लता ताई के साथ हमारे बचपन की रही जो जल्द ही उनसे छिन गई। दो साल छोटी हूँ मै उनसे इसलिए उनके साथ ही, करीब रहकर बड़ी हुई और इस वजह से आज भी मुझे उनकी वो खुलकर ठहाका लगाना, मेरे साथ खेलना, रस्सी टापना और गाना गाना याद है।' मीना ताई के अनुसार अगर उनके पिताश्री, मास्टर दीनानाथ मंगेशकर का अकस्मात अल्पायु में निधन ना हो जाता तो लता दीदी की जिंदगी बिल्कुल अलग होती, वे अपने बचपन को पूरी तरह आनंद से जीती, वे तब शायद फिल्मों में आती ही नहीं और क्लासिकल सिंगर ही बनती तथा उनके जीवन की राह अलग होती। मीना ताई ने कहा, 'हमारे माता पिता बेहद पारंपरिक ख्यालों के थे, इसलिए शायद वे दीदी की शादी करवा देते और दीदी का भी अपना घर संसार होता, बच्चे होते। अगर हमारे पिताजी का निधन जल्दी ना हो जाता तो हम सब भाई बहनों की भी जिंदगी आज जो है उससे एकदम अलग होती। लेकिन जो होता है वो ईश्वर की मर्जी से होता है, शायद जब ईश्वर बहुत कुछ देता है तो कुछ ले भी लेता है। दीदी को विश्वव्यापी ख्याति मिली, मान, इज़्ज़त, शोहरत, सैकड़ों अवार्ड्स देश विदेश से मिले, सब कुछ मिला लेकिन अपना घर संसार नहीं बसा पाई परंतु एक बेहतरीन बड़ी बहन और बेटी के नाते दीदी ने अपनी सभी जिम्मेदारियां बहुत अच्छी तरह से निभाई है। अपने भाई बहनों के बच्चों को अपने बच्चे की तरह प्यार दिया और हम सब, तथा हमारे बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते है। उन्होंने कई बार कहा कि उन्हें जीवन में कोई मलाल नहीं।'
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मीना ताई ने अपनी दीदी लता मंगेशकर और अपने बचपन को लेकर जो बायोग्राफी मराठी में लिखी ' मोठी तीची सावली' उसे उन्होंने लता दीदी के पिछले जन्मदिन पर रिलीज़ करते हुए उन्हें भेंट किया था। दीदी के इस जन्मदिन पर उन्होंने इस किताब का हिंदी रूपांतर, 'दीदी और मैं' उन्हें उपहार में दिया। मीना ताई कहती हैं, 'क्योंकि यह दीदी के जीवन, उनके बचपन से जुडी पुस्तक है इसलिए अगर ये हर भाषा में रिलीज़ हो तो मुझे बेहद ख़ुशी होगी।' जब मीना ताई से पूछा गया कि क्या लता मंगेशकर के जीवन पर बायोपिक बनाने की बातें हो रही है? उन्होंने कहा था, 'दीदी ये नहीं चाहती है।'
लता मंगेशकर जैसे जुझारू, हिम्मती और भारत की लाड़ली बेटी के जल्द स्वस्थ होने की कामना मायापुरी परिवार भी कर रही है।
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