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सुशांत सिंह राजपूत
-
दीप्ति
शर्मा
सुशांत
की
मौत
हुए
लगभग
ढाई
महीने
से
भी
अधिक
का
समय
हो
चुका
है
,
मगर
आज
भी
यकीन
नहीं
होता
कि
सुशांत
जैसा
जिंदादिल
इंसान
क्या
कभी
आत्महत्या
कर
सकता
है
!
खैर
,
उन्होंने
आत्महत्या
की
या
उनकी
हत्या
हुई
,
इसका
खुलासा
अभी
तक
नहीं
हुआ
है
लेकिन
सुशांत
द्वारा
खुल
कर
कही
गई
कई
बातें
आज
भी
जिंदा
हैं।
आइए
उनकी
उन्हीं
कुछ
बातों
को
एक
बार
फिर
याद
करते
हैं।
उनकी
आखिरी
फिल्म
“
छिछोरे
”
के
वक्त
,
जब
उनसे
पूछा
गया
था
कि
अविवाहित
होते
हुए
भी
,
इस
फिल्म
में
5 - 6
वर्षीय
बेटे
का
बाप
बनने
को
लेकर
कोई
हिचकिचाहट
थी
..?
इस
पर
तपाक
से
सुशांत
सिंह
राजपूत
ने
कहा
था
“
मुझे
खुशी
है
कि
शादी
के
पहले
ही
मैं
एक
ऐसे
बच्चे
के
पिता
की
भूमिका
निभा
चुका
हूं
जो
किशोर
उम्र
का
है
,
फिल्म
करते
हुए
मुझे
अनुभव
हुआ
कि
जब
मैं
स्वयं
पिता
बनूंगा
तो
किस
तरह
अपने
बच्चे
को
यह
बात
समझा
पाऊंगा
कि
आत्महत्या
या
जिंदगी
का
अंत
,
अंतिम
रास्ता
कभी
नहीं
होता
..,
मैं
समझा
पाऊंगा
कि
जिंदगी
कितनी
खूबसूरत
होती
है
.,
उसे
यूं
ही
जाया
नहीं
करना
चाहिए
किसी
भी
कारण
से
..!”
हमेशा
प्यारी
प्यारी
,
मीठी
-
मीठी
बातें
करने
वाला
सुशांत
निजी
जिंदगी
में
,
इतना
उदास
,
कमजोर
निकलेगा
,
यह
किसी
ने
नहीं
सोचा
था।
डायरेक्टर
नितेश
तिवारी
खुद
अचंभित
हैं
उन्होंने
कहा
,
सुशांत
जैसा
जिंदगी
से
भरा
,
पॉजिटिव
कलाकार
उन्होंने
अभी
तक
नहीं
देखा
है।
इसके
अलावा
एक्ट्रेस
सारा
अली
खान
जब
पहली
बार
मीडिया
से
रूबरू
हो
रही
थी
,
तो
उस
वक्त
भी
सुशांत
ने
सारा
का
हौसला
बढ़ाया
था।
उसके
बाद
सारा
अली
खान
पूरे
आत्मविश्वास
से
भर
गई
और
सुशांत
को
अपना
फ्रेंड
फिलॉस्फर
और
गाइड
तक
कह
डाला
था।
फिल्म
“
शुद्ध
देसी
रोमांस
”
के
वक्त
जब
वह
नए
-
नए
टीवी
इंडस्ट्री
से
फिल्मों
की
ओर
मुड़े
थे
और
फिर
उनकी
दूसरी
बड़ी
फिल्म
“
ब्योमकेश
बक्शी
”
रिलीज
होने
वाली
थी।
फिल्म
के
निर्देशक
दिबाकर
बनर्जी
ने
दशकों
पहले
का
कोलकाता
का
सेट
लगाया
था
,
जिसमें
सुशांत
हाथ
गाड़ी
रिक्शा
में
आए
थे।
उस
वक्त
सबसे
खूबसूरत
बात
उनकी
यह
अच्छी
लगी
जो
कलाकार
सुशांत
को
रिक्शा
में
बिठाकर
मंच
तक
लेकर
आया
,
उन्हें
मंच
के
पीछे
जाकर
बकायदा
सुशांत
ने
थैंक्स
कहा
!
यह
छोटी
-
छोटी
बातें
,
इस
प्यारे
कलाकार
को
खास
बनाती
थीं।
लगभग
हर
विषय
की
जानकारी
रखने
वाले
सुशांत
का
ज्ञान
उनके
दोस्तों
से
काफी
ज्यादा
था।
पटना
में
अपनी
पढ़ाई
पूरी
कर
चुके
सुशांत
सपनों
को
संजोते
थे
और
उनके
पूरे
होने
पर
खुश
भी
जल्दी
हो
जाते
थे।
फिल्म
धोनी
बायोपिक
रिलीज
होने
के
कुछ
दिनों
बाद
रिलीज
हुई
फिल्म
सोन
चिरैया
फिल्म
फ्लॉप
भले
ही
हुई
,
पर
उसका
भी
सुशांत
पर
या
फिर
उनके
करियर
पर
कुछ
खास
असर
नहीं
पड़ा।
जब
उनके
निजी
संबंधों
को
लेकर
भी
सवाल
उठे
,
तब
भी
सुशांत
ने
शांत
रहकर
हर
सवाल
का
जवाब
दिया।
इतना
संतुलित
और
दूसरों
को
ताकत
देने
की
हिम्मत
रखने
वाला
यह
जांबाज
कब
और
क्यों
चला
गया
,
कैसे
चला
गया
,
इतनी
जल्दी
रूखसत
क्यों
हुआ
,
यह
तो
पहेली
ही
रही
,
पर
इतना
पक्का
है
,
कि
जो
भी
प्रतिभाशाली
कलाकार
से
मिला
है
,
वह
उसकी
प्रतिभा
ही
नहीं
,
उसकी
मिठास
और
व्यक्तित्व
के
जादू
से
प्रभावित
हुए
बगैर
नहीं
रहा
...
अलविदा
सुशांत
..!