बॉलीवुड की कॉन्ट्रोवर्शियल फिल्मों की लिस्ट में शामिल होती जा रही मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' पर कांग्रेस का रोष और द्वेष बढ़ता ही जा रहा है। जो की लज़्मी भी हैं क्योंकि इससे लोगों मैं कांग्रेस पार्टी को लेकर और भी अधिक अविश्वास और द्वेष बाद सकता है जो की उनकी बिगड़ी हुई छवि को और बिगड़ सकता है। अब इसी से बचने के लिए कांग्रेस रोज़ नए नए पैतरे अपना रही है और फिल्म को कई राज्यों में बैन करने की मांग कर रही है।
खबरों के अनुसार इंदौर में कांग्रेस पार्टी ने सिने सर्किट एसोसिएशन और सिने गृह संचालन को एक पत्र लिख फिल्म की रिलीज को लेकर चेतावनी दी है। पत्र में साफ कहा गया है कि पार्टी फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज होने नहीं देगी और अगर ऐसा होता है तो जो उग्र आंदोलन किया जाएगा उसका जिम्मेदार थियेटर मालिक और प्रशासन होगा। कांग्रेस की तरफ से पत्र में ये भी कहा गया है कि इस फिल्म को अनुपम खेर ने भाजपा सरकार के कहने पर बनवाया है। फिल्म रिलीज हुई तो वो अनुपम खेर और मधुर भंडारकर दोनों के पुतले जला फिल्म का विरोध करेंगे।
इसके अलावा महाराष्ट्र में भी कांग्रेस फिल्म का विरोध कर रही है। कांग्रेस नेता राधाकृष्णा विखे-पाटिल ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को चिट्टी लिख कहा है कि प्रदेश में अगर फिल्म रिलीज होती है तो कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध के लिए सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने सीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। इससे पहले इलाहाबाद से कांग्रेसी नेता हसीब अहमद ने फिल्म का विरोध करते हुए कहा था कि मधुर भंडारकर के चेहरे पर कालिख पोतने वाले को वो 1 लाख का ईनाम देंगे। अब इन विवादों के बीच 'इन्दु सरकार' फिल्म पर क्या प्रभाव पड़ता है ये देखने वाली बात होगी लेकिन एक बात तो तय है की इन विवादों के बीच छोटे शहरों में इस फिल्म की रिलीज़ पर बड़ा असर पड़ सकता है।