'मैंने गांधी को क्यों मारा' फिल्म अगले साल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर की जाएगी रिलीज़

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'मैंने गांधी को क्यों मारा' फिल्म अगले साल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर की जाएगी रिलीज़
  • शरद राय

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद, गांधी हत्या कांड पर एक लंबी लड़ाई अदालत में चली थी। ऑनरेबल कोर्ट में गांधी हत्या ट्रॉयल के दौरान नाथूराम गोडसे ने अपना एक बयान सौंपा था कि ‘मैंने गांधी को क्यों मारा?’ निर्मात्री कल्याणी सिंह और निर्देशक अशोक त्यागी ने उसी लीगल स्टेटमेन्ट को आधार बनाकर एक फिल्म का निर्माण किया है- 'मैंने गांधी को क्यों मारा''। फिल्म के प्रस्तुतकर्ता हैं-मान सिंह। फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज के लिए बनाई गई है। यह फिल्म 14वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल (GFFI), नोएडा और खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल (KIFF)2021 के लिए चुनी गई है।

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जब गाँधीजी मर्डर केस की सुनवाई चल रही थी, न्यायाधीश आत्मा चरण की अनुमति लेकर नाथूराम गोडसे ने अपना एक लंबा बयान अदालत में पढ़ा था। पूरा स्टेटमेंट अदालत में पढ़ने में साढ़े चार घंटे लगे थे और बाद में उस पूरे बयान को एक पुस्तक के रूप मे पब्लिश किया गया था- 'मैंने गांधी को क्यों मारा'। यह पुस्तक आसानी से उपलब्ध है। यह सब जानते हैं कि नाथूराम ने गांधीजी की हत्या किया था लेकिन क्या कभी सोचते हैं कि वो क्या स्ट्रीम मानसिक स्थिति रही होगी जिसमें कोई व्यक्ति ऐसा कदम उठाया होगा। यह एक अवधारणा बन गई है लोगों की सोच में कि नाथूराम या तो टेरोरिस्ट थे या फिर विक्षिप्त मानसिकता के हिले हुए दिमाग वाले अति- हिंदूवादी।

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बहरहाल जब आप यह स्टेटमेन्ट पढ़ेंगे तो पाएंगे कि वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो पुणे में रहते थे, एक एक्टिविस्ट थे और एक अखबार 'अग्रणी' का संपादन किया करते थे। 1964 में भारत सरकार ने एक जांच कमीशन बैठाया जो पता लगा सके कि गाँधीजी की हत्या की वजह क्या थी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज  जे एल कपूर की ज्यूरिडिक्शन में यह जांच पूरी हुई। माननीय जे एल कपूर साहब ने 1970 में अपनी रिपोर्ट पेश किया। इस रिपोर्ट में पेश किए गए चैप्टर 12 के कुछ अंश को  फिल्म के आरंभ में 10 मिनट की कमेंट्री के रूप मे दिया गया है। बाकी फिल्म के 35 मिनट में गोडसे के लीगल स्टेटमेन्ट को ही सम्पादित रूप में पेश किया गया है।

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जो आवाज फिल्म में है वो पूरी तरह से नाथूराम गोडसे के दस्तावेज का ही रूपांतरित स्वरूप है।फिल्म नाथूराम गोडसे के फांसी पर चढ़ने के सिस्टेमेटिक वृतांत के साथ साथ 20 वीं सदी के भारत की वैकल्पिक सोच को भी दर्शाती है। फिल्म में नाथूराम गोडसे की भूमिका में हैं अमोल कोल्हे।राइट मीडिया के बैनर तले,मानसिंह द्वारा प्रस्तुत, इस फिल्म के छायाकार हैं संजीव सूद, एडिटर हैं भरत बरिक, साउंड-शिवदास का है, गीतकार हैं- फ़ैज़ अनवर फ़ैज़ और संगीत दिया है- हृ जु रॉय ने। निर्मात्री-कल्याणी सिंह और निर्देशक-अशोक त्यागी की यह फिल्म 'मैंने गांधी को क्यों मारा' 30 जनवरी 2022 को प्रदर्शित होगी।

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