शाहरुख़ खान:--- उत्सव का सीजन तो बारिश खत्म होने के साथ साथ ही शुरू हो जाता है। मन में खुशियों के फूल खिलने लगते हैं। दीपावली के आसपास मेरा जन्मदिन (2 नवंबर) होने से डबल धमाका सेलिब्रेशंस होता है। दीपावली मेरे लिए बेहद खुशियों भरा त्यौहार है और अपने साथ मीठी यादें ले आती है। मैंने अपना बांद्रा बैंड स्टैंड स्थित बंगला (मन्नत) 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' (1995) के रिलीज़ होने के आसपास, दीपावली के कुछ दिन पहले खरीदा था। हमने तय किया की दीपावली हम इसी बंगले में मनाएंगे। उस वक्त वह बंगला काफी पुराना और टूटा फूटा था जिसमें बिजली भी नहीं थी। बंगले का ग्राउंड फ्लोर हम स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करते थे, जिसमें यश चोपड़ा प्रोडक्शन के प्रॉप्स, स्टोर करके रखे जाते थे। सिर्फ टेरेस ही वो जगह थी जहां हम पार्टी मना सकते थे। सबसे पहली मुसीबत तो यह आई के बंगले में जो पुराना वॉचमैन था उसे पता ही नहीं था कि वह बंगला मैंने खरीद लिया है। जब हम वहां पार्टी के आयोजन करने के लिए आए तो वॉचमैन हमें घुसने ही नहीं दे रहा था। फिर बंगले के पहले वाले ओनर से बातचीत करवाई तब कहीं जाकर हम अंदर घुसे। हमने अपने दोस्तों करण जोहर, आदित्य चोपड़ा के साथ आनन-फानन में मोमबत्तियां जलाकर बंगले को रोशन किया, छत पर जनरेटर लगवाई और दिलवाले दुल्हनिया रिलीज होने का जश्न मनाया। उस बात को आज तेईस वर्ष गुज़र चुके हैं। आज भी हमारे उसी बंगले में बड़ी धूमधाम से दीपावली की पार्टी मनाई जाती है। हमारे इंडस्ट्री, गैर इंडस्ट्री के दोस्त आते हैं, खूब रौनक रहती है, खूब आनंद मनाते हैं। हमारे बच्चे चुनिंदा पटाखे फोड़ते हैं। मैं भी उस वक्त बच्चा बन जाता हूं। हम सपरिवार अमिताभ सर के दीपावली बैश में जाते हैं, लेकिन इस बंगले में मैंने जो पहली दिवाली मनाई वह मेरे दिल में आज भी हरा है।आप सबको शुभ दीपावली की मंगलकामनाएं।
मन्नत वाली दिवाली मेरी दिल के करीब है- शाहरुख़ खान
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