मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) की पहली बड़ी फिल्म ‘सत्या’ (Satya) थी जिससे उन्हें बॉलीवुड में बड़ी शोहरत हासिल हुई. लेकिन इसके बाद भी एक्टर को अपनें कुछ नीजि सपनों को पूरा करनें के लिए सालों इंतजार करना पड़ा.
एक्टर मनोज बाजपेयी ने राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्म सत्या को लेकर एक बात शेयर की जिसकों सुनकर अपको भी थोड़ा दुख हो सकता हैं. मनोज बाजपेयी ने कहा है कि शुरू में उन्होंने कई ऐसी फिल्में कीं, जिनमें उन्हें अच्छी फीस नहीं मिली, साथ ही यह भी कहा कि ‘सत्या’ की सफलता और इसके साथ आई लोकप्रियता के बाद भी, वह आठ साल बाद जाकर मुंबई में एक घर खरीदने में कामयाब हुए.
वेसे तो मनोज बाजपेयी 1994 में शेखर कपूर (Shekhar Kapu) की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ (Bandit Queen) के साथ बॉलीवुड में अपनी शुरुआत कर चुके थें. लेकिन एक्टर को राम गोपाल वर्मा की साल 1998 में आई फिल्म सत्या के साथ सफलता का पहला स्वाद चखा. क्राइम ड्रामा ने कई वर्षों तक हिंदी फिल्म इडस्ट्री में गैंगस्टर फिल्मों के लिए टोन सेट किया.
मनोज बाजपेयी ने हाल ही में बॉलीवुड हंगामा (Bollywood Hungama) को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि "मैं जो फिल्में कर रहा था, वे अच्छी फीस नहीं मिल रही थीं. मैं सत्या , शूल (Shool), कौन (kaun), जुबैदा (Zubeidaa), अक्स (Aks),दिल पे मत ले यार (Dil Pe Mat Le Yaar), पिंजर (Pinjar) या रोड (Road) कर रहा था ... ये ऐसी फिल्में नहीं हैं जो आपको एक सुपरस्टार बनाती हैं." ये ऐसी फिल्में थीं जिनका मैं हिस्सा बनना चाहता था. ये ऐसी फिल्में थीं जिनका बजट इतना बड़ा नहीं था ... जिससे वे मुझे थोड़ी रिस्पेक्टिव फीस दे सकते थे. मैंने उन्हें इसलिए किया क्योंकि मैं उनका हिस्सा बनना चाहता था फिल्में. वे मेरे गली-मोहल्ले की फिल्में थीं, वे अभिनय के लिए मेरी भूख को संतुष्ट कर सकती थीं.
आगे उन्होंने कहा, "सत्या के सात या आठ साल बाद ही मैं अपना घर खरीदने में कामयाब रहा. हर फिल्म के साथ, मैं सिर्फ अपने जीने का जुगाड़ कर रहा था. एक बड़ी चीज जो मेरे साथ हुई, जो सत्या से पहले नहीं थी." एक कार थी. जब मेरा सिक्योरिटी सड़कों पर मेरे साथ चल रहा होता है तो मुझे बोझ महसूस होता है."
मनोज बाजपेयी को हाल ही में डिज़्नी+ हॉटस्टार ओरिजिनल (Disney+ Hotstar original) के ‘गुलमोहर’ (Gulmohar) में देखा गया था, जिसमें अलग-अलग तरह के लोगों और एक परिवार के अंदर मौजूद बंधनों को दिखाया गया था. डायरेक्टर राहुल चित्तेला (Rahul Chittella) ने इसमें शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore), सूरज शर्मा (Suraj Sharma) और सिमरन (Simran) को भी कॉस्ट किया था.
एक्टर अपूर्व सिंह कार्की (Apoorv Singh Karki) की कोर्टरूम ड्रामा ‘सिर्फ एक बंदा काफी हैं’ (Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai) में नजर आने वाले हैं. 13 मई को न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल (New York Indian Film Festival) में वर्ल्ड प्रीमियर किया जाएगा. यह फिल्म एक हाई कोर्ट के वकील की कहानी है जो एक नाबालिग के बलात्कार के लिए मुकदमा लड़ रहा है. सिर्फ एक बंदा काफी है 23 मई को ZEE5 पर डिजिटल रिलीज की जाएगी. इसी के साथ वह अपनी हिट क्राइम-थ्रिलर सीरीज़ ‘द फैमिली मैन’ (The Family Man) के तीसरा सीज़न पर भी काम कर रहे है