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बनारस के मंदिरों में गर्भगृह बनाने वाले एक मुस्लिम कारीगर की कहानी है “नक्काश”

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By Mayapuri Desk
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बनारस के मंदिरों में गर्भगृह बनाने वाले एक मुस्लिम कारीगर की कहानी है “नक्काश”

सोशल मीडिया पर फ़िल्म नक्काश का ट्रेलर चर्चा में है। हिंदू-मुस्लिम सब्जेट पर बनी इस फ़िल्म के जोरदार कंटेट ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। फिल्म के र्निदेशक पूर्व पत्रकार जैगम इमाम हैं जबकि मुख्य भूमिका में एयरलिफ्ट, जॉली एलएलबी जैसी फ़िल्मों में लोहा मनवा चुके एक्टर इनामुलहक़, कुमुद मिश्रा और शारिब हाशमी की तिकड़ी है। नक्काश को एक्टर प्रोड्यूसर पवन तिवारी, गोविंद गोयल और खुद जैगम इमाम ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म गोल्डन रेशियो फिल्म्स की तरफ से रिलीज की जा रही है और मेट्स एंटरटेनमेंट द्वारा इसका डिस्ट्रीब्यूशन किया जायेगा।

बनारस के मंदिरों में गर्भगृह बनाने वाले एक मुस्लिम कारीगर की कहानी है “नक्काश”

एबी इन्फोसॉफ्ट क्रिएशन, जलसा पिक्चर्स और पद्मजा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी फिल्म “नक्काश” बनारस में रहने वाले एक मुस्लिम कारीगर अल्लाह रक्खा की कहानी है जो मंदिरों के गर्भगृह बनाने का काम करता है। बनारस में चल रही राजनीतिक हलचलों से अल्लाह के काम में बाधा पहुंच रही है और वो अब पहले की तरह मंदिर में खुलेआम न जाकर चुपके से जाता है ताकि किसी को पता न चल सके कि वो मुसलमान होकर मंदिर में काम करता है। अल्लाह रक्खा के काम को भगवान दास वेदांती का संरक्षण प्राप्त है जो मंदिरों के ट्रस्टी है और मशहूर शख्सियत है। लेकिन एक दिन अल्लाह रक्खा के मंदिर में काम करने का भेद पूरी तरह से खुल जाता है और फिर उसे समाज की विघटनकारी शक्तियों से किस तरह से निपटना पड़ता है यही फिल्म की कहानी है। यह फिल्म 31 मई को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।

फिल्म का संगीत अमन पंत ने तैयार किया है गाने अलोक श्रीवास्तव ने लिखे हैं। फिल्म की कहानी को बनारस के खूबसूरत लोकेशन पर फिल्माया गया है। फिल्म 'नक्काश' मानवता के प्रति प्रेम की विशिष्टता और उसकी उदारता को परिभाषित करती हैं। 'नक्काश' सबसे बड़े धर्म प्यार की बात करती है और धर्म की श्रेष्ठता की आपसी दौड़ के सिद्धांत को नहीं मानती है।

बनारस के मंदिरों में गर्भगृह बनाने वाले एक मुस्लिम कारीगर की कहानी है “नक्काश”

देश की सियासी हलचलों को समेटे हुए ये फिल्म आज के सामाजिक संदर्भों की कहानी कहती है। इतना बोल्ड सब्जेक्ट चुनने के पीछे जैगम की मंशा क्या रही इस सवाल के जवाब पर उनका कहना है कि सिनेमा के जरिए समाज को बखूखी संबोधित किया जा सकता है। साहसी सिनेमा आज की जरूरत है जिसके जरिए उन मुद्दो पर बात हो सकती है जिस पर कोई भी खुलकर बात नहीं करना चाहता।

नक्काश में कुमुद मिश्रा के लुक को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी जोड़ा गया है जिसपर जैगम का कहना है कि इस मुद्दे का जवाब फिल्म देखकर ही मिलेगा। जैगम इमाम इससे पहले “दोज़ख़: इन सर्च ऑफ हेवेन” और “अलिफ” जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं इन दोनों ही फिल्मों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में काफी सराहना मिल चुकी है। जैगम को हाल ही में सिंगापुर साउथ एशियर फिल्म फेस्टिवल में इमर्जिंग फिल्म मेकर ऑफ द ईयर के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

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