अजमेर के पांचवे लिटरेचर फेस्टिवल में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का जमकर विरोध हुआ। नसीरुद्दीन शाह फेस्टिवल का उद्घाटन किए बिना ही वापस लौट आए। काफी देर तक लिटरेचर फेस्टिवल के बाहर वह अपनी गाड़ी में बैठे रहे और फिर वापस होटल आ गए। कुछ संगठनों ने उनके लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने को लेकर जबरदस्त हंगामा मचाया। सारे बैनर, पोस्टर फाड़ दिए और फेस्टिवल के मंच पर चढ़कर भी काफी उपद्रव किया। पुलिस ने मामला शांत करने की कोशिश की लेकिन कार्यकर्ता लगातर नारेबाजी करते रहे। वहीं बढ़ते विरोध को देखते हुए नसीरुद्दीन वहां से वापस लौट आए।
समाज में जहर फैला है- नसीरुद्दीन
दरअसल, नसीरुद्दीन शाह ने गुरुवार को एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने कहा था, '
समाज में जहर फैला हुआ है। मुझे मेरे बच्चों को लेकर चिंता होती है। अगर कभी भीड़ ने घेर कर उन्हें पूछ लिया कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम तो वो इस
का जवाब नहीं दे पाएंगे। देश में किसी पुलिसवाले की मौत से ज्यादा अहम गाय की मौत है। इसी कारण अजमेर में नसीरुद्दीन शाह के आने की खबर के बाद से ही उनका विरोध किया जा रहा है।
पुतला फूंककर हुआ विरोध
इतना ही नहीं, बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के बाहर उनका पुतला फूंककर जबरदस्त विरोध किया और नसीरुद्दीन को पाकिस्तान जाने की सलाह दी। तो कई राजनीतिक पार्टियों ने शाह के बयान को देशविरोधी करार दिया है। बता दें, कि इससे पहले नसीरुद्दीन शाह अजमेर में बचपन के अपने स्कूल सेंट असलम पहुंचे और वहां काफी समय बिताया। वहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने जो बयान दिया वो एक चिंतित हिंदुस्तानी की हैसियत से दिया है। अपने डर को लेकर मेरा यह बयान पहली बार नहीं है।'
आखिर इतना विवाद क्यों- नसीरुद्दीन
अपने बयान को लेकर चल रही सियासत पर शाह का कहना था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बयान पर इतना विवाद क्यों हो रहा है। कांग्रेस द्वारा बयान के समर्थन और बीजेपी द्वारा बयान के विरोध पर उनका कहना था की दोनों अपना काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा के दौरान किसी ने इंस्पेक्टर शेयर कर बयान दिया था।
बिना उद्घाटन किए लौटे वापस
आपको बता दें, कि 23 दिसंबर तक चलने वाले इस लिटरेचर फेस्ट का उद्घाटन मशहूर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह करने वाले थे लेकिन विरोध के चलते वह बिना उद्घाटन किए ही वापस लौट गए, आयोजक सोमरत्न आर्य के अनुसार, अब उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।