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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक बुद्धदेव दासगुप्ता का गुरुवार उनके आवास पर निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे, यह जानकारी उनके परिवार वालों के द्वारा प्राप्त हुई।
दासगुप्ता 77 वर्ष के थे। दासगुप्ता के परिवार में उनकी पत्नी और उनकी पिछली शादी से दो बेटियां हैं। परिवार के सदस्यों ने कहा कि वो लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और सप्ताह में दो बार नियमित रूप से डायलिसिस करवा रहे थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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ममता बनर्जी ने कहा, 'प्रख्यात फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं। अपने कार्यों के माध्यम से, उन्होंने सिनेमा की भाषा में गीतवाद का संचार किया। उनका निधन फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार, सहयोगियों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।'
फिल्मकार गौतम घोष ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “बुद्ध दा खराब सेहत के बावजूद फिल्म बना रहे थे, लेख लिख रहे थे और सक्रिय थे। उन्होंने स्वस्थ न होते हुए भी टोपे और उरोजहाज का निर्देशन किया। उनका जाना हम सबके लिए बहुत बड़ा नुकसान है।'
बता दें कि 1980 और 1990 के दशक में गौतम घोष और अपर्णा सेन के साथ बुद्धदेव दासगुप्ता बंगाल में पैरलेल सिनेमा लेकर आए थे। अबतक दासगुप्ता की पांच फिल्मों को बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। इसके अलावा दो फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है।