नीतू चन्द्रा की प्रतिभा के कई आयाम है. वो ताईक्वांडो की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है, ब्लैक बेल्ट 4 डैन धारी है, भारत में बास्केटबॉल एनबीए प्रमोटर है. इसी के साथ, वो बिहार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली निर्माता भी हैं. उन्हें एक मैथिली फिल्म के लिए ये अवार्ड मिला था, जो बिहार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाषा है. अपने होम टाऊन पटना के लिए नीतू का अगाध प्रेम हर बार स्पष्ट दिखाई देता है. इसी क्रम में वो 3 बार की चैंपियन 'पटना पाइरेट्स' के लिए दूसरी बार ब्रांड एंबेसडर बनने जा रही है. प्रो-कबड्डी लीग के हर सीजन में पटना पाइरेट्स ने दृढ़ संकल्प और समर्पण दिखाया है और यह 7वां सत्र होगा. एक बार फिर, हम नीतू चंद्रा को पटना पाइरेट्स के लिए चीयर करते देखेंगे. बचपन से ही खेल भावना से प्रेरित रही, चंद्रा को बास्केटबॉल और ताइक्वांडो में गहरी दिलचस्पी थी और वह देश भर में एनबीए को बढ़ावा भी दे रही है.
वह कहती हैं, 'बास्केटबॉल एक फैमिली गेम है'. यदि परिवार में समन्वय, सहयोग, एक-दूसरे के लिए सम्मान और समझ नहीं होती है तो परिवार टूट जाता है और ऐसा ही बास्केटबॉल टीम और हर खेल पर लागू होता है.”
नीतू कहती हैं, “खेल मेरे लिए बहुत छोटी उम्र से ही जीवन का एक हिस्सा रहा है और पटना मेरे लिए घरेलू मैदान है. प्रतिभा, कड़ी मेहनत और ईमानदारी का जश्न मनाने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता था. पटना पाइरेट्स ने हर बार साबित किया है. और मैं उनकी ब्रांड एंबेसडर बनने को ले कर उत्साहित हूं.”
नीतू चंद्रा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पटना (बिहार) का प्रतिनिधित्व किया है. पूरी तरह से बिहार में एक फिल्म की शूटिंग के बाद, उनके भाई निर्देशक नितिन चंद्रा और खुद नीतू पहले निर्माता / निर्देशक हैं जिन्हें राज्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. वह तब भी भारत को विश्व मानचित्र पर ले कर आई जब उन्होंने ताइक्वांडो खिलाड़ी के रूप में देश का प्रतिनिधित्व किया. एक अभिमेता के तौर पर उनके खाते में 2 राष्ट्रीय पुरस्कृत फिल्में ट्रैफ़िक सिग्नल और ओए लकी लकी ओए है. उनका नाम, उनकी ऊर्जा और उत्साह टीम के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा. टीम इसी महीने की 20 तारीख से हैदराबाद में अपना मैच खेलना शुरु करेगी.