समय का चक्का आगे बढ़ा है और 2023 का साल सामने खड़ा है. सिनेमा परिवार के साथ कदम ताल करती हुई 'मायापुरी' ने हमेशा हेल्लो कहकर चुनौतियों से आगाह कराया है अपने पाठकों को. अपने लगभग 50 सालों के लम्बे सफर में हमने इंडस्ट्री को इतना विचलित हुआ कभी नही देखा था जितना इस नए साल मे देख रहे हैं. सिनेमा की नब्ज सिनेमा घर (सिंगल या मल्टी प्लेक्स थियेटर) होते हैं, इस साल की शुरुवात सिनेमा घरों पर थोपे जा रहे अव्यवहारिक कानूनों के साथ हो रही है.
यथा- सिनेमा घरों के बाहर मदिरा की दुकान, बियर बार या डांस बार खोले जा सकते हैं. यानी- पहले से असुरक्षित होते जा रहे सिनेमा घरों पर और भी असुरक्षित होने का एक नया लेबल! साल के पहले हफ्ते में ही एक और बहसिया- टॉपिक कानून बनाए जाने के लिए सामने आया है कि दर्शक फिल्म टाकिजों में बाहर से (या घर की बनी हुई) खाने पीने की चीजें लेकर सिनेमा घरों में जा सकते हैं. सिनेमा घर प्राइवेट प्रोपर्टी होते हैं, उनके रख रखाव का ख्याल रखने वाले उनके मालिक इस कानून का कड़ा विरोध कर रहे हैं. हो सकता है साल 2023 के मुंह में डाली जा रही यही बात कल सिनेमा घरों की स्ट्राइक का कारण भी बने!
सिनेमा व्यवसाय पर धर्म को लेकर अनचाही छेड़ी गयी बहस ने 'बॉयकॉट' का जो रूप लिया है वो और विकृत रूप में इस साल सामने आ सकता है. 'पठान' के सामने कई 'हिन्दूवान' फिल्मों को बनाए जाने का घोर संकट खड़ा हो सकता है क्योंकि कई प्रोडक्शन हाउसों द्वारा ऐसे विषयों पर काम शुरू किये जाने की चर्चा चल रही है. आमिर खान अपने पुराने बयानों और बनाई गई फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में सेना को अ-मर्यादित करके दिखाने के लिए आरोपित हैं तो शाहरुख खान को 'पठान' में दीपिका पर फिल्माया गया गाना 'बेशरम रंग' सिनेमा प्रेमियों की नज़र में गिरा दिया है. सेंसर बोर्ड मन मसोस कर ऐसी फिल्में देखता रहे... तो सोचिए देश मे सिनेमा की स्थिति क्या बनेगी?
दक्षिण की फिल्मों का आक्रमण बॉलीवुड पर ऐसे हो रहा है जैसे देश के गोदामों से चाइना का माल हटाने का आंदोलन चल रहा हो. दक्षिण की फिल्मों को पैन इंडिया का दर्जा मिल चुका है इससे मुम्बईया निर्माताओं की नींद हराम है जो पुराने पैटर्न की फिल्मों को बनाने में करोड़ों रुपए फंसा कर बैठे हैं. सो, हेल्लो... 2023 ! तुम्हारे रास्ते मे नए वर्ष के सिनेमा को खतरा ही खतरा है जिसने बॉलीवुड को विचलित कर रखा है.
वेब सीरीज और ओटीटी के लिए बनने वाली फिल्मों ने स्टार सिस्टम को नकार दिया है. '23 के सिनेमा में स्टार भी 23 के आसपास की उम्र वाले चाहिए, यह बात साबित हो चुकी है. अब शाहरुख, अक्षय और अजय के बेटे बेटियों या उनकी उम्र के युवावों को दर्शक लीड रोल में देखना चाहते हैं. गए सालों में पर्दे पर चमकने वाले सितारे आज बाप बनने की उम्र में हैं तो बाप ही बनकर पर्दे पर दिखलाई पडें, यह वार्निंग 'एप्प-सिनेमा' ने कोरोना-काल से ही देना शुरू कर रखा है. और, इसकी आधी शुरुवात हो भी चुकी है.
कई सितारों के बेटे बेटी नई खुशबू लेकर पर्दे पर 2023 में आने के लिए अखाड़े में कदम रख भी दिए हैं. शाहरुख खान के बेटे बेटी, अमीर खान के बेटे बेटी, सैफ अली खान के बेटे बेटी पर्दे का रास्ता खुद के लिए चुन लिए हैं. लेकिन, उनके बाप अभी भी हीरो बने रहकर पर्दे पर रहने का मोह नही छोड़ पा रहे हैं. अक्षय और अजय देवगन के बच्चे भी पर्दे पर आने की खबरों में रहेंगे, यह 2023 के कोटे की सस्पेंस सामग्री है. यानी- नवीनता भी चल रहे साल के साथ उत्साह लिए साथ साथ चलती दिखाई देती रहेगी.
फिलहाल... हमारे सितारों में ऊर्जा कम हुई है, अभी वे यह बात मानने के लिए तैयार भी नहीं हैं. उनकी चाल कह रही है- 'बस, चलते जाना है.' शाहरूख, सलमान, अक्षय, अजय, कार्तिक, रनबीर और रनवीर जैसे सितारे साल 2023 में अपनी पिच पर डटे दिखाई दे रहे हैं. इस साल इनकी कोई न कोई फिल्म आने वाली हैं. अगर दो चार फिल्में भी हिट होजाती हैं तो बॉलीवुड का बाजार गरमाया रहेगा. अभी तो हम यही कहेंगे- "हेल्लो...2023 जी! वेलकम! हमारे पाठकों, दर्शकों और देश वासियों को शुभ कामना!