ऋषि कपूर ने ट्वीट कर अपने गुस्से का इज़हार किया है (Nirbhaya Case News)
सन्नी देओल और ऋषि कपूर की फिल्म दामिनी हम सबने देखी है। इस फिल्म में एक लड़की का बलात्कार होता है और फिर उस केस में मिलती है तो केवल तारीख पर तारीख। इस फिल्म को 23 साल पूरे हो चुके हैं और ऐसा लगता है कि फिल्म की कहानी रीयल लाइफ में भी दोहराई जा रही है। हम बात कर रहे हैं निर्भया केस(Nirbhaya Case News) की। जिसमें भी अब तारीखों का सिलसिला चल निकला है। लिहाज़ा अभिनेता ऋषि कपूर ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली है और गुस्से का इज़हार किया है।
साल 1993 में आई थी ‘दामिनी’
दामिनी साल 1993 में रिलीज़ हुई थी। जिसमें ऋषि कपूर, मीनाक्षी शेषाद्रि और सन्नी देओल नज़र आए थे। फिल्म रेप पीड़िता और उसको मिलने वाले इंसाफ के लिए जद्दोजहद पर आधारित थी। इस फिल्म में सन्नी देओल वकील के रोल में नज़र आए थे। और उनका कोर्ट में बोला गया “तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख” डायलॉग काफी फेमस हुआ था। वहीं अब निर्भया केस में बार - बार मिल रही तारीख पर ऋषि कपूर ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। और ऋषि कपूर ने इस पर एक ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली है।
निर्भया केस पर क्या बोले ऋषि कपूर(Rishi Kapoor Tweet on Nirbhaya Case)
ऋषि कपूर ने निर्भया केस में दोषियों की टल रही फांसी पर कहा,
“निर्भया केस। तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख – दामिनी.. वाहियात”।
तीसरी बार टली है निर्भया के दोषियों की फांसी(Nirbhaya Case Latest News)
आपको बता दें कि सोमवार को तीसरी बार ऐसा हुआ जब निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट रद्द हो गया। उन्हे 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी लेकिन चार दोषियों में से एक दोषी पवन गुप्ता की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है लिहाज़ा इस डेथ वारंट को कैंसिल करना पड़ा। सोमवार की शाम को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने ये फैसला सुनाया। जज ने बड़े ही सधे शब्दों में कहा कि, 'पीड़ित पक्ष की तरफ से कड़े प्रतिरोध के बावजूद, हमारा विचार है कि किसी भी दोषी के मन में अपने रचयिता से मिलते समय ये शिकायत नहीं होनी चाहिए कि देश की अदालत ने उसे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने में निष्पक्ष रूप से काम नहीं किया।'
जानें निर्भया केस की पूरी सच्चाई(Nirbhaya Case News)
निर्भया केस 16 दिसंबर, 2012 का है जब एक चलती प्राइवेट बस में 6 लोगों ने 23 साल की निर्भया का ना केवल बलात्कार किया बल्कि हैवानियत की सभी हदों को पार कर दिया। नतीजा निर्भया ने 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। निर्भया के 6 आरोपियों में से एक नाबालिग था। जिसका केस जुवेनाइल कोर्ट में चला था। वहीं बाकी 5 दोषियों में से एक राम सिंह केड़ा ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं नाबालिग दोषी को रिहा किया जा चुका है। जबकि चार दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई गई है। लेकिन बार-बार फांसी की सज़ा टलने से निर्भया की मां ही नहीं बल्कि पूरे देश में नाराज़गी देखी जा रही है।
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