Nirmal Mukherjee passed away: फेमस वादक और संगीतकार निर्मल मुखर्जी (Nirmal Mukherjee) का 71 साल की उम्र में हीरानंदानी अस्पताल में निधन हो गया. निर्मल मुखर्जी ने अरविंद हल्दीपुर के साथ गणेशोत्सव के दौरान प्रसिद्ध गीत 'असी चिकमोत्याची मल' की रचना की थी. विभिन्न पश्चिमी वाद्य यंत्रों के ज्ञाता निर्मल ने दस साल की उम्र में संगीतकार के रूप में शुरुआत की थी.
साल साल की उम्र में की करियर की शुरुआत
निर्मल मुखर्जी के पिता एक फिल्म निर्माता थे. वह दादर इलाके में बसंती म्यूजिक हॉल का मालिक था. उस समय के कई प्रसिद्ध संगीतकार इस हॉल में गाने रिकॉर्ड करने से पहले प्रैक्टिस किया करते थे. निर्मल उस समय उनकी चर्चाओं, गायन और वादन से प्रभावित थे. बाद में, 14 साल की उम्र में, वह सिने म्यूजिक एसोसिएशन में शामिल हो गए. उन्होंने दस साल की उम्र में एक आर्केस्ट्रा के माध्यम से एक संगीतकार के रूप में शुरुआत की. वह हाजरा सिंह के बैंड में बोंगो बजाते थे. बाद में उन्हें लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की टीम में जगह मिली. अपने विशिष्ट वादन के कारण ही वह राहुल देव बर्मन, राजेश रोशन, कल्याणजी-आनंदजी के साथ-साथ अनु मलिक, जतिन-ललित से लेकर विशाल-शेखर तक के संगीतकारों के लिए एक वादक बन गए.वे केवल अवलोकन के माध्यम से एक वाद्य यंत्र बजाने का कौशल प्राप्त करते थे.
आपको बता दें कि निर्मल मुखर्जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने प्रभाकर माशेलकर, मारुतराव कीर जैसे संगीतकारों से विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों की शिक्षा भी ली थी. वह पंद्रह हजार से अधिक गानों में शामिल हैं. हिंदी के अलावा, उन्होंने बंगाली और मराठी गीतों के संगीतकार और वादक के रूप में भी काम किया. उन्होंने दो दिन पहले आयोजित 'लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल नाइट' में भी हिस्सा लिया था.