फैक्चुअल एंटरटेनमेंट में लीडर History TV18 और दिव्यांग बच्चों को समर्पित संस्था और उन्हें देश में विशेष शिक्षा देने वाले सबसे बड़े एनजीओ, ADAPT के 50 साल पूरे होने की ख़ुशी में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए दोनो एक साथ आए. इस ख़ास इवेंट का मुख्य आकर्षण था History TV18 चैनल का प्रसिद्द शो – OMG! Yeh Mera India - जिसके नए सीज़न का गणतंत्र दिवस (गुरुवार, 26 जनवरी को रात 8 बजे) पर प्रीमियर हो रहा है. इस इवेंट के साथ History TV18 का सम्बंध एकदम सटीक बैठता है क्यूँकि यह चैनल उन आम भारतीयों की कहानियाँ सामने लाता है जो रोज़ बड़ी बाधाओं से लड़कर असाधारण काम करते हैं. यह एनजीओ ADAPT के प्रयासों के लिए भी एकदम उपयुक्त श्रद्धांजलि थी, जो अपनी स्थापना से ही दिव्यांग बच्चों और युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता आ रहा है.
इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध टेलीविजन अभिनेता और OMG! Yeh Mera India के होस्ट कृष्णा अभिषेक; AETN18 के MD और CEO – Broadcast, Network18, अविनाश कौल; पद्म श्री से सम्मानित ADAPT के संस्थापक, डॉ. मिथु अलुर के साथ-साथ शामिल थे पैरा-एथलीट कमल कांत नायक, जो शो के 9वें सीजन में भी दिखाई देंगे.
दिन की गतिविधियों के बारे में बात करते हुए अविनाश कौल ने कहा, “History TV18 में हम उन छोटी-छोटी सच्ची कहानियों को चुनकर लाते हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान भी बढ़ाती हैं और हमें देश के बारे में कुछ नया सिखाती हैं. अद्भुत भारतीयों, आधुनिक करिश्मों और प्राचीन जगहों की कहानियां. हर कहानी ऐसे लोगों की कहानी है जो आम हैं पर अपने अथक प्रयासों से कुछ असाधारण कर जाते हैं और रोज़ इतिहास बनाते हैं. हम यहाँ ADAPT में आकर काफ़ी उत्साहित हैं क्यूँकि यह एक ऐसा संगठन है जिसने एक समावेशी समाज बनाने और दिव्यांगों के लिए अवसरों का निर्माण करने की दिशा में सराहनीय काम किया है. हम ADAPT जैसी संस्था की सफलता की कहानी से प्रेरणा लेकर History TV18 के माध्यम से लोगों को उनकी क्षमता और जुनून को दुनिया के सामने लाने में उनकी भरपूर मदद करने की उम्मीद करते हैं. पिछले सात वर्षों से OMG! Yeh Mera India ऐसे लोगों की कहानी दिखाता आ रहा है जिन्होंने अपने सपनों को पूरा करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने की दिशा में काम किया है. इनमें कई दिव्यांग लोगों की प्रेरणादायक कहानियां भी शामिल हैं.”
ADAPT, जिसने हाल ही में अपना 50वां वर्ष पूरा किया है, यह संस्था महत्वपूर्ण शैक्षिक, पैरामेडिकल, वोकेशनल और सामुदायिक सेवाएं देती आ रही है. संस्था ने अपनी सेवाओं और विकलांगता अधिकारों की मुहीम के माध्यम से विश्व में लाखों लोगों के जीवन पर असर डाला है. यह संस्था दिव्यांगो के अधिकारों और जरूरतों की लड़ाई में सबसे आगे रही है और साथ ही देश में इससे जुड़ी नीतियों पर भी काफ़ी काम किया है.
डॉ. मिथु अलूर ने इस पहल पर कहा, “हम HistoryTV18 के साथ जुड़ करके बहुत खुश हैं. देश भर में दिव्यांग बच्चों और युवाओं की आवाज़ बनकर, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है ताकि उन्हें रोजगार मिले और समाज में बराबरी का दर्जा भी. हम विकलांगता से जुड़ी चुनौतियों को मिटाना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी को अपनी क्षमता दिखाने का पूरा मौक़ा मिले.”
इस कार्यक्रम में डॉ. अलूर की बेटी, मालिनी चिब के साथ एक साक्षात्कार भी शामिल था, जो उनकी मां के लिए इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा थीं. बचपन में मालिनी को पता चला कि वो सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं. कई चुनौतियों और मुश्किलों के बावजूद, मालिनी विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता और लेखक के रूप में दिव्यांग लोगों के लिए काफ़ी काम करती हैं. इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों में ओडिशा के पैरा-एथलीट कमल कांत नायक भी शामिल थे, जिन्होंने अपने जीवन की प्रेरणादायक कहानी भी साझा की. 2014 में रीढ़ की हड्डी में समस्या से पीड़ित होने के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बड़ी बाधाओं को पार किया. आज कमला कांत लकवाग्रस्त और रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित लोगों को उनकी ज़रूरतें और सपने पूरा करने में मदद करते हैं. वह ओडिशा व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम के कप्तान भी हैं.
ADAPT के छात्रों ने देशभक्ति गीतों पर अपने कोरियोग्राफ किए गए प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया. मंच पर उनके साथ थे कृष्णा अभिषेक, जो काफ़ी लंबे समय से भारत की प्रमुख फ़ैक्चुअल सीरीज़ OMG! Yeh Mera India के होस्ट रहे हैं और उन्होंने OMG! Yeh Mera India के टाइटल ट्रैक पर परफ़ॉर्म भी किया. विश्वास और दृढ़ निश्चय के संदेश का प्रचार करने वाले और सबको एकता के सूत्र में बांधने वाले गीत हम होंगे कामयाब को सबने मिलकर गाया.
कृष्णा ने कहा, “इतने प्रतिभाशाली बच्चों के साथ इस मंच को साझा करना एक बहुत ख़ास अनुभव है. मैं आज बहुत प्रेरित हुआ हूं और इन सभी से बहुत कुछ सीखा है जो कड़ी चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ते रहते हैं और मुस्कराते हुए बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार करना जानते हैं.”
यह दिन उपलब्धियाँ, ख़ुशियाँ और विचारों को साझा करने का था और सभी के लिए यादगार बन गया.