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फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज का रास्ता साफ हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सेंसर बोर्ड ने फिल्म को 26 कट्स के साथ रिलीज किए जाने की मंजूरी दे दी है। साथ ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' करने को कहा है। इसके अलावा घूमर गाने में भी बदलाव किए जाने को कहा गया है। इसे लेकर सेंसर बोर्ड द्वारा गठित किए गए एक विशेष पैनल के सुझावों पर ऐसा किए जाने की बात कही जा रही है। राजपूत समाज के संगठन अखंड राजपुताना सेवासंघ ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है और कहा है कि फिल्म का पद्मावत नाम भी मंजूर नहीं है।
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि ऐसा लगता है जैसे सेंसर बोर्ड अपनी तरफ से पहल करके संजय लीला भंसाली को मदद करना चाहता है और फिल्म को प्रदर्शित करने मे मदद करने का पूरा मन बना लिया है जिसके तहत फिल्म का नाम और कुछ सीन को काटने की खबर फैलाकर फिल्म प्रमाण पत्र देना चाहता जो राजपूत समाज के साथ एक तरह का धोखा है और नियम के विरोध है क्योकि फिल्म का टाइटल बदल देने से लोगों की भावना नही बदल जायेगी।
बिना सहमति के फिल्म रिलीज करना असंभव
आर पी सिंह ने आगे कहा कि हमे यह नही समझ मे आता है कि राजपूत समाज के संगठनों के प्रतिनिधि को फिल्म दिखाने से फ़िल्मकार और संस्थाये क्यों बचाना चाहती है? उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि राजपूत समाज के संगठनों के प्रतिनिधियों की सहमति के बिना फिल्म को प्रदर्शित करना असंभव है। श्री सिंह ने कहा कि अखंड राजपूताना सेवासंघ सेंसर बोर्ड के निर्णय का पुरज़ोर विरोध करेगा और हर संभव कोशिश होगी कि फिल्म प्रदर्शित न होने पाए।