Pamela Chopra: हालाँकि यह एक 'फ्रिक-आउट' पैरोडी-मेडली थी, लेकिन 'लम्हे' में प्रतिष्ठित गीत-मुखदास गाना, मेरे लिए एक रचनात्मक चुनौती थी by Chaitanya Padukone By Mayapuri Desk 22 Apr 2023 | एडिट 22 Apr 2023 08:05 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर "क्या आपके अंत में सबकुछ ठीक है और क्या आपका परिवार ठीक है?" अक्सर, जब मैं YRF पोस्ट-प्रीमियर कार्यक्रमों में प्रतिष्ठित, विनम्र, पामेला चोपड़ा-जी से मिलता था या बहुआयामी डॉ. टी. सुब्बारामी रेड्डी द्वारा बुलाए गए वार्षिक यश चोपड़ा राष्ट्रीय स्मारक पुरस्कार कार्यक्रमों में यह उनकी शुरुआती पंक्ति हुआ करती थी. बहु-प्रतिभाशाली 'दिवंगत' पामेला चोपड़ा के 'नहीं रहने' के कटु दुखद तथ्य से सामंजस्य बिठाना इतना मुश्किल है... जैसा कि जाना जाता है, संगीत की ओर झुकाव और संस्कृति की समझ रखने वाली पामेला-जी यशजी की प्रेरणा-प्रभाव थीं, यशराज फिल्म्स की दोस्ताना-मार्गदर्शक रचनात्मक शक्ति और उनके प्रसिद्ध फिल्म-निर्माता प्रेमी पति 'दिवंगत' यश चोपड़ा-साब. उत्कृष्ट गायिका, पटकथा-लेखक, कॉस्ट्यूम-डिज़ाइनर, निर्माता, सिनेमा-प्रेमी, रचनात्मक सलाहकार, शास्त्रीय नर्तक, एक देखभाल करने वाली, समर्पित पत्नी और एक प्यार करने वाली माँ----वह तब पामेला चोपड़ा-जी थीं. जब भी मैं पामेला जी से मिला वह हमेशा खुशमिजाज और मुस्कुराती, विनम्र और सौम्य थीं लेकिन उनका सेंस ऑफ विटी ह्यूमर भी अच्छा था. यश चोपड़ा के जीवनकाल में, मुझे याद है कि वरिष्ठ मीडिया फोटोग्राफर भी पामेला-जी से किसी कार्यक्रम में 'सोलो' पोज देने के लिए अनुरोध करते थे. उसने मजाक में उनसे पूछा, "क्या आप सभी निश्चित हैं, आप लोगों को मेरा 'सोलो' फोटो ही छैय्या और किसी शीर्ष स्टार या सेलिब्रिटी के साथ नहीं". पामेला जी कभी मीडिया की लाइमलाइट के लिए लालायित नहीं रहीं, उन्होंने हमेशा वही किया जो उन्हें पसंद था, 'शुद्ध जुनून' से बाहर और कभी भी समाचार-कवरेज में नहीं आने के लिए. बल्कि बोल्ड-रोमांटिक विषय वाली फिल्म 'लम्हे' (1991) के रिलीज़ होने के बाद, मुझे एक मीडिया-इवेंट में पामेला-जी की याद आती है, जिसमें उन्होंने 'लम्हे' में रेट्रो-गाने के 'फ्रीक-आउट' पैरोडी-मेडली सोलो और युगल मुखदास के बारे में उल्लेख किया था. जिसे उन्होंने पार्श्वगायक के रूप में प्रख्यात पार्श्वगायक सुदेश भोसले के साथ बहुत खूबसूरती से गाया था. उसने कहा, "यशराज की कई फिल्मों में रचित लोक-आधारित जातीय या नियमित पार्श्व गीत गाना, मेरे आराम-क्षेत्र से अधिक है. लेकिन यहां पुराने सदाबहार गीतों के इस मुखड़ा-मैडले में मुझे अपनी आवाज में लता-दीदी मंगेशकर के मशहूर गाने जैसे 'प्यार हुआ एक इकरार हुआ' और 'बिंदिया चमकेगी' गाना था. फिर मैंने तदबीर से बिगड़ी हुई और बाबूजी धीरे चलना जैसे लोकप्रिय गीता दत्त गीत भी गाए. जब अभिनेत्री वहीदा रहमान-जी ने 'आज फिर जीने की तमन्ना है' के मेरे संस्करण पर नृत्य किया तो यह बहुत खुशी की बात थी." पामेला-जी ने मेरे साथ साझा किया था. पामेला जी हम सब आपको मिस करेंगे, आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी. ॐ शांति ://:// #pamela chopra हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article