पंकज त्रिपाठी के फैन्स अपने चहेते स्टार के अचानक पर्दे से गायब हो जाने से परेशान नज़र आ रहे हैं. पंकज, शुरू से ही केवल चुनिंदा भूमिकाएं चुनने के लिए जाने जाते हैं. 2023 की पहली तिमाही में उनकी मौजूदगी फिल्मों में कम नज़र आ रही हैं, और उनकी तरफ से कोई नए बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा भी नहीं हुई है. हालांकि, पंकज वादा करते है कि यह स्थिति जल्द ही बदलने जा रही है क्योंकि 2023 का उत्तरार्द्ध उनके लिए बहुत व्यस्त होने वाला है. पंकज इस साल सात रिलीज़ की उम्मीद कर रहे हैं, जिनमें गुलकंदा टेल्स, मिर्जापुर 3, ओह माय गॉड 2, फुकरे 3, मर्डर मुबारक, फादर, मेट्रो इन डिनो शामिल हैं. उन्होंने बहुप्रतीक्षित फिल्में 'अटल और स्त्री 2' की भी शूटिंग शुरू कर दी है.
इस बारे में पूछने पर पंकज ने बताया "ऐसा कुछ नहीं है कि मैं अपने दर्शकों के नज़रों से ओझल हो चुका हूं, बस फिल्म बनाने की एक प्रक्रिया होती है जिसमें समय लगता है. मेरी प्रोजेक्टस मिर्ज़ापुर 3, ओह माय गॉड 2, फादर और फुकरे 3 पहले से ही पोस्ट-प्रोडक्शन में हैं और मैंने अटल और स्त्री 2 की शूटिंग शुरू कर दी है. इसलिए, सब कुछ ट्रैक पर लग रहा है. मैं पिछले कुछ समय से अपने कुछ निजी कामों में भी थोड़ा व्यस्त रहा था. मैं अपने गांव में कुछ विकास कार्य देख रहा था. तो, हाँ, जीवन व्यस्त हो गया है. मुझे अपनी नई फिल्मों के रिलीज़ होने के लिए सही समय का इंतज़ार करना होगा.
'मिर्जापुर 3'में पंकज अपने कालीन भाई के किरदार को तीसरी बार जीवंत करेंगे. उनकी फिल्म 'फादर' में पार्वती थिरुवोथु और संजना सांघी भी हैं. अटल फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित है. पंकज त्रिपाठी, एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता हैं , जिन्होंने अपने शानदार अभिनय कौशल से लाखों लोगों के दिलों को चुरा कर भारतीय सिनेमा उद्योग में एक घरेलू नाम बन गए है. उनका जन्म 5 सितंबर 1976 को बिहार के एक छोटे से गांव बेलसन्ड, गोपालगंज डिस्ट्रिक्ट में हुआ था. एक छोटे से गाँव से भारत में सबसे अधिक मांग वाले अभिनेताओं में से एक बनने तक पंकज त्रिपाठी की यात्रा प्रेरणादायक और कठिन है. उन्होने सही मायने में भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी जगह लंबे समय तक के लिए पक्की कर ली है.
पंकज त्रिपाठी ने दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2004 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. वे पहली बार 2004 में फिल्म "रन" में एक छोटी भूमिका में दिखाई दिए. धीरे धीरे जब उन्होने अपना अभिनय कौशल का लोहा मनवाया तब से, उन्होंने 40 से अधिक फिल्मों और वेब सिरीज़ में अभिनय किया है, जिनमें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्में और सीरीज़ इस प्रकार है 'गैंग्स ऑफ वासेपुर (भाग 1 और 2), मसान, एक्सट्राक्शन, न्यूटन, फुकरे, 83, लूडो, कागज़, मिमी, और स्त्री, सेक्रेड गेम्स, मिर्जापुर और क्रिमिनल जस्टिस, ट्रूली योर्स, जैसी टीवी श्रृंखलाओं में उनकी जानदार भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है.
त्रिपाठी के दमदार प्रदर्शन ने उन्हें कई फिल्मफेयर पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, स्क्रीन अवार्ड, आइफा अवॉर्ड्स सहित कई पुरस्कार तथा नामांकन दिलाएं हैं. फोर्ब्स इंडिया द्वारा उन्हें 2017 के शीर्ष 10 बॉलीवुड अभिनेताओं में से एक के रूप में भी नामित किया गया है. त्रिपाठी की अभिनय शैली अद्वितीय और बहुमुखी है. उनके पास अपने द्वारा चित्रित किसी भी चरित्र में खुद को बदलने की क्षमता है. चाहे वह एक गैंगस्टर हो, एक राजनेता, एक वकील या एक पुलिस अधिकारी, वे अपनी हर भूमिका में प्रामाणिकता लातें है और दर्शकों के दिमाग में छाप छोड़ने में कामयाब होते है. उनमें सूक्ष्मता और बारीकियों के साथ भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता है, जो उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग करती है. उनकी सीमा विशाल है, और उन्होंने ऐसे किरदार निभाए हैं जो सनकी से लेकर सर्वथा दुष्ट तक हैं.
त्रिपाठी एक्टिंग के अलावा अपनी विनम्रता और जमीन से जुड़े स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं. अपनी अपार सफलता के बावजूद, वे विनम्र है और अपने छोटे शहर की जड़ों से जुड़े हो कर वहां के विकास कार्यों में पूरी शिद्दत से लगे हुआ है. वे एक अच्छे पति (पत्नी का नाम है मृदुला) और एक अच्छे पिता भी है. उन्होंने हमेशा कड़ी मेहनत के महत्व को स्वीकार किया और सबको इसे फॉलो करने की गुजारिश की है. उनकी पटना से लेकर मुंबई की यात्रा एक अनुस्मारक के रूप में नजर आती है कि अगर कोई प्रयास करने को तैयार है तो कुछ भी संभव है. पंकज उन लोगों की संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जो छोटी शुरुआत से आते हैं और अपने सपनों को हासिल करने की ललक रखते हैं."