परीक्षित साहनी एक ऐसे एक्टर हैं जो लंबे समय से हिंदी सिनेमा में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने सिर्फ फिल्मों में ही नहीं टीवी के लिए भी बहुत काम किया है, उनकी बेहतरीन ऐक्टिंग की वजह से ही आज उन्हें सिर्फ देश में ही नहीं विदेश में भी हर कोई पहचानता है. अगर परीक्षित साहनी के सबसे मशहूर टीवी सीरियल की बात की जाए तो इनमें 'बैरिस्टर विनोद' और 'गुल गुलशन गुलफाम' शामिल हैं. वहीं अगर उनकी सबसे फेमस फिल्मों की बात करे तो इस लिस्ट में बहुत सारी फिल्में हैं लेकिन सबसे ऊपर राजकुमार हिरानी की तीनों ब्लॉकबस्टर फिल्में- 'लगे रहो मुन्ना भाई', '3 ईडियट्स' और 'पीके' का नाम आता है. इतनी सारी उपलब्धियों के बीच अब एक्टर ने राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड हासिल किया है जो की एक एक्टर के लिए बहुत गर्व की बात है . वहीं, टीम मायापुरी भी इस बड़े फिल्म फेस्टिवल में पहुंची थी और हमने परीक्षित जी से बात की, जहां उन्होंने ये बताया कि वो मायापुरी के साथ कितने लंबे समय से जुड़े हैं और मायापुरी के साथ उनका रिश्ता कितना गहरा है. वहीं बातों-बातों में उन्होंने ये भी बताया की टीवी इंडस्ट्री और फिल्म इंडस्ट्री में कितना अंतर है लेकिन इन दोनों ही इंडस्ट्री के लोगों को एक दूसरे को नीचा नहीं दिखाना चाहिए.
आप इस समय राजस्थान में हैं तो यहां पर आपको सबसे ज़्यादा क्या पसंद है?
मुझे राजस्थान की संस्कृति, वास्तुकला, विरासत और यहां के लोग बहुत ज़्यादा पसंद हैं. मुझे यहां के लोग बहुत अच्छे लगे.
आपको टीवी और फिल्मों की एक्टिंग में सबसे बड़ा अंतर क्या लगता है?
सीरियल छोटे स्क्रीन के लिए हैं, टीवी स्क्रीन के लिए, इसलिए वहां पर क्लोज-अप ज़्यादा होते हैं. बड़ी स्क्रीन पर बड़े यानि की लॉन्ग शॉर्ट होते हैं. एक्टिंग थिएटर में बदलनी पड़ती है, स्टेज पर ओवर एक्ट किया जाता है. टीवी स्क्रीन पर उससे कम एक्टिंग होती है क्यों की क्लोज-अप होते हैं इसलिए अंडर एक्टिंग करनी पड़ती है.
कुछ वक्त से बॉलीवुड में सूखा पड़ गया था लेकिन अब सब कुछ ठीक हो गया है. 'पठान' काफी अच्छी जा रही है, आपके हिसाब से ऐसी और कौन सी फिल्में है जो आपको लगता है कि बॉक्स ऑफिस पर अच्छी चलेंगी?
मैंने पिछले 2-3 साल से कोविड की वजह से फिल्में देखना बंद कर दिया है, मैंने काफी कम फिल्में देखी हैं इसलिए मैं नहीं बता सकता कि कौन सी फिल्म अच्छी चलेगी और कौन सी नहीं.
रीसेंटली एक एक्ट्रेस हैं (राधिका मदन) जो पहले टीवी में काम करती थी अब फिल्मों में काम करती हैं, उन्होंने टीवी इंडस्ट्री के बारे में कुछ ऐसा कहा था जिससे ऐसा लगा कि वो टीवी इंडस्ट्री का आदर नहीं करती. इस पर आपका क्या कहना है?
मेरे हिसाब से ये बिलकुल गलत है, हर एक माध्यम की अपनी जुबां होती है. किसी मीडियम को ये नही कहना चाहिए कि दूसरी मीडियम बुरी है. ये सही है कि सिनेमा आपको ज़्यादा बड़ा बनाता है. टीवी की जिंदगी कम होती है, फिल्मों की ज़्यादा होती हैं. मेरे पिता जी की फिल्में लोग आज तक देखते हैं लेकिन मेरा सीरियल 'गुल गुलशन गुलफाम' लोग भूल चुके हैं.
आपके आने वाले प्रोजेक्ट के बारे में बताइए.
अभी तो मैं लिख ज़्यादा रहा हूं. इस वक्त बस प्रोजेक्ट साइन कर रहा हूं इसलिए इस बारे में ज़्यादा नहीं बता सकता लेकिन जल्द ही सब कुछ आपके सामने होगा.
मायापुरी से जुड़ी आपकी कोई याद शेयर करें.
मैं मायापुरी के बारे में अच्छी तरह जानता हूं और हमारा रिश्ता बहुत पुराना है. बीच में कोविड आ गया वरना वैसे मैं मायापुरी से काफी क्लोज रहा हूं हमेशा से ही.