महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि अगर किसी मल्टीप्लेक्स संचालक ने फिल्म देखने आए दर्शक को घर का बना खाना या बाहर से लाए गए खाने को अंदर ले जाने से रोका तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मालूम हो कि राज्य सरकार का यह बयान विधानसभा में उस हंगामे के बाद आया जब सदस्यों ने मल्टीप्लेक्स में पानी, खाने और नमकीन आदि की ज्यादा कीमत वसूले जाने का मामला उठाया।
बाहर से खाना लाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है
पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सरकार से पूछा था कि आखिर वह मल्टीप्लेक्स में बिकने वाले खाद्य पदार्थों को क्यों नहीं नियंत्रित कर रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के उठाए मामले का जवाब देते हुए राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रविंद्र चव्हाण ने कहा कि बाहर से खाना लाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बहस के बाद एक बयान में मुंडे ने कहा कि केंद्र के इस निर्णय को राज्य में एक अगस्त से लागू कर दिया जाएगा। साथ ही सभी मल्टीप्लेक्स को खाद्य वस्तुओं के दाम एक ही रखने होंगे। इतना ही नहीं सरकार छह सप्ताह के अंदर ऐसा कानून लाएगी। ताकि इसके बाद अगर कोई मल्टीप्लेक्टस संचालक नियमों की अवहेलना करता है तो उसे दंड दिया जा सके। सरकार के इस फैसले के बाद मल्टीप्लेक्स संचालित करने वाली कंपनियों के शेयर में उथल-पुथल मच गई है। पीवीआर सिनेमा और आइनाक्स के शेयरों के दाम गिर गए हैं।