Phone Bhoot Review: कैटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर की हॉरर कॉमेडी फिल्म 'फोन भूत' इस शुक्रवार 4 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. वहीं सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर काफी चर्चा है. फिल्म की कहानी मेजर (सिद्धांत चतुर्वेदी) और गुल्लू (ईशान खट्टर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शुरू से ही भूतों से प्रेरित लगते हैं. वह अपने जीवन में हमेशा कुछ ऐसा ही भूतिया करना चाहता है. ऐसे में एक पार्टी के दौरान कुछ ऐसा हो जाता है, जिसके बाद दोनों में रूह कांपने लगती है. इसके बाद रागिनी (कैटरीना कैफ) की आत्मा उन दोनों के पास आती है और साथ में वे एक बिजनेस शुरू करते हैं, जो आत्माओं को मुक्त करता है और दूसरी ओर लोगों को भूत-प्रेत से छुटकारा दिलाता है. इसी बीच रागिनी के फ्लैशबैक में बताया जाता है कि उसकी मौत कैसे हुई और वह मेजर और गुल्लू के साथ यह काम क्यों कर रही है. जैकी श्रॉफ फिल्म में विलेन आत्माराम की भूमिका में हैं.
'फोन भूत' में ईशान और सिद्धांत की केमिस्ट्री अच्छी है. दोनों ने अपने किरदार को करीब से कैद किया है. फिल्म में ग्लैमर जोड़ने के अलावा कटरीना अपनी एक्टिंग से कुछ खास कमाल नहीं कर पाई हैं. तांत्रिक और विलेन के रोल में जैकी श्रॉफ दमदार लग रहे हैं. वहीं शीबा चड्ढा ने खुद को बंगाली डायन के रूप में ढाला है.
फिल्म की खराब स्क्रिप्ट ने कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन को खराब कर दिया. महान भावों के साथ खराब डायलॉग सुनना कठिन है. फिल्म में ग्लैमर, कॉमेडी, हॉरर, सस्पेंस, रोमांस सब कुछ आजमाया गया था, लेकिन इनमें से किसी को भी ठीक से शामिल नहीं किया जा सका. फिल्म बिना डरे, हंसे या भावुक हुए बिना दो घंटे तक चलती है और कोई दिलचस्पी पैदा करने में विफल रहती है. सिनेमैटोग्राफी और संगीत फिल्म में थोड़ा सा मनोरंजन करते हैं. इनकी वजह से ही फिल्म की अंडर-कुक स्क्रीनप्ले थोड़ी भरपाई करती है.