दिग्गज अभिनेता रजनीकांत के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय ने आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को समाप्त कर दिया। यह कार्यवाही एक फिल्म फाइनेंसर की ओर से शुरु की गई थी। कोर्ट ने पहले रजनीकांत के खिलाफ फाइनेंसर की ओर से दायर दीवानी मुकदमे में खारिज करते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था और कहा था कि यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा और मशहूर व्यक्ति को परेशान करने के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के सिवाय कुछ नहीं है।
फाइनेंसर मुकुचंद बोथरा ने आरोप लगाया था कि रजनीकांत की बेटी के ससुर कस्तूरी राजा ने उनसे 65 लाख रुपए उधार लिए थे और आश्वासन दिया था कि अगर वह रुपए वापस नहीं लौटा पाए तो अभिनेता इस रकम की अदाएगी करेंगे। बोथरा ने एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर कर दावा किया कि रजनीकांत ने दीवानी मुकदमे के बारे में कहा था कि यह सिर्फ उनसे रुपए ऐंठने और उनका नाम बदनाम करने के लिए है। बोथरा ने इसे अपनी मानहानि बताया था।