भारत की अग्रणी फिल्म प्रदर्शनी कंपनी PVR लिमिटेड की सीएसआर अंग, PVR नेस्ट ने मुनिसिपल कॉर्पोरेशन, दिल्ली के साथ गठबंधन में आज दिल्ली की झुग्गियों में महिलाओं व बच्चों तथा वंचित वर्गों के लिए एक विशाल जन स्वास्थ्य ढांचे, 'Garima Grih' का लोकार्पण किया. 'Garima Grih' का डिज़ाईन सुरक्षित, स्वच्छ और हाईज़ीन के क्षेत्र और महिलाओं के लिए कौशल विकास एवं आय निर्माण के अवसर प्रदान करने के लिए किया गया है, ताकि वंचित आबादी को सशक्त बनाया जा सके. इससे कीर्ति नगर में जवाहर कैंप, चूना भट्टी कैंप, और हरिजन कैंप में रहने वाले लोगों की भिन्न-भिन्न जरूरतें पूरी हो सकेंगी, जहाँ प्रतिवर्ष 10लाख से ज्यादा यूज़र्स का आधार है. शहर के पहले 'Garima Grih' का लोकार्पण आज जवाहर कैंप, कीर्ति नगर में किया गया.
आज हमारा देश जिन जटिल समस्याओं का सामना कर रहा है, उनमें से एक शहरीकरण की गति है. लोगों के शहरों की ओर पलायन करने के साथ शहरी आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिस वजह से शहरों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. शहरी वृद्धि का प्रबंधन करने वाली नीतियों को आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, और सुरक्षित वातावरण के लिए वंचित लोगों की जरूरतों पर केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है. आबादी के उच्च घनत्व के कारण झुग्गियों में रहने वाले लोगों के बीच संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बढ़ जाता है क्योंकि इन इलाकों के अनियंत्रित और घना बसे होने के कारण यहां हवा और धूप की कमी होती है. दिल्ली में आबादी के लगातार बढ़ने और 2028 तक दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर बन जाने का अनुमान है. इस शहर की एक बड़ी आबादी झुग्गियों में गंदे पानी, कचरे से बंद पड़ी और खुली नालियों, संकरी गलियों, तंग घरों, कचरे के ढेर के बीच जीवन की मूलभूत जरूरतों, जैसे स्वच्छता और पानी की आपूर्ति के बिना घटिया परिस्थितियों में रहती है.
'Garima Grih' समाज के इस वर्ग की जरूरतों को पूरा करेगा और 'शहरीकरण' में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह इस विविध आबादी समूह के लोगों की स्वास्थ्य व स्वच्छता की आदतों में मूलभूत परिवर्तन लेकर आएगा. वो एक रहने योग्य सतत समुदाय का हिस्सा बनकर पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने योग्य बनेंगे. एसडीजी (सतत विकास के उद्देश्यों) को पूरी तरह से समझकर विकसित किया गया 'Garima Grih' शहर की वंचित आबादी की रक्षा करेगा, उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार कर उन्हें मूलभूत सेवाएं प्रदान करते हुए उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने में समर्थ बनाएगा. 'Garima Grih' सरकार के स्मार्ट सिटीज़ मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, और अटल मिशन फॉर रेज़्युविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन 2.0 (अमृत 2.0) एवं नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के अनुरूप है.
Garima Grih के लॉन्च के बारे में मिस दीपा मेनन, फाउंडर हेड, PVR नेस्ट ने कहा, ''पिंक सेंटर्स की सामाजिक उपयोगिता और प्रभाव ने हमें अपने सुरक्षित सेंटर्स का विस्तार बड़ी आबादी तक करने एवं वंचित समुदायों को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए प्रेरित किया. मल्टी-यूटिलिटी सेफ सेंटर के अद्वितीय कंसैप्ट, 'Garima Grih' जैसे शहरी क्षेत्रों में सतत नौकरियों का सृजन करने की क्षमता है, जिससे महिलाओं का सामाजिक आर्थिक विकास संभव होगा.''
'Garima Grih' तक रैंप द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है और यह समावेशी (विकलांगों, वरिष्ठ नागरिकों, और बच्चों के लिए मित्रवत) है. यहाँ महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों द्वारा माहवारी के लिए हाईज़ीन उत्पाद मिल सकेंगे और वो इंसिनरेटर्स की मदद से सतत तरीके से उनका निस्तारण कर सकेंगी. टॉयलेट्स के अलावा यहाँ पर कपड़े बदलने के लिए कमरे, नहाने और हाथ धोने के क्षेत्र भी हैं. यहाँ पर पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित कॉमन सर्विस सेंटर, 'जन सेवा केंद्र' भी है, जो आमजनों के लिए डिजिटल सेवाएं प्रदान करेगा. 'वीमैन एम्पॉवरमेंट सेंटर' द्वारा महिलाओं को आजीविका अर्जित करने के लिए जरूरी कौशल सिखाए जाएंगे और उनके कौशल का विकास किया जाएगा. इसके अलावा महिलाओं के लिए एक कवर्ड ओपन स्पेस भी है, जहाँ वो पूरे दिन की मेहनत के बाद आराम कर सकती हैं, इस जगह नजदीकी समुदाय का कौशल व योग्यता बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण की कार्यशालाएं चलाई जा सकेंगी. कौशल विकास का उद्देश्य पूरा करने के लिए 200 अंशधारकों को कंप्यूटर का कौशल, 100 महिलाओं को लिखने और पढ़ने का कौशल प्रदान किया जाएगा और अगले 3 सालों में 2000 से ज्यादा महिलाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा. 'Garima Grih' को वाटर एड इंडिया, डेकिन यूनिवर्सिटी, लेडी इरविन कॉलेज, एनआईएफटी, रीड इंडिया और PVR पिक्चर्स जैसे बहुसंकाय संगठनों का सहयोग मिलेगा.
मिस.शशांका आला (आईएएस) डिप्टी कमिश्नर, मुनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (करोल बाग ज़ोन) ने कहा, ''PVR नेस्ट दिल्ली में अपने 20 पिंक सेंटर्स में विभिन्न कार्यक्रमों में एक सतत एक्सिलैंस पार्टनर रहा है, और समुदाय की महिलाओं के विकास एवं सशक्तीकरण में योगदान देता आया है. हमें बहुत खुशी है कि पिछले सालों में हमारी पार्टनरशिप बढ़ी है और इसने इतने विशाल प्रोजेक्ट का रूप ले लिया है. यह कॉम्प्लैक् बहुत महत्वपूर्ण स्थान पर घनी आबादी के बीच स्थित है, जिन्हें 'Garima Grih' द्वारा दी जाने वाली बहुआयामी सेवाओं का लाभ मिलेगा.''
दिल्ली मुनिसिपल कॉर्पोरेशन और नेशनल कमीशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ चाईल्ड राईट्स (एनसीपीसीआर) के साथ PVR नेस्ट के गठबंधन में दिल्ली में 20 पिंक सेंटर चलाए जाते हैं, जो निशुल्क और केवल महिलाओं पर केंद्रित स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करते हैं. ये सेंटर प्रशिक्षित महिला सैनिटेशन कर्मियों द्वारा चलाए जाते हैं, जिन्हें वॉश चैंपियन कहते हैं. ये सेंटर 'टॉयलेट सुविधाओं' के दायरे से बड़े हैं क्योंकि यहाँ पर आवश्यक सुविधाएं जैसे ग्रूमिंग स्पेस, रेस्टिंग/रीडिंग स्पेस, नहाने की सुविधा, स्तनपान कराने की जगह, कपड़े बदलने के कमरे और माहवारी के वक्त हाईज़ीन बरतने के उत्पाद उपलब्ध हैं. ये सुरक्षित स्थान महिलाओं के स्वच्छता, गरिमा, और सुरक्षा के अधिकार की रक्षा करते हैं. 2021 में कोविड महामारी के दौरान कई महत्वपूर्ण सुविधाएं बंद कर दी गई थीं, इस वक्त पिंक सेंटर्स कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए अपना काम करते रहे, जो वॉश चैंपियंस के साहस और दृढ़ निश्चय के कारण संभव हो सका. स्वच्छता को समान रूप से सभी को उपलब्ध कराते हुए इन सेंटर्स के पास 5लाख से ज्यादा यूज़र्स हो गए हैं.
श्री संजीव कुमार बिजली, मैनेजिंग डायरेक्टर, PVR लिमिटेड एवं सीएसआर कमिटी मेंबर, PVR नेस्ट, जिन्होंने PVR नेस्ट की मजबूत बुनियाद रखी, ने बताया, ''पीपीपी मॉडल एक सतत विकास का मॉडल है, जिसे पूरे देश में ले जाया जा सकता है. हमें गर्व है कि हमारे पिंक सेंटर गुणवत्तायुक्त स्वच्छता का आदर्श बन गए हैं और राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग देते हुए सरकारी योजनाओं के सामाजिक विकास के उद्देश्यों को पूरा कर रहे हैं.''
PVR सिनेमाज़ 25 सालों से ज्यादा समय से अपने आस-पास स्थित समुदायों का सहयोग करता आ रहा है. PVR का मिशन समाज की सेवा करना है. PVR का हर काम इसी उद्देश्य के लिए समर्पित होता है. अपने सीएसआर आर्म, PVR नेस्ट के साथ PVR ने पिछले 16 सालों में सतत सामुदायिक विकास के विभिन्न कार्यक्रमों, जैसे आँचल केयर एवं सुरक्षा केंद्रों, बच्चों के लिए मित्रवत रेलवे स्टेशनों, 'पालन' और पिंक सेंटर्स में सफल पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल द्वारा अपना सहयोग दिया है.
महिला और बच्चे भारत एवं विश्व में समाज के सबसे नाजुक सदस्यों में हैं. टॉयलेट्स और मैंस्ट्रुअल हाईज़ीन मैनेजमेंट (एमएचएम) की कमी के कारण उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा व सेहत से समझौता होता है. एमएचएम की जागरुकता की कमी, इससे जुड़ा कलंक और टॉयलेट्स की अनुपलब्धता ने समस्या को और ज्यादा बढ़ा दिया है, जिसके कारण महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है और उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण (यूटीआई) एवं सवाईकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
पिंक सेंटर्स ने खुले में शौच, यूटीआई, पीडब्लूडी/ट्रांसजेंडर लोगों के समावेशन, सार्वजनिक शौचालय की सुविधाओं में महिलाओं की सुरक्षा एवं निजता से जुड़ी चिंताओं का समाधान किया है. वो यूज़र्स के व्यवहार में परिवर्तन लेकर आई हैं, जिससे स्वच्छता की जागरुकता बढ़ी है और सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल बढ़ा है. इन सेंटर्स ने 100 से ज्यादा वॉश चैंपियंस को रोजगार और कौशल निर्माण की कार्यशालाओं द्वारा सम्मानजनक और सतत जीवन जीने में समर्थ बनाया है, जिससे वो भविष्य में बेहतर अवसर प्राप्त करने में समर्थ बनी हैं.