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प्रभावित करता है जब कोई सार्वजनिक हस्ती होता है, इसलिए यह सोशल मीडिया पर फिल्टर के उपयोग की ओर जाता है और अन्यथा भी. राहुल भाटिया का मत है कि अधिकांश लोगों, यहां तक कि युवाओं द्वारा भी फिल्टर के बढ़ते उपयोग ने हमारे लिए अपनी वास्तविकताओं और खामियों को स्वीकार करना कठिन बना दिया है. टीवी पर्सनैलिटी और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का कहना है कि चाहे कोई पॉपुलर हो या आम लोग, हममें से ज्यादातर लोग अपने लुक को लेकर काफी कॉन्शस रहते हैं.
वह उदाहरण के साथ समझाते हैं, "अगर मैं अभिनेताओं के बारे में बात करता हूं तो रजनीकांत जैसे कुछ ही हैं, जिन्हें अपना गंजा सिर और काला चेहरा और चेहरे पर झुर्रियां दिखाने में कोई शर्म नहीं है. बाकी सभी कलाकार वास्तव में अपनी त्वचा, बालों आदि का ख्याल रखते हैं क्योंकि वे अपनी झुर्रियां या भूरे बाल नहीं दिखाना चाहते हैं. बहुत सारे अभिनेता हैं जो सर्जरी करवाते हैं, हेयर ट्रांसप्लांट करवाते हैं क्योंकि उन्हें परफेक्ट दिखना है. अभिनेताओं को लगता है कि उन्हें बहुत प्रेरणादायक होना चाहिए ताकि लोग उनसे सीखें. यही कारण है कि वे सोशल मीडिया के लिए तस्वीरें क्लिक करते समय फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं. फिल्टर वास्तव में उन्हें बेहतर और अच्छे आकार में दिखने में मदद करते हैं."
इस तरह के काम को पूरी तरह से कैसे छोड़ सकते हैं, इस पर राहुल आगे कहते हैं, "किसी को अपनी त्वचा में सहज और खुश रहना चाहिए. तो यही एकमात्र कारण है कि हम इतनी आसानी से फिल्टर का उपयोग करना नहीं छोड़ सकते."