यह पूरी तरह से सदमे और प्रारंभिक अविश्वास के साथ है कि मैंने अंततः दुखद तथ्य से सामंजस्य स्थापित किया कि दोस्त-अभिनेता-निर्देशक राजीव कपूर, (उपनाम चिम्पू) अब नहीं है! एक जिंदादिल इंसान, राजीव अपने अभिनय शिल्प को जानता था और अपने शानदार शोमैन निर्देशक पिता राज कपूर साहब के साथ शानदार संगीतमय फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में काम कर चुका था!
जब मैंने अपना फिल्मी-पत्रकारिता करियर शुरू किया, तो मैं राजीव से उनकी मूवी.इन के मेकअप रूम के सेट पर मिला मेरी गलत धारणा के विपरीत, कि वह संभवतः रुड निकलेगा, राजीव आश्चर्यजनक रूप से विनम्र व्यक्ति था! इतना ही नहीं उसने मेरे साथ एक गर्मजोशी से मुलाकात भी की, यहाँ तक कि मेरे साथ मस्ती-मजाक करना भी शुरू कर दिया और बिस्तर पर लापरवाही बरतने के साथ-साथ हमारे पास ऑफ-द-लॉन्ग चैट-सेशन भी था!