तदर्थ समिति गठित
सोशल मीडिया पर अश्लीलता के बढ़ते प्रसार और इससे समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभावों की समस्या के समाधान के लिए 12 दिसंबर को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के सदस्यों की एक तदर्थ समिति गठित की है। इसी के चलते वीरवार को वेंकैया नायडू ने राज्य सभा में यह बताया है कि हाल ही में इस विषय के लिए उच्च सदन के सदस्यों के औपचारिक समूह को ही तदर्थ समिति में बदल दिया गया है। इसी के साथ राज्यसभा के सदस्य जयराम रमेश को समिति का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर अश्लीलता के बच्चों सहित समूचे समाज पर प्रभाव का अध्ययन करने के लिये बनाये गये औपचारिक समूह में रमेश के अलावा सपा की जया बच्चन, आप के संजय सिंह, बीजद के डा. अमर पटनायक, कांग्रेस के एम वी राजीव गौड़ा और अमी याज्ञिक, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, जदयू की कहकशां परवीन, भाजपा के राजीव चंद्रशेखर, विनय पी सहस्त्रबुद्धे और रूपा गांगुली, द्रमुक के तिरुचि शिवा, राकांपा की वंदना चव्हाण तथा अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यनाथ शामिल है।
इसी के साथ सभापति ने सदन को यह बताया कि इस विषय पर समूह की बैठकें होने के बाद रमेश ने उन्हें समूह के बीच मौलिक दिक्कतों से रूबरु कराया। इसी के चलते उन्होंने समूह को तदर्थ समिति तौर पर काम करने के लिए कहा। समिति के अध्यक्ष रमेश होंगे। उन्होंने ने आगे कहा कि समिति एक महीने के भीतर इस विषय के सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। नायडू ने साफ और सरल शब्दों में कहा कि समिति का कार्यकाल किसी भी स्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जायेगा।