Manoj Vajpai को हिंदी सिनेमा में दिग्गज अभिनय के लिए लोग जानते हैं.उन्होनें अपनी फिल्मों का सफर 1994 में किया था.उनकी पहली फिल्म शेखर कपूर के निर्देशन में बैंडिट क्वीन थी.लेकिन उनको असली पहचान राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित सत्या से मिली.उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर कभी नहीे देखा.
मनोज वाजपेयी एक इंटरव्यू के दौरान बताते है कि " मैं अभी भी राम गोपाल वर्मा के साथ कांटेक्ट में हूं. उन्होंने मुझे बॉलीवुड की अपनी पहली मूवी में काम करने का मौका दिया था. वह आगे बताते हैं कि मैंने हाल ही में एक गाने किया है जो कि मेरी ही मूवी सत्या का रीमिक्स है.उसके बाद मुझे राम गोपाल वर्मा का कॉल आया और उन्होंने मुझ पर चिल्लाया कि आखिर मैंने ये गाना क्यों किया है. कुछ देर के लिए तो मैं खामोश ही हो गया था."
कभी-कभी वो सिर्फ गाली देने के लिए कॉल करते हैं
सुचित्रा त्यागी के साथ इंटरव्यू में बताते है कि " मैं अपने करियर के लिए उनका आभारी हूं, हम अभी भी आपस में बातचीत करते हैं.कभी-कभी वो सिर्फ गाली देने के लिए मुझे कॉल करते हैं. हाल ही में मुझे राम गोपाल वर्मा का कॉल आया और मुझ पर चिल्लाया और कहा कि यह तुमने क्या किया है. तुमने यह गाना क्यों किया. इस गाने का रीमिक्स बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है".मैंने उनसे कहा कि "रामु, कुछ चीजें हम दोस्ती के लिए भी करते है".उसके बाद राम गोपाल वर्मा कहते हैं कि "मुझे पता है लेकिन तुमने इसे क्योे किया".आगे वह बताते हैं कि "जब भी वह मुझे कॉल करते है सिर्फ चिल्लाते हैे और आलोचना करते हैं"
"सपने में मिलती है" का रीमिक्स वर्जन हुआ रीलीज
हाल ही में मनोज वाजपेयी का "सपने में मिलती है" जल्द ही रीलिज हुआ है. यह गाना उनकी पुरानी मूवी "सत्या" का रीमिक्स वर्जन है.जिसमें मनोज वाजपेयी(manoj vajpai),उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) शैफाली शाह (Shefali Shah)और सौरभ शुक्ला भी साथ में हैं. "सपने में मिलती है" के रीमिक्स वर्जन को गणेश अचार्य ने कोरियाग्राफ किया है. यह गाना दिसंबर 2022 में रीलीज हुआ था. जिसमें ध्वनि भानुशाली(dhvani bhanushali)और अभिमन्यु दसानी (abhimanyu dassani) के साथ मनोज वाजपेयी ने भी गाने में काम किया है. मनोज वाजपेयी को आखिरी बार "गुलमोहर" मूवी में शर्मिला टैगौर के साथ देखा गया था.