मिलिए रामानंद सागर की रामायण के 'लक्ष्मण' यानि सुनील लहरी से … पढ़े ये दिलचस्प इंटरव्यू By Shanti Swaroop Tripathi 13 Apr 2020 | एडिट 13 Apr 2020 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर रामायण में सुनील लहरी ने निभाया है लक्ष्मण का किरदार.. रामानंद सागर की रामायण जो इस मुश्किल घड़ी में लोगों को ना केवल उत्साहित कर रही है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा के भंडार से परिपूर्ण रामायण लोगों को निराशा से भी निकाल रही है। लोग इस वक्त रामायण के हर किरदार को नज़दीक से जानना चाहते हैं। लिहाज़ा पढ़िए मायापुरी पर रामानंद सागर की रामायण में प्रभु श्री राम के अनुज यानि लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू। सुनील लहरी जी रामायण और लक्ष्मण का किरदार आज की तारीख में कितना प्रासंगिक है ? मेरी राय में इसे बहुत ही सही समय में दिखा जा रहा है। उसकी दो वजह हैं, एक इन दिनों लॉकडाऊन का माहौल है, कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला हुआ है। इस वक्त बहुत से हादसे हो रहे हैं, लोगों की जान जा रही है। हमारे देश में कई लोगों की जान गई, परिणामत लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। पूरे देश में बहुत ही गमगीन सा माहौल है। लोगों के अंदर एक अजीब सी फीलिंग है। ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत रामायण लोगों को बहुत ही सकारात्मक अहसास दिलाने का काम कर रही है। इसीलिए हमारी सरकार ने योजना बनाई है कि जिस तरह हर दिन सुबह आप सोकर उठने के बाद आप रामायण का पाठ करते हैं, या कोई अन्य अच्छी चीज़ सुनते हैं या देखते हैं, उसी तरह आप रामायण देखें और और सोने से पहले फिर रामायण देखें.. मेरी राय में इससे डरे हुए इंसान के अंदर 24 घंटे बहुत सकारात्मक फीलिंग होगी और लोगों के अंदर सकारात्मकता आएगी। इस सीरियल का आज की पारिवारिक स्थितियों पर कितना असर पड़ेगा या कहें कि आपको क्या संभावनाएं नज़र आती हैं। देखिए, असर भी करेगा और संभावनाएं भी काफी हैं। जिन्होने पहले ये सीरियल देखा था लगभग वो सभी इस समय व्यस्क हो चुके हैं या फिर थोड़े बुजुर्ग भी हो सकते हैं। उनकी उम्र 21 - 22 साल या उससे अधिक साल रही होगी। वह अब 64, 66 या 60 के ऊपर के होंगे। उस वक्त की जनरेशन ने युवाओं को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी जरूर दी होगी। क्योंकि हर बड़े अपने बच्चों को ये बताते हैं कि हमारे समय में इस तरह का कार्यक्रम आता था। किस तरह रामायण का प्रसारण शुरू होते ही सड़कों पर पूरा जैसा माहौल हो जाता था। कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। बहुत ही अच्छी परफॉरमेंस थी। हम सभी ने बहुत ही अच्छा काम किया था। बहुत से लोगों ने बहुत कुछ सीखा है। तो यह सब आज की युवा पीढ़ी के अंदर जानने की उत्सुकता काफी थी। हालांकि लोगों के पास यू ट्यूब पर रामायण मौजूद है। लोग देख भी रहे थे। पर जब पूरे देश में लॉकडाऊन है तो इस तरह का सीरियल देखने का मौका लोगों को पुनः मिला है। अब सब अपने परिवार के साथ बैठकर देख रहे हैं। बड़े बुजुर्ग युवा पीढ़ी को साथ में बिठाकर दिखा रहे हैं। मुझे लगता है कि आज के बुजुर्ग उस वक्त की बातें भी याद दिला रहे होंगे। ये देखो ऐसा हुआ, वैसा हुआ। इसका काफी असर युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। मेरे सोशल मीडिया पर, ट्विटर पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। आप ये सोच लीजिए कि वैसा ही या फिर उससे ज्यादा ही रिस्पॉन्स कह सकता हूं मिल रहा है। जो 87-88 में हमें रामायण के प्रसारण के दौरान हमें मिला था। युवा पीढ़ी की तरफ से ही ज्यादा रिस्पॉन्स आ रहा है। ये रामायण को बहुत पसंद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर जो कमेंट्स आपको मिल रहे हैं उनमें से कोई ऐसा कमेंट है जिसने अंदर से आपको खुशी दी हो या कोई बात अच्छी लग गई हो आपको। पहली बात तो सभी सकारात्मक कमेंट ही आ रहे हैं। युवा पीढ़ी के लिए तो मैं एक आइडल बन गया हूं। दूसरी बात युवा पीढ़ी के कुछ लोगों ने अपनी भावनाओं के ही चलते मेरी तुलना चीफ मिनिस्टर योगी जी के साथ भी कर दी। क्योंकि योगी जी भी लक्ष्मण की ही तरह तुरंत फैसले लेते हैं। ये बात लोगों को बहुत पसंद आ रही है। उनके अंदर का जो गुस्सा है वह उन्हें कहीं ना कहीं लक्ष्मण के रूप में दिखता है। इसे वो काफी पसंद कर रहे हैं। जब रामायण बनना शुरू हुआ था तो लक्ष्मण के किरदार के लिए आप कैसे चुने गए। सुना है पहले लक्ष्मण का किरदार किसी अन्य कलाकार को दिया गया था। जी हां….रामायण में अभिनय करने के लिए करीब 100-150 लोगों के ऑडिशन हुए थे। दूसरे कलाकारों की तरह हमने भी ऑडिशन दिया था। जब परिणाम आया तो मुझे पता लगा कि मेरा चयन शत्रुघ्न के किरदार के लिए हुआ था। हमनें कुछ एपिसोड शूट भी किए थे, मैं बहुत खुश नहीं था मगर सागर कैंप में काम करने का मौका मिल रहा था इसीलिए काम कर रहा था। मुझे उम्मीद थी कि रामानंद सागर बहुत बड़े फिल्ममेकर हैं, तो वो मेरा काम देखेंगे, मेरी प्रतिभा का आंकलन करेंगे तो भविष्य में उनके साथ इससे भी अच्छा काम करने का अवसर वो मुझे देंगे। इसी सोच के साथ मैंने शत्रुघ्न का किरदार स्वीकार कर लिया था। लेकिन 2-3 एपिसोड की शूटिंग के बाद पता चला कि लक्ष्मण का किरदार निभा रहे अभिनेता शशि पुरी किसी वजह से सीरियल नहीं कर पा रहे हैं। इसके पीछे उनकी पर्सनल कुछ वजह रही होगी। तब तक इसका प्रसारण शुरू नहीं हुआ था। इस बीच 2-3 एपिसोड की शूटिंग में सागर सर को मेरी प्रतिभा का अहसास हो चुका होगा। इसीलिए सागर सर ने मुझे लक्ष्मण का किरदार करने के लिए कहा। लेकिन उस वक्त मैं लक्ष्मण का किरदार करने में खुद को सहज महसूस नहीं कर रहा था। क्योंकि मेरे शशि पुरी मेरे दोस्त हो गए थे। और मैं उनके साथ ऐसा नहीं करना चाहता था। इसीलिए मैने सागर सर से कुछ समय मांगा। मैंने अपने मित्र शशि पुरी से इस संबंध में विस्तृत बातचीत की। शशि ने कहा कि मैं तो करूंगा नहीं अगर वो आपको ये किरदार दे रहे हैं तो कर लो। कोई अन्य कलाकार इस किरदार को निभाए उससे बेहतर है आप कर लो। तब मैंने लक्ष्मण का किरदार निभाने के लिए हामी भरी। इस तरह मैं शत्रुघ्न से अपग्रेड होकर लक्ष्मण में आ गया। सुनील लहरी जी आपकी नज़र में लक्ष्मण क्या है ? Source - You Tube लक्ष्मण...मेरी नज़र में ऐसा कैरेक्टर है। जो हर समय, जब भी नई पीढ़ी आएगी उसका एक आइडियल रहेगा। क्यों रहेगा? क्योंकि जो दिल में है वो फेस पर है उसके, जो उसके अंदर के उबाल हैं वो चेहरे पर दिखाता है। वो व्यक्त करता है। और अपने एंगर के थ्रू वो दिखाता है और गलत चीज को एक्सेप्ट नहीं करता। मेरे ख्याल से जैसे जैसे समय बढ़ता जा रहा है, जैसे जैसे समाज चेंज होता जा रहा है और लोगों के अंदर वो ईमानदारी और गंभीरता ज्यादा आती जा रही है, वो गलत चीज़ों को देखते हैं तो उनके अंदर एक उबाल आता है। तो वो सपोर्ट नहीं करते हैं। वहीं लक्ष्मण है मेरे हिसाब से। और मैं समझता हूं कि ईमानदार, समर्पित और सेवा भाव का एटिट्यूड है लक्ष्मण के अंदर। और अगर मुझे कोई और भी कैरेक्टर ऑफर किया होता तो मैं लक्ष्मण ही सेलेक्ट करता। मैं और कोई कैरेक्टर पसंद नहीं करता। सीरियल रामायण और लक्ष्मण के किरदार ने आपकी निजी ज़िदगी पर और आपके करियर पर क्या असर उस वक्त किया था? देखिए, काम तो मैने किया था पहले भी। लेकिन रामायण ने हमें पॉपुलर ज्यादा कर दिया। और मेरे ऊपर एक जिम्मेदारी डाल दी। कि मैं उस तरह का नागरिक बन कर रहूं जिस तरह के नागरिक से लोग शिक्षा लेते हैं। और वो मैने कोशिश की है कि कोई भी ऐसा काम नहीं किया है और ना करूं जिंदगी में कि लोग कहें कि हम तो इस कैरेक्टर को कुछ और ही समझते थे ये तो कुछ और निकला। और दूसरी बात ये कि पर्सनली यकीनन इसने मुझे बेहतर इंसान बनाया है उस कैरेक्टर ने। रामानंद सागर की रामायण के बाद जितने भी सीरियल बने उनमे वो बात नज़र नहीं आई। सुनील लहरी जी आपको क्या कमी नज़र आई उनमे? देखिए, मैं समझता हूं कि जो कमी सबसे बड़ी रही है। वो उसके दिल की रही है। दिल नहीं था उन प्रोग्राम्स में। कलाकार बहुत अच्छे थे। सेटिंग बहुत अच्छी थी। इफेक्ट्स बहुत अच्छे थे। उसमें दिल नहीं था दिल के बिना शरीर नहीं चला सकते। दिमाग भले ही था लेकिन दिल नहीं। और हमारे इस प्रोग्राम में दिल ही था। मतलब सिक्स पैक नहीं थे, बहुत दिमाग नहीं था। वो सब ना होने के बाद भी दिल को छूने वाला था। ऑडियंस को भी छूआ और सागर साहब ने जो मेहनत की थी वो झलकी है। वो कहते हैं कि जिंदगी में कुछ चीज़े कुछ खास इरादे के लिए होती है और उस इरादे के लिए ही सागर साहब का जन्म हुआ और सागर जी ने ये प्रोग्राम बनाया। देखिए उनका नाम भी कितना सार्थक था रामानंद सागर। सोचिए, सागर भी है, आनंद भी है राम भी है। तो सारी चीजे हैं यकीनन कहीं ना कहीं ये डेस्टिनी थी। किसी टाइम पर आकर किसी मुकाम पर पहुंचेंगे और जो बुक उनकी पब्लिश हुई उनमें भी मैने देखा है, सुना है कि ज़ीरो से हीरो बने हैं वो, बहुत स्ट्रगल किया है उन्होने अपनी लाइफ में ऊपर आने के लिए। और ऊपर आए वो रास्ता उन्हे मिला। और फिल्में छोड़कर सीरियल बनाया। हालांकि मैने सुना है कि लोग हंसते भी थे उन्हे लेकर कि फिल्म मेकर होके ऊपर से नीचे गिर रहे हैं। लेकिन लोगों को नहीं मालूम था कि ये डेस्टिनी थी, ये लिखा हुआ था ऊपर से कि वो सीरियल बनाएंगे ये और वो हिस्ट्री बन जाएगा। एक चीज़ मैं बोलना चाहूंगा कि ऑप्शन बहुत है आज की तारीख में, 87 में तो ऑप्शन नहीं थे, दूरदर्शन ही एक ऑप्शन था। सोशल मीडिया नहीं था, वेब्स नहीं थे, दूसरे चैनल्स के ऑप्शन नहीं थे। उसके बाद भी उस समय जो पॉपुलर हुआ क्योंकि ऑप्शन नहीं थे। लेकिन आज की तारीख में 33 साल बाद जनरेशन चेंज हो गई, बहुत चेंज आ गया लाइफ में मोबाइल से लेकर इंटरनेट हर चीज अवेलेबल है। हर तरह का मसाला अवेलेबल है। ज़रूरी नहीं है कि लोग रामायण देखें। पर आप सोचिए कि पहले चार शो की 170 मिलियन व्यूअरशिप आई। इसका मतलब है कि कुछ ना कुछ तो यकीनन रहा होगा। आप उस रामायण को देख रहे हैं उस समय क्वालिटी नही होती थी। जो उस समय बेस्ट क्वालिटी थी उसमें शूट किया। लेकिन उसमें कंटेंट इतना स्ट्रॉन्ग है, परफॉर्मेंस इतनी अच्छी है, रिलेशनशिप इतनी अच्छी है,डायलॉग्स इतने अच्छे हैं, तो लोग भूल गए हैं बाकी सब चीज़ों को। उनके सामने एचडी क्वालिटी है पर लोगों को ये पसंद आ रहा है। और बहुत रिस्पॉन्स अच्छा मिल रहा है। सोशल मीडिया पर हर किसी को फोर्स नहीं कर सकते कि आप हमें लाइक करो। वो अपने मन से कर रहे हैं और जिस तरह के कमेंट्स आ रहे हैं इट्स अनबिलिवेबल। मुझे यंगस्टर्स की तरफ से बहुत अच्छे कमेंट्स मिल रहे हैं। जब आप कहते हैं ना कुछ चीजे बनती हैं और ये बन गई है। और ये इंडियन सिनेमा की हिस्ट्री में क्या वर्ल्ड हिस्ट्री में लिखा जाएगा इस प्रोग्राम के बारे में। सुनील लहरी जी जब आप इसकी शूटिंग कर रहे थे उस दौरान का कोई ऐसा अनुभव जिसने आपके दिल को छूआ हो उसका ज़िक्र करना चाहेंगे। घटना जो रामायण के दौरान घटी या रामायण के आसपास घटी है उसमें हमें दुनियाभर से इंविटेशन आते रहे थे। आप सोच लीजिए कि शायद ही कोई बड़ा सेलेब्रिटी हो जिन्हे आसानी राष्ट्रपति से मिलने का मौका मिला हो। हमें ऐसे बहुत आदर मिले हैं। दो खासकर ऐसे इंसीडेंट हैं मेरे लाइफ के मैंने ज़िक्र भी किया है इनके बारे में ऐसा नहीं है कि नहीं किया है लेकिन कम किया है। पहला, ये है कि मुझे उस समय डॉ. शंकर दयाल शाह हमारे देश के राष्ट्रपति थे, मिसेज शंकर दयाल शाह जी ने मुझे घर पर बुलाया था। हालांकि उनके पास अच्छे से अच्छा कुक है, पर उनकी इच्छा थी कि उनके हाथ के बने हुए मैं समोसे खाऊं और उन्होने मुझे वो समोसे अपने हाथों से खिलाए थे। ये इंसीडेंट हमेशा मुझे याद रहेगा और दूसरा जो है वो जया बच्चन जी हालांकि वो भोपाल से हैं मैं भी भोपाल से हूं उनके पति देव जो मिलेनियम स्टार हैं बच्चन साहब उसके बावजूद भी जब वो स्वास्तिक चिल्ड्रन सोसायटी की चेयरपर्सन थीं उन्होने मुझे इन्वाइट किया था सोसायटी के चिल्ड्रन प्रोग्राम के लिए। उन्होने जिक्र भी किया था कि मैं बच्चन साहब को भी बुला सकती थी लेकिन क्योंकि बच्चों की डिमांड थी कि लक्ष्मण को बुलाया जाए इसीलिए मैने तुम्हे बुलाया है। और उन्होने ये भी कहा था कि आज जहां पर सिनेमा नहीं है वहां पे शायद लोगों ने बच्चन साहब की फिल्में ना देखी हो ना जानते हो लेकिन टेलीविज़न जो है कार की बैट्री से चलाकर लोगों ने देखा है और कोने कोने में लोग रामायण को और रामायण के कलाकारों को जानते हैं। ये दो ऑनर मेरे लिए मायने रखते हैं शायद मैं अपनी जिंदगी में इसे भूल भी नहीं पाऊंगा। रामायण के बाद आपने बहुत कम काम किया, इसके पीछे क्या वजह रही। देखिए, इसके पीछे दो वजह रही। एक तो ये कि काम उस तरह का नहीं मिला जिस तरह का काम मैं करना चाहता था और दूसरा ये रहा कि मुझे लगा कि ऑडियंस की उम्मीदें उस लेवल पर आ गई है जिस लेवल पर मुझे अगर मैं उससे नीचे का काम करूंगा तो ऑडियंस के दिल को ठेस लगी होगी। इसीलिए मैंने काम किया ऐसा नहीं है कि नहीं किया। मैने 2 फिल्में की, 3 फिल्में की उसके बाद में मैने टेलीविजन प्रोग्राम किया लेकिन जो भी काम किया ठीक ठाक ही किया और लोगों ने अप्रिशियेट ही किया है। पर वो सक्सेस उतना नहीं हो पाया। तो मुझे लगा कि नहीं मैं वो काम नहीं करूंगा। मैने दूसरा काम भी स्टैबलिश कर लिया था थोड़ा। टेलीविज़न प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया था। तो इसीलिए मुझे जरूरत नहीं थी कि मैं एक्टिंग करूं और ऐसे कमाकर खाऊं। मेरी दाल रोटी चल रही थी और चल रही है अभी भी। कुछ सेटिसफेक्ट्री काम आएगा तो मैं जरूर करूंगा। बीच में सुनील लहरी जी आप ने दूरदर्शन चैनल के लिए भी कोई सीरियल बनाए थे ? मैने एक सीरियल पहले बनाया था बहुओ के नाम से। बच्चों को लेकर और एनिमेशन को कम्बाइंड करके। हिंदुस्तान में इस तरह का पहली बार कोई प्रोग्राम बना और दूसरा प्रोग्राम मैने अरूण जी के साथ मिलकर जो सीनियर सिटीज़न को लेकर कॉमेडी बनाई थी। जो 60 प्लस के लोग हैं उन्हे लगता है कि हम अनवॉन्टेड हैं लाइफ में तो मैंने ये बताने की कोशिश की इस प्रोग्राम के थ्रू कि ये बेस्ट टाइम है आपकी लाइफ का, रिटायरमेंट हो गई, जिम्मेदारियां खत्म हो गई, लाइफ में अब आपके जो भी साल बचे हैं आपके पास उसमें लिव लाइफ किंग साइज इन्जॉय कीजिए, जीना चाहिए आपको, वो कीजिए जो पहले आप नही कर पाए हों। वो बनाया था प्रोग्राम। उसका सीक्वल भी बनाया हैप्पी होम्स के नाम से। जो दूरदर्शन पर चला और काफी प़ॉपुलर रहा। बाद में इसे फैमिली बेस्ड शो कर दिया था। फिर मैने एक अपना बनाया था ट्रेडिशनल मैरिजिस ऑफ इंडिया के ऊपर जिसमे अलग अलग शादियां कैसी होती हैं, पंजाबियों में कैसी, बंगालियों में कैसी, गुजरातियों में कैसे तो उसके ऊपर एक प्रोग्राम बनाया था। फिर एक कॉमेडी बनाया जो मैसेज देते हुए 2 -2 एपिसोड की कहानियों को लेकर था। इसी तरह के एक दो प्रोग्राम पाइपलाइन में और भी हैं। जो प्लान कर रहा हूं बनाने के लिए । किसान में मैं कोशिश कर रहा हूं किसान का अभी एक्सेप्ट नहीं हो रहा है होगा एक्सेप्ट तो किसान भाईयों के लिए है एक प्रोग्राम। आगे कभी होगा तो मैं जरूर बनाऊंगा। और पढ़ेंः लॉकडाऊन के दौरान सोशल मीडिया के ज़रिए पाक कलाकारों के साथ काम करने पर भड़का FWICE, दी भारतीय सिंगरों को चेतावनी #mayapuri #RAMAYAN #sunil lahri #ramayan serial #Ramanand Sagar Ki Ramayan #Ramanand Sagar’s Ramayan #Ramayan Character Interview #Ramayan Ka Laxman #Sunil Lahri Exclusive Interview #Sunil Lahri Interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article