Advertisment

भांग वाली ठंडाई को दूर से नमस्कर करतें हैं रणबीर कपूर

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
भांग वाली ठंडाई को दूर से नमस्कर करतें हैं रणबीर कपूर

रणबीर कपूर, कपूर खानदान का रोशन ए चिराग है तो जाहिर है उनके साथ होली का कनेक्शन जन्म से रहा होगा। उनके दादाजी 'द ग्रेट राज कपूर' बॉलीवुड के वो शो मे थे जिनके आर के स्टूडियो में होली का वह जश्न मनाया जाता था जो भारत में ही नहीं दुनिया में चर्चा का विषय बन जाता था। रणबीर कपूर उसी खानदान का चिराग है और इस लिहाज से जाहिर है उन्हें भी होली का जबरदस्त क्रेज होगा, लेकिन यह सुनकर आपको बड़ा आश्चर्य होगा कि रणबीर अक्सर रंगों से दूर भागते हैं और उनके दोस्त जो उन्हें जानते पहचानते हैं  वे भी रणबीर को रंगो से बचाने में लगे रहते हैं। है न अजीब बात? जिस कपूर चिराग के दादाजी होली खेलने का एक मौका भी नहीं छोड़ते थे, जिनके खानदान के सारे कपूर होली के दिन सर से पैर तक रंगों में इतना डूब जाते कि उन्हें पहचानना दुश्वार हो जाता, जो कपूर कुटुंब, एक ज़माने में अपने स्टूडियो में, होली के दिन कदम रखने वाले हर मर्द या औरत, सबको रंगो के पूल में डुबोने का आनंद लेते थे उन्हीं का पोता रंगों से दूर दूर क्यों भागते हैं?  पूछने पर पता चला कि दरअसल रणबीर को गीले रंगों से एलर्जी है और जब भी उनके चेहरे या शरीर पर रंग डाला गया तो उन्हें रैशेज और सूजन की शिकायत हो गई। फिल्म 'यह जवानी है दीवानी' में 'बलम पिचकारी' वाली होली गीत को फिल्माए जाते वक्त जब रणबीर पर ढेर सारा रंग डाला गया था तो उन्हें काफी  एलर्जी का सामना करना पड़ा और एंटीबायोटिक एंड एंटी एलर्जी दवाइयां भी खानी पड़ी। तो क्या रणबीर कपूर होली खेलते ही नहीं? नहीं जनाब ऐसी बात नहीं, राज कपूर का वंशज होली ना खेले, ऐसा हो कैसे सकता है? जी हां वे होली खेलते जरूर है, लेकिन सिर्फ ऑर्गेनिक सूखे गुलाल के साथ या फिर सिर्फ एक बोतल सादे पानी के साथ। पानी को लेकर भी वे कहते हैं, 'वैसे तो मैं यही सजेस्ट करना चाहता हूं कि होली खेलने के लिए पानी बिलकुल वेस्ट नहीं करना चाहिए, लेकिन जब मेरा कोई जिगरी दोस्त गीले रंग से मुझपर रंग डालने की जिद पकड़ ही लेता है तो एक बोतल सादा पानी से काम चलाने को कहता हूँ बिना कलर के। लेकिन मेरा बस चले तो मुझे सिर्फ सूखा गुलाल ही पसंद है।' रणबीर कपूर को होली पर मिठाइयां,  गुझिया खाने का बड़ा शौक है। वैसे तो वे अन्य दिनों में हेल्थी  डाइट  मेंटेन करने के लिये  मिठाइयां और तले भुने चीजों से परहेज करते है लेकिन होली के दिन वे किसी की नहीं सुनते, सिर्फ अपनी पेट की सुनते हैं और मिठाइयां समोसे, पकौड़े, बर्गर, सब चट कर जाते हैं। एक बार दोस्तों के चक्कर में उन्होंने भांग वाली ठंडाई पी ली थी, फिर तो बस गजब हो गया। वे लगातार दिन भर समोसे, कचौड़ी, मिठाइयों पर हाथ साफ करते रहे। उन्हें थाली भर भर के ढेर सारी मिठाइयां खाते जिसने भी देखा दांतो तले उंगली दबा ली। आखिर वही हुआ जिसका डर था। उनका पेट 'टैं' बोल गया और कई दिनों तक उन्हें घड़ी घड़ी टॉयलेट के चक्कर काटने पड़े, फिर जब दवाई लेकर वे ठीक हुए तो कान पकड़ लिया कि आगे कभी भांग को हाथ नहीं लगाएंगे। अब भांग वाली ठंडाई को वे दूर से नमस्कार करतें हैं।

Advertisment
Latest Stories