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पौराणिक टीवी सीरियल‘‘देवी आदि पराशक्ति’’की अदाकारा रति पांडे को दो दिन पहले मिल जाती है पटकथा

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By Mayapuri Desk
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पौराणिक टीवी सीरियल‘‘देवी आदि पराशक्ति’’की अदाकारा रति पांडे को दो दिन पहले मिल जाती है पटकथा

15 वर्षों से निरंतर विविध किरदार निभाते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाए रखने वाली टेलीविजन अभिनेत्री रति पांडे हमेषा अपनी अभिनय क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहती है।इसी के चलते पहली बार उन्होने‘‘दंगल’’टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे पौराणिक टी वी सीरियल‘‘देवी आदि पराशक्ति’’में देवी पार्वती का किरदार निभाने को तैयार हुई है।इन दिनों वह इस सीरियल में देवी पार्वती की तरह पोषाक पहने हुए संस्कृतनिष्ठ संवाद बोलते हुए नजर आ रही हैं।

पौराणिक टीवी सीरियल‘‘देवी आदि पराशक्ति’’की अदाकारा रति पांडे को दो दिन पहले मिल जाती है पटकथा

देवी पार्वती के किरदार को निभाने के अपने अनुभवों के बारे में रति पांडे कहती हैं-‘‘इस सीरियल के लिए षुद्ध हिंदी और संस्कृत भाषा के उच्चारण को सीखना बहुत कठिन काम था।पर निर्देषक के सहयोग से यह संभव हो पा रहा है।मुझे अपने सभी दृष्यों की पटकथा शूिटंग से दो दिन पहले ही मिल जाती है और मैं उसकी तैयारी कर लेती हॅूं।सीरियल से जुड़ी टीम मुझे ईमेल पर पटकथा कुछ दिन पहले भेज देती है।मैं कठिन और जो शब्दों मुझे समझ में नहीं आए,उनका वर्णन ढूंढ़ती हॅूं।षूटिंग के लिए सेट पर जाने से पहले मैं हर संवाद का अर्थ समझने की कोशिश करती हुईं। इसके अलावा शूटिंग से 2 दिन पहले मैं निर्देशक के साथ बैठ कर उनके संवाद और किस तरह से उच्चारा करना है,इसे समझने की कोशिश करती हूॅं।शूटिंग खत्म होने के बाद घर वापस जाते समय की लंबी यात्रा के दौरान मैं अगले दिन की पटकथा पढ़ लेती हॅूं।‘‘

पौराणिक टीवी सीरियल‘‘देवी आदि पराशक्ति’’की अदाकारा रति पांडे को दो दिन पहले मिल जाती है पटकथा

जी हाॅ!एक पौराणिक कथा वाले सीरियल के किरदार को निभाने के लिए कलाकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।फिर चाहे पोषाक का मसला हो या संवाद अदायगी हो या बाॅडी लैंगवेज हो या मेकअप हों।हर चीज पर मेहनत करनी पड़ती है।इस पर रति पांडे कहती हैं-‘‘मैं हिंदी भाषी हॅूं,और आम जीवन से जुड़े किरदारों को निभाना आसान होता है।ऐसे किरदारों को अभिनय से बेहतर बनाया जा सकता है।लेकिन जब पौराणिक या किसी ईष्वरीय देवी का किरदार हो तो आसान नही हो सकता।हमें मेकअप, कास्ट्यूम, बाॅडीलैंगवेज से लेकर संवाद अदायगी आदि पर काफी ध्यान केंद्रित करना पड़ता है।यह मेरा पहला सीरियल था,इसलिए मुझे कुछ ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ी।मैंने अपनी तरफ से पार्वती देवी की भूमिका के साथ न्याय करने की कोषिष की है।

शान्तिस्वरुप त्रिपाठी

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