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विश्व प्रसिद्ध इतालवी ओपेरा क्वीन जियोकोंडा वेसीचेली ने हाल ही में दिल्ली में एक भावपूर्ण संगीत कार्यक्रम के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक मातृभूमि भारत को सम्मान जताने के लिए भारत की यात्रा की। दिल्ली आकर वे बोली, "दिल्ली तो दिल वालों की है और मेरे पास दिल ही दिल है।" भारत और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ जियोकोंडा वेसीचेली का गहरा संबंध और प्रेम उनके परफॉर्मेंस और परंपराओं को मनाने के प्रति समर्पण के माध्यम से उभर कर सामने आता है। उनकी नई फिल्म के सेट पर एक सुकून भरे पल के दौरान, मुझे जिओकोंडा की बेहद सुंदर, सेक्सी तस्वीरें खींचने का सौभाग्य मिला। उन्होने हमारे देश भारत के प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करते हुए अपनी खुद की लिखी एक कविता भी मुझे सौंप दी।
जिओकोंडा का भारत के साथ आध्यात्मिक बंधन पिछले कुछ सालों से दुनिया देख रही है। एक कलाकार के रूप में, जियोकोंडा को हमेशा से ही भारत के सुकून भरे छाँव में सांत्वना और प्रेरणा मिली है। भारत देश की उनकी यात्रा ने उन्हें भारतीय लोगों, संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ने का अवसर प्रदान किया, जिसने उनकी कलात्मक यात्रा को और भी ज्यादा बढ़ावा दिया है। दिल्ली में एक रंगारंग संगीत कार्यक्रम के साथ उन्होने अपना दिल उढेल के रख दिया। जियोकोंडा का लक्ष्य भारत के व्यापक दर्शकों के साथ भारत के प्रति अपने प्यार और प्रशंसा को साझा करना था।
जिओकोंडा की कविता, जिसका शीर्षक "पानी " है, भारतीय संस्कृति में पानी के महत्व को खूबसूरती से दर्शाती है। वह जीवन देने वाली शक्ति के रूप में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करती है, जो पहाड़ों से बहती है और एक रूपक फव्वारे में बदल जाती है। अपने शब्दों के माध्यम से, वह आंसुओं की शक्ति को प्रतिबिंबित करती है क्योंकि वे पिघलते दिल का प्रतीक हैं और यही पानी जिसे शुध्द हिंदी में जल कहते है, एक धैर्य, विश्वास और अटूट सपनों के आवश्यक सबक प्रदान करते हैं। जिओकोंडा की सकारात्मक ऊर्जा उनके छंदों के माध्यम से फैलती है। यह अजब सी रहस्यमय लड़की अपनी अजब सी कविता के साथ अपनी क्षमताओं पर भरोसा करने और एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने की याद दिलाती है जहां वे एक सितारे की तरह चमक सकें।
जिओकोंडा भारत के उस निर्विवाद सुंदरता और जादू को पहचानती है जो दुनिया के लिए अद्वितीय है। भारत के मनमोहक लोग, विविध परिदृश्य और मनोरम परंपराएँ दुनिया में एक अलग माहौल बनाते हैं। जियोकोंडा वेसीचेली, बुद्धि और सफलता से जुड़े पूज्य भगवान गणेश के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हैं और अपनी कलात्मक यात्रा को आकार देने में भारत के प्रभाव को स्वीकार करती हैं। जिओकोंडा की भारत यात्रा ने न केवल एक कलाकार के रूप में उनकी अपार प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि देश की संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति उनके गहरे सम्मान और प्रशंसा को भी प्रदर्शित किया। दिल्ली में उनके संगीत कार्यक्रम ने इतालवी और भारतीय परंपराओं के बीच एक सेतु का काम किया, जिससे दोनों के बीच गहरी समझ और प्रशंसा को बढ़ावा मिला। अपनी हृदयस्पर्शी कविता के माध्यम से, जियोकोंडा ने जल को लेकर अपने मनोभाव को बयां करके भारत के सुंदर भाषा पर एक अमिट छाप छोड़ी, जिसमें भारत के आकर्षण, जादू और दुनिया भर के दिलों को प्रेरित करने और उत्थान करने की क्षमता का सार शामिल है।
जियोकोंडा वेसीचेली की कविता
पानी ---पर्फेक्ट शब्द , बिल्कुल वैसा जैसा भारत है जो किसी और चीज़ में नहीं है!! पानी ही जल है.. जल ही जीवन है..
पानी का उत्सर्जन पर्वत से होकर बहते देख, मैं खुद को एक फव्वारे में बदल रही थी ..आंखों से बहता जल, पिघलते ज्वलंत बूंद की तरह है जो इस मानव पृथ्वी पर धैर्य और विश्वास प्राप्त करने के लिए है एक सबक।
सपने देखना कभी बंद न करें और भरोसा करना शुरू करें
देखना, फिर एक जादुई विस्फोट होगा!
इतना खूबसूरत, इतना जादू सिर्फ भारत में ही हो सकता है और भारत के लोगों में...
मैं गणेश भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं, और मैं आपका शुक्रिया अदा करती हूं भारत