Advertisment

Ravi Chopra Birthday: अच्छा इंसान होना, अमीर या बड़ा इंसान होने से बेहतर है

author-image
By Ali Peter John
Ravi Chopra Birthday: अच्छा इंसान होना, अमीर या बड़ा इंसान होने से बेहतर है
New Update

यह इंडस्ट्री अपनी खुद की सोच और मूल्यों के लिए मशहूर है. यहां अच्छे इंसान का होना सबसे महत्वपूर्ण गुण माना जाता है जिसके द्वारा कोई भी किसी के दिल और दिमाग में अनंत काल तक समाया रह सकता है. यहां अनगिनत ऐसे लोग हैं जो अपने इसी गुण के कारण यादगार बन गए हैं. रविचचोपड़ा सुप्रसिद्ध फिल्ममेकर तथा बी आर फिल्म्स के फाउंडर, बी आर चोपड़ा के एकमात्र पुत्र थे. वे अपने पिता द्वारा निर्मित इतने विशाल साम्राज्य के इकलौते वारिस थे. बावजूद इसके वे  है कि वे बेहद अच्छे इंसान थे, जिन्होंने अपने साथ काम करने वाले हर एक शख्स को भरपूर प्यार दिया और बदले में उतना ही प्यार पाया भी.

पिता बी आर चोपड़ा के निधन के पश्चात उन पर “बी. आर. फिल्मस बैनर' को टिकाए रखने की जिम्मेदारी आ गई थी. उन्होंने अपने पिता के, बारह वर्षों तक, फिल्‍म 'बागबान' बनाने के सपने को पूरा किया, जिसमें अमिताभ बच्चन तथा हेमा मालिनी स्टार थे. इस फिल्‍म को भरपूर प्रशंसा और वाहवाही मिली. उन्होंने अमिताभ और हेमा मालिनी को लेकर एक और फिल्‍म 'बाबुल' भी बनाई. उसके बाद जब वे गोविंदा को लेकर फिल्‍म 'बंदा यह बिंदास है' बना रहे थे, उन्हीं दिनों अचानक वे गंभीर रुप से बीमार पड़ गए. उन्हें फेफड़ों की एक ऐसी बीमारी हो गई थी जो लाइलाज थी. उनके इलाज के लिए पानी की तरह पैसा बहाया गया, लेकिन ढाई वर्ष के  इलाज के बावजूद वे बी आर फिल्म्स को घोर विपत्ति और बेसहारा छोड़, मौत के मुंह में समा गए. जब रवि चोपड़ा गंभीर रूप से बीमारी से जूझ रहे थे तो उन्हीं दिनों उनके दोनों पुत्र, अभय तथा कपिल, विदेश से फिल्‍म मेकिंग बिजनेस की शिक्षा पूर्ण करके पूरी तरह ट्रेन्ड हो कर वापस घर लौट आए थे. रवि के निधन से, बी आर फिल्म्स को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और बात, बी.आर. के उस विशाल हाउस के बिकने या मोर्टगेज रखने की उठने लगी. ऐसे में मेगास्टार अमिताभ बच्चन, बी आर फिल्म्स को फिर से मजबूती देने के लिए आ खड़े हुए . एक जमाने में रवि चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन को लेकर, बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म 'जमीर' बनाई थी. 

हालांकि वह फिल्म, अमिताभ को स्टार के रूप में स्थापित तो नहीं कर पाई लेकिन दोनों की दोस्ती अमिताभ के सुपर स्टार बन जाने के बाद भी, प्रगाढ़ रूप से बनी रही. अमिताभ ने बी.आर. फिल्म्स की विपदा को समझकर इस बैनर के लिए फिल्‍म 'भूतनाथ' तथा 'भूतनाथ रिटर्न्स' में काम किया. यह दोनों फिल्में अच्छी चली और बीआर फिल्‍म का परचम फिर से लहराने लगा. अमिताभ ने रवि चोपड़ा को एक बहुत अच्छे दोस्त और नेक इंसान के रुप में जाना था, इसी वजह से उन्होंने 'बीआर फिल्म्स को अपना पूरा सपोर्ट दिया. आज रवि इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी अच्छाईयां, जादुई तरीके से काम आ रही है, उनके बैनर बी.आर.फिल्म्स, उनके बेटे अभय और कपिल तथा उनकी पत्नी श्रीमती रेणू चोपड़ा के लिए, जो आज बी आर फिल्म्स की डिग्निटी बनाए रखने की शक्ति बनी हुई है. रविचोपड़ा की अच्छाईयां और नेकी उनके इस दुनिया से अलविदा लेने के बावजूद भी, बी.आर. फिल्म्स के लिए  कमाल करती जा रही है.

उनकी पत्नी श्रीमती रेणू चोपड़ा, बेटे अभय और कपिल ने पूरी मेहनत के साथ तीन फिल्में लॉन्च की है, 'इत्तेफाक', 'बरेली की बर्फी' तथा एक अन-टाइटल्ड फिल्‍म. इस कम्पनी को अभय चोपड़ा निर्देशित फिल्‍म इत्तेफाक के लिए, बिना किसी एक्सपेक्टेशन के, करण जौहर तथा धर्मा प्रोडक्शन और शाहरुख खान तथा रेड चिलीज एंटरटेनमेंट जैसे पार्टनर मिल गए, 'बरेली की बर्फी' के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप के, 'जंगली फिल्म्स' तथा अन- टाइटल्ड फिल्‍म के लिए, सलमान खान की कंपनी- 'पनी-सलमान खान वेंचर्स, चर्स, जैसे साथी मिल गए.

इस बैनर के लिए सबके मन में बेहद इज्जत है, वो बैनर जो पिछले कई वर्षों से बेहतरीन यादगार फिल्में बनाती आ रही है और सबसे बड़ी बात है स्वर्गीय रवि चोपड़ा का अपने जीवन काल में सर्वश्रेष्ठ इंसान का होना, जिनकी अच्छाईयां बीआर फिल्म्स के प्रत्येक सदस्य में आज भी व्याप्त है.

#indian filmmaker ravi chopra #filmmaker ravi chopra #ravi chopra birthday #ravi chopra movies #ravi chopra biography in hindi #ravi chopra life story
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe