सुप्रसिद्ध टीवी स्टार Varun Badola 'ज़ी थिएटर' के टेलीप्ले ''रॉन्ग टर्न' में मुख्य भूमिका निभा रहें है।

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By Mayapuri Desk
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सुप्रसिद्ध टीवी स्टार Varun Badola 'ज़ी थिएटर' के टेलीप्ले ''रॉन्ग टर्न' में मुख्य भूमिका निभा रहें है।

Varun Badola कहते हैं, ' ग्रेट परफॉर्मेंस और एक तेजस्वी कहानी आपको इस थ्रिलर से रूबरू कराएगी और बाँधे रखेगी।'
ज़ी थिएटर के सस्पेंस से भरे इस टेलीप्ले 'रॉन्ग टर्न' में यह अनुभवी अभिनेता, 'वरुण बडोला मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
ज़ी थिएटर प्रस्तुत कर रहे हैं रंजीत कपूर कृत 'रॉन्ग टर्न' ’ जो एक लेयर्ड, मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है जो इस महीने भर में एयरटेल स्पॉटलाइट पर नैतिक और कानूनी न्याय के बीच की रेखा को धुंधला देगी।

यह एन्ग्रोसिंग टेलीप्ले तब शुरू होता है जब नायक अरुण एक बरसात की रात में, एक पुराने मकान में प्रवेश करता है जहां वे तीन सेवानिवृत्त वकीलों को एक असामान्य खेल के साथ खुद को खुश रखते देखता है । उस खेल में वरुण भी  शामिल होने पर सहमत होता है। वो वकील लोग एक ट्रायल दृश्य को रिक्रिएट करने का खेल खेल खेलते हैं। उनमें से एक वरुण पर मुकदमा चलाने का खेल खेलता है और  दूसरा उसको बचाने का। तीसरा वकील न्यायाधीश के रूप में कार्यवाही की अध्यक्षता करता है।. वे उसे निष्पक्ष सुनवाई का वादा करते हैं लेकिन अगर दोषी साबित हुए तो एक गंभीर सजा देने वाले होते है।

अरुण की भूमिका निभाने वाले वरुण बडोला कहते हैं,  ' इसमें ग्रेट परफॉर्मेंस और एक शानदार कहानी आपको इस थ्रिलर से रूबरू कराएगी और बाँधे रखेगी। जहां तक मेरी भूमिका  की बात है, तो यह रोल अपनी जटिलताओं और चुनौतियों के साथ भरा हुआ है।. मैं एक आम साधारण आदमी की भूमिका निभाता हूं जो उस एक रात में दर्शकों को अपने चरित्र की प्रोग्रेशन का गवाह बनाता है।   उस चरित्र को खेलना काफी कठिन था लेकिन बहुत मज़ा भी आया।'

Varun Badola कहते हैं कि इस टेलीप्ले  की तैयारी भी एक एनरिचिंग अनुभव था, और इसके रिहर्सल के दौरान  एक खुशी भरा माहौल रहा क्योंकि मुझे ऐसे शानदार अभिनेताओं के साथ काम करने का आनंद मिला जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता था। इस शेयर्ड मटेरियल पर काम करते समय हर अभिनेता का विभिन्न प्रक्रियाओं पर चर्चा करना वाकई एक अद्भुत अनुभव था।

इस विश्व महामारी के दौरान टेलीप्ले की बढ़ती लोकप्रियता पर टिप्पणी करते हुए, वरुण कहते हैं, “वेल, 2020 ने कुछ चीजों को बदल दिया है।. मुझे एहसास हो रहा है कि एक टेलीप्ले आपकी रचनात्मक पहुंच को बढ़ाता है जबकि एक मंच प्रदर्शन केवल कुछ निश्चित लोगों को कैटर कर सकता है। व्यापक दर्शकों तक पहुंचने के लिए बहुत सारी अच्छी कहानियां और नाटक प्रतीक्षारत हैं और यह मंच उन्हें एक बड़ा प्लैटफॉर्म्स देने का अच्छा तरीका है। साथ ही, आज डिजिटल प्लेटफॉर्म में विविधता है और सभी के लिए कुछ उपलब्धता है।'

इस टेलीप्ले में गोविंद नामदेव, ललित तिवारी, सुनील सिन्हा, लिलिपुट फारुकी, सुज़ेन मुखर्जी, अनंगशा बिस्वास, शालिनी शर्मा और नीरज साह भी शामिल हैं।

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