Richa Chadha Tweet on Galwan: एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) ने उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान पर ट्वीट किया है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने के लिए तैयार है. गलवान विवाद को लेकर ऋचा ने एक तरह से सेना का मजाक उड़ाया है. एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि, "गलवान कहता है हाय". इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने ऋचा चड्ढा को ट्रोल करना शुरु कर दिया हैं.
ऋचा चड्ढा ने मांगी माफी
ऋचा चड्ढा ने माफी मांगते हुए लिखा कि, "यद्यपि मेरी मंशा कभी भी कम से कम नहीं हो सकती है, यदि किसी विवाद में खींचे जा रहे 3 शब्दों से किसी को ठेस पहुंची हो या किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं माफी मांगती हूं और यह भी कहता हूं कि अगर अनजाने में भी मेरे शब्दों से यह भावना पैदा हुई है तो मुझे दुख होगा. फौज (सेना) में मेरे भाई जिनमें मेरे अपने नानाजी एक शानदार हिस्सा रहे हैं. मेरे दादा, एक "लेफ्टिनेंट कर्नल", ने भारत-चीन युद्ध में पैर में गोली मार ली थी. "मेरे मामाजी एक पैराट्रूपर थे. यह मेरे खून में है. एक पूरा परिवार प्रभावित होता है जब एक बेटा शहीद हो जाता है या राष्ट्र को बचाने के लिए घायल हो जाता है जो हम जैसे लोगों से बना होता है और मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं कि यह कैसा लगता है. यह एक भावनात्मक मुद्दा है. मेरे लिए".
वहीं ऋचा चड्ढा ने इस ट्वीट पर बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "शर्मनाक ट्वीट. जल्द से जल्द वापस लिया जाए. हमारे सशस्त्र बलों का अपमान करना उचित नहीं है". आपको बता दें कि सोशल मीडिया यूजर्स ने भारतीय सेना का मजाक उड़ाने के लिए लगातार ऋचा चड्ढा की आलोचना की जा रही हैं.
इसके साथ ही BJYM के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज जैन ने भी उनके ट्वीट के लिए ऋचा चड्ढा की खिंचाई की और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से भारतीय सेना पर अपमानजनक टिप्पणियों के लिए अभिनेता के खाते की रिपोर्ट करने को कहा.
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि साल 2020 में गलवान में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 वीर जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीन को भी यहां भारी नुकसान हुआ और उसके कम से कम 35-40 सैनिक मारे गए. इसके बाद भारत और चीन के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. 1 मई 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह झड़प पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर हुई थी. चीन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा लंबे समय तक छुपा कर रखा लेकिन बाद में उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया.