रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे, मोहे मारे नजरिया सावरिया रे. कितने खूबसूरत बोल हैं ये! जितने खूबसूरत बोल उतनी ही सुंदर धुन. कुछ ऐसा ही है 'रंग सारी' गाना. जितनी बार भी सुन लो मन नहीं भरता. राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ये गाना सुना और इसने ऐसी छाप छोड़ी कि ये गाना ज़बां से हट ही नही रहा. टीम मायापुरी इस फिल्म फेस्टिवल पर पहुंची थी जहां हर तरह की फिल्में और गाने सुनने का मौका मिला. चाहे इंग्लिश फिल्में हों, साउथ हों या फिर संस्कृत! यहां हमने सब कुछ अनुभव किया और जाना कि सिनेमा और गानों का मतलब सिर्फ बॉलीवुड नही है, असल में ये उससे बहुत आगे है.
जब वहां रंग सारी गाना बजा तो ऑडिएंस में बैठे मीडिया के सारे लोग झूम उठे. ये गाना पहली बार 2020 में आया था, और ये इतना फेमस हो जाएगा ये किसी ने सोचा भी नही होगा. ये गाना कविता सेठ और कनिष्क सेठ ने गाया है और गाने का कांसेप्ट, अनिमेशन और निर्देशन इंद्रजीत नट्टोजी ने किया है. जितना बेहतरीन ये गाना है उतने ही बेहतरीन इसके विज़ुअल भी लगे.
गजब तो तब हो गया जब ये गाना एक बार फिर करण जौहर की फिल्म जुग जुग जीयो में सुनने को मिला. आवाज़ वही, जादू भी वही लेकिन पहले से और भी शानदार. अगर सीधे शब्दों में इस गाने के बारे में कुछ कहना हो तो मैं कहूंगी- 'एक खूबसूरत ठुमरी जो सिर्फ और सिर्फ प्यार दर्शाती है लेकिन एक चंचल तरीके से!' ये एक पारंपरिक गाना है लेकिन इसमे उतना ही नयापन भी है.
अगर आपने अब तक ये गाना नहीं सुना तो चलिए आप और हम एक बार इस गाने को सुने और महसूस करें वो प्यार जो चंचल है और दीवाना बना देता है.