नार्थ और साउथ की फिल्मों की बहस पर विराम लगा दिया है RRR की 'ऑस्कर' कामयाबी ने! By Sharad Rai 14 Mar 2023 | एडिट 14 Mar 2023 06:07 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर दक्षिण भारत की फिल्म RRR ने ऑस्कर अवार्ड जीतकर उनलोंगों के मूंह पर ताले लगा दिया है जो क्वालिटी और कामयाबी की बात को छोड़कर नार्थ - साउथ की बहस लिए बैठ जाते थे. प्रधान मंत्री ने 'आरआरआर' की टीम को बधाई देकर बता दिया है कि यह भारत की जीत है. दक्षिण के स्टार- पॉलिटिशियन चिरंजीवी के मन का म्लान दूर हो गया है जो दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मान वितरण के अवसर पर दक्षिण के फिल्मी लीजेंड्स का चित्र लगा हुआ न देखकर इग्नोरेंस महसूस किए थे. भारत की पहली (मेक इन इंडिया) ऑस्कर विजेता बनकर RRR ने नार्थ साउथ की फिल्मों पर होने वाली बहस पर विराम लग दिया है. बेशक साल 2022 में बॉलीवुड और टॉलीवुड की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिपोर्ट को लेकर खूब बहस चलती रही है. दोनो फ़िल्म इंडस्ट्री के कई सितारे इस बहस में उतर पड़े थे कि किनकी फिल्म पैन इंडिया फिल्म कही जानी चाहिए? बॉलीवुड (जिसका सेंटर मुम्बई है) हिंदी फिल्में बनाता है जो पूरे हिंदुस्तान में चलती हैं जबकि टॉलीवुड दक्षिण के चार प्रदेशों की भाषाई ( तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड़) फिल्मों का उत्पादन करने वाला मुख्य बाजार है. टॉलीवुड की फिल्में हिंदी भाषा मे आवाज (डब) देकर अन्य जगहों पर चलाई जाती हैं क्योंकि उनकी भाषा को उत्तर भारत के लोग समझ नही पाते.इस वजह से भाषान्तर की लड़ाई देश मे बहुत पहले से चली आरही है.अब जब दुनिया ग्लोबलाइज हो रही है. साऊथ की फिल्में डबिंग करके पूरे भारत मे डिस्ट्रीब्यूट की जा रही हैं. साउथ की एक्शन पैक्ड फिल्मों की तरफ हिंदी फिल्में देखने वाले दर्शकों का रुझान इधर कुछ वर्षों में खूब बढ़ा है. हालात यह है कि टॉलीवुड में बनी फिल्में बॉलीवुड में बनी फिल्मों को कमाई कलेक्शन में पछाड़ना शुरू कर चुकी हैं. और अब, उन्होंने ऑस्कर भी फतह कर लिया है. बॉलीवुड फिल्म के दर्शकों में हिंदी के साथ साथ गुजराती, मराठी, पंजाबी, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी और उत्तर- पूर्व के राज्यों के दर्शक शामिल हैं. जबकि टॉलीवुड फिल्म के दर्शक महज चार दक्षिण के प्रदेश के होते हैं, वे चाहे जहां भी रह रहे हों. हैरानी की बात यह है कि पॉपुलरटी के हिसाब से देश के बहुतायत सितारे (अमिताभ, शाहरुख, सलमान, आमिर, अक्षय, अजय) सब मुम्बई की फिल्मों से हैं जबकि चेन्नई की फिल्मों के सितारे जो कम प्रसिद्ध हैं, उनकी फिल्में व्यापार करने में औवल जा रही हैं. उनकी फिल्मों की कलेक्शन रिपोर्ट हिंदी फिल्मों की कलेक्शन रिपोर्ट पर भारी कमाई देने वाली बताई जा रही है. कैसे? यकीन नहीं होता न! आइए, देखें देश मे पिछले कुछ सालों की अधिक कमाई करनेवाली फिल्मों की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिपोर्ट क्या कहती है- हम सिर्फ 5 सालों की 10 फिल्मों की रिपॉर्ट देखते हैं. देश मे 100 करोड़ की कमाई (कलेक्शन) करने वाली 10 फिल्मों में दक्षिण की 6 फिल्मों का नाम आता है जबकि बॉलीवुड की 4 फिल्में ही इस गिनती में हैं और 1 फिल्म हॉलीवुड की रही है. साल 2018 में फिल्मों की कमाई का कुल कलेक्शनल 4900 करोड़ आंका गया था इसमें 3900 करोड़ साउथ की फिल्मों का हिस्सा था- यानी 47 प्रतिशत टॉलीवुड ने कलेक्शन दिया था. साल 2019 में भी कुछ ऐसा ही कलेक्शन था. यानी कुल कलेक्शन था 5200 करोड़ का, जिसमे दक्षिण की फिल्मों की हिस्सेदारी में 3900 करोड़ था. साल 2020 में जब कोरोना की महामारी थी फिल्मों की कमाई का कलेक्शन सिर्फ 930 करोड़ बताया गया था. यह थियएटर का दौर नही बल्कि OTT का समय चल रहा था, तब टॉलीवुड की फिल्मों ने 1230 करोड़ की कमाई दिया था.यानी- साउथ अगड़ गया था. इसीतरह साल 2021 में बॉलीवुड 600 करोड़ पर था तो टॉलीवुड का कलेक्शन 1900 करोड़ बताया गया था. साल 2022 में तो बॉलीवुड के खाते में सिर्फ "द कश्मीर फाइल्स" का नाम लिया जा रहा है जबकि दक्षिण की फिल्मों ( "पुष्पा- पार्ट 1", "आरआरआर" और "केजीएफ- चैप्टर 2" ने कमाई करने के सारे रेकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. साल 2017 में बॉलीवुड की फिल्म "secret superstar" ने 858 करोड़ का कलेक्शन दिया था जबकि "बाहुबली" का कलेक्शन 1750 करोड़ था. 2018 में बॉलीवुड की अधिक कलेक्शन देने वाली फिल्म "संजू" थी 578 करोड़ तो दक्षिण की फिल्म 2.0 उसके सामने थी. 2019 में बॉलीवुड फिल्म "वार" ने 478 करोड़ का कलेक्शन दिया था उसके सामने साउथ से ''साहो'' का कलेक्शन 433 करोड़ था. साल 2020 में बॉलीवुड फिल्म अजय देवगन की "तांहा जी" 362 करोड़ का कलेक्शन दी थी तो दक्षिण की एक फिल्म "अला वैकुंठपुरम" का कलेक्शन 262 करोड़ था. साल 2021 में - "सूर्यवंशी" 300 करोड़ पर थी तो "पुष्पा-पार्ट 1" 370 करोड़ कमाई का कलेक्शन देकर आगे निकल गयी. साल 2022 ने तो कलेक्शन ग्राफ एकदम पलटी मार गया है. "बॉलीवुड की सबसे अधिक चलने वाली फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" 350 करोड़ के पार है तो टॉलीवुड फिल्म "RRR" ने 1100 करोड़ के साथ अपने ही बाजार की फिल्म "बाहुबली 2"(1750 करोड़) को पछाड़ा है. और, "KGF चैप्टर 2" ने तो सारे रेकॉर्ड्स ही तोड़ दिया है. बेशक फिल्मों के कलेक्शन ग्राफ को बॉलीवुड की फिल्म 'पठान' ने भरने की कोशिश किया है. अब बहस इस बात पर चल रही है कि कौन आगे कौन पीछे ? तो कहना होगा कि निश्चित रूप से दक्षिण की फिल्मों का बाजार गर्म है. दक्षिण की यानी- टॉलीवुड की फिल्में चाहे हिंदी में डब करके दिखाई जाएं या रीमेक होकर बनाई जाएं उनके प्रति बॉलीवुड फिल्में देखने वाले दर्शकों का रुझान बढ़ा है. आज बॉलीवुड सितारे सलमान, अक्षय सभी रीमेक फिल्में करके हिट फिल्म दे पा रहे हैं. बॉलीवुड अपनी मौलिकता से दूर जा रहा है.बॉलीवुड के पास न तो विषय है ना शानदार प्रस्तुति है. जबकि टॉलीवुड फिल्में अपने नए नए विषय और एक्शन पैक्ड मेकिंग के कारण 'डब' सामाग्री होकर भी हिंदी फिल्म के कंज्यूमर्स (दर्शकों) पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए जा रही हैं.बॉलीवुड दर्शकों पर टॉलीवुड फिल्मों का खुमार चढ़ रहा है. RRR ने गाने 'नाटू नाटू' के लिए ही सही, ऑस्कर में पहली बार भारतीय फिल्म को सम्मान दिलाया है. 'नाटू नाटू' के हिंदी वर्सन 'नाचो नाचो' ने 'पठान' के विवादित गाने को भी पछाड़ दिया है जो दीपिका पादुकोण पर फिल्माया गया गाना है. उसी दीपिका पादुकोन ने ऑस्कर मंच पर RRR की जीत को प्रजेंट किया है.सचमुच नार्थ साउथ की बहस पर विराम लग गया है! #RRR Oscar #RRR Oscar success #debate between North and South films हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article