भारतीय दर्शकों के साथ 30 वर्षों से ज्यादा समय से चले आ रहे अपने रिश्तों के सफर में ज़ी टीवी ने अपनी बेहतरीन कहानियों से हमेशा उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे अपने अंदर की ताकत को समेटकर एक बेहतर कल बनाने के लिए खुद अपनी तकदीर की कमान संभालें. इसी भावना की एक शानदार मिसाल है झारखंड के एक पिता की कहानी, जिन्होंने एक बुरी शादी का बंधन तोड़कर घर लौटी अपनी बेटी का एक बारात के साथ शानदार स्वागत किया. हम में से बहुत-से लोग अक्सर समाज में बदलाव लाने की बातें तो करते हैं लेकिन चंद लोग ही वो पहला कदम उठा पाते हैं. ऐसे समाज में, जहां तलाक को अब भी अलग नज़रों से देखा जाता है और लड़कियों को अक्सर एक नाकाम शादी के लिए जिम्मेदार माना जाता है, वहां प्रेम कुमार जैसे पिता उन हजारों भारतीय बेटियों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर सामने आए, जो अपनी नाकाम शादी के बाद अपने खुद के परिवारों में अपनाए जाने की चाहत रखती हैं. इस तरह की कहानियां उस बदलाव की शुरुआत करती हैं जिसकी समाज में सबसे ज्यादा जरूरत है, साथ ही, ज्यादा से ज्यादा मां-बाप को अपने बच्चों के साथ खड़े रहने की हिम्मत देती हैं. 'लोग क्या कहेंगे', ये सोचकर घुटने टेक देने और तनाव में जी रही अपनी बेटी के आत्म-सम्मान को तबाह करने वाली शादी को चुपचाप सहन करने की बजाय, जब एक बेटी से ये कहा जाता है कि उसके लिए घर वापस आना ही सही रहेगा, तो यह देश के हजारों मां-बाप के सामने एक मिसाल है कि वो अपनी बेटी को यूं ही खामोश रहकर घुट-घुटके ना जीने दें. ज़ी टीवी की क्रिएटिव टीम ने इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिखाए जाने की जरूरत महसूस की और इस बेमिसाल पिता को अपने प्रतिष्ठित सिंगिंग रियलिटी शो सारेगामापा के सेट पर आमंत्रित किया, जहां स्पेशल गेस्ट के रूप में लेजेंडरी बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती भी आमंत्रित थे.
जब जज नीति मोहन ने यह सुना कि किस तरह प्रेम कुमार ने बारात और विदाई की परंपरा को पलट दिया और ढोल एवं आतिशबाजी के साथ एक शानदार बारात निकालकर उल्टा अपनी बेटी का स्वागत किया, तो उन्हें अपने खुद के पिता की याद आ गई, जिन्होंने अपनी बेहद टैलेंटेड और सफल बेटियों को खुद के लिए खड़े रहना और कभी अन्याय न सहना सिखाया. नीति ने यह भी बताया कि उनके पिता ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी बेटियों के लिए सिर्फ इसलिए अलग नियम नहीं होंगे क्योंकि वो लड़कियां हैं!
इस लड़की के पिता द्वारा उठाए गए इस क्रांतिकारी कदम ने सभी को भावुक कर दिया क्योंकि यह हमारे समाज के लिए एक बेहतर कल की नींव रखता है. हमारे जजों और मिथुन दा ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन देने के अलावा बहुत-सी अच्छी बातें भी कहीं.
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, "आपकी दर्द भरी कहानी सुनने के बाद मेरे पास शब्द नहीं है. आप एक शेर हैं! मैं बताना चाहूंगा कि जब तक आपके जैसे मां-बाप हैं तब तक कोई भी बेटी को किसी भी तरह के दर्द में नहीं जीना पड़ेगा. मेरी भी एक बेटी है और जब मैं आपका वीडियो देख रहा था तो मैं सचमुच कांप रहा था. मैं दुआ करता हूं कि आपको अपनी जिं़दगी में और ज्यादा मुश्किलों का सामना न करना पड़े."
नीति मोहन ने कहा, "मैं आपको धन्यवाद देना चाहती हूं क्योंकि आपने इतना बड़ा कदम उठाकर लोगों को प्रेरित किया है और सारी दुनिया ने इसे देखा. आपकी कहानी वायरल हो गई है और इसने ऐसे बहुत-से लोगों को हौसला दिया, जिनकी बेटी को कहीं ना कहीं उनके ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा है. मैं आप सभी को देखकर बहुत खुश हूं क्योंकि हमारे पापा ने भी इसी तरह हम तीनों बहनों की परवरिश की है. उन्होंने हमसे कहा कि इस बात की परवाह कभी नहीं करना कि समाज क्या कहेगा और कभी कोई गलत बात बर्दाश्त मत करना."
अनु मलिक ने कहा, "मैं आज आप सभी से मिलकर वाकई बेहद उत्साहित हूं. हमने आपकी दिल दहला देने वाली कहानी सुनी है, लेकिन मैं बताना चाहूंगा साक्षी, आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको ऐसे मां-बाप मिले."
श्री प्रेम ने यह कदम उठाकर न सिर्फ एक नई मिसाल पेश की है बल्कि बहुत-से दूसरे मां-बाप को राह दिखाई है ताकि वे अपने बच्चों का एक उज्जवल भविष्य बना सकें. इस प्रेरणादायक कहानी में ज़ी टीवी की 'आज लिखेंगे कल' की ब्रांड विचारधारा समाई है जो यकीनन आपके परिवार को भी प्रेरित करेगी.
देखिए सारेगामापा, इस रविवार रात 9 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर!