सैयामी खेर ने 'घूमर' स्टाइल गेंदबाजी से क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को बहुत प्रभावित किया. सैयामी ने कई मौकों पर, क्रिकेट के खेल के प्रति अपने प्यार का इजहार किया है और वह बताया किस तरह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बड़े होने के दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर को स्क्रीन पर देखकर खुद ही खेल सीखा. उसके बाद ही वह राज्य स्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी बन गईं. सैयामी खेर ने अपनी नवीनतम रिलीज घूमर में क्रिकेट को किसी अन्य साधारण खिलाड़ी की तरह नहीं दिखाया है, हर किसी ने अनीना के रूप में उनके ईमानदार और कुशल परफॉर्मेंस की सराहना की है, एक युवा लड़की जिसकी आकांक्षाएं तब टूट जाती हैं जब वह एक दुर्घटना का शिकार हो जाती है और एक अपाहिज क्रिकेटर बन जाती है.
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आर बाल्की द्वारा निर्देशित इस मानवीयता की विजय वाली कहानी ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है और आज सभी फिल्म के विस्मयकारी संदेश और कहानी की सराहना कर रहे हैं. सैयामी ने एक स्क्रीनिंग की मेजबानी की जहां क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने खुद फिल्म देखी और सोशल मीडिया पर फिल्म की प्रशंसा भी की. स्क्रीनिंग के बाद, उन्होंने सैयामी से उन्हें घूमर बॉलिंग स्टाइल दिखाने का भी अनुरोध किया जो अब खूब चर्चित बन गया है. सैयामी ख़ुशी-ख़ुशी वो स्टाइल दिखाने के लिए तैयार हो गईं, सचिन अवाक रह गए. उन्होंने सैयामी के प्रदर्शन की भी सराहना करते हुए कहा, “सैयामी बहुत प्रामाणिक दिखती है. क्रिकेट के प्रति उनका प्यार और किरदार को समझने की उनकी क्षमता अद्भुत थी.”
सैयामी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “बचपन में आपका ऐसा कौन सा सपना था जिसके बारे में आपने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी पूरा होगा? मेरा मानना था कि किसी दिन मैं अपने नायक, अपनी प्रेरणा, अपने शिक्षक सचिन से जरूर मिलूंगी. मैंने उन्हे खेलते हुए देखकर ही इस खेल को पसंद किया है और सीखा है. मैंने उन्हे खेलते हुए देखने के लिए कॉलेज छोड़ दिया है.
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नॉर्थ स्टैंड में सबसे तेज 'सचिन सचिन' चीखने की आवाज़ मेरी थी. इसलिए, मैं यह समझाने में असमर्थ हूँ कि मेरे लिए इसका क्या अर्थ है. चेन्नई में उनके 136 रन, शारजाह स्टॉर्म, सिडनी में 241 रन, पाकिस्तान के खिलाफ 98 रन, सूची अंतहीन है. उन्होंने मुझे अपार खुशी दी, उन्होंने मुझे लड़ना सिखाया, उन्होंने मुझे जुनून सिखाया, कभी हार नहीं मानी, कड़ी मेहनत कैसे की जाए और जमीन पर कैसे टिके रहे उन्होने यह सिखाया. अनजाने में, उन्होने मुझे जीना सिखाया. जब मैंने अभिनय करना शुरू किया, तो मेरे दोस्तों ने मेरी खिंचाई की और कहा, जा-जा, अभिनय कर. किसी दिन सचिन तुम्हारी फिल्म देखेंगे." और यही मेरा लक्ष्य बन गया. कड़ी मेहनत करना और आशा करना कि किसी दिन मास्टर ब्लास्टर सचिन मेरा काम देखेंगे. और फिर, ऐसा हुआ, क्रिकेट के भगवान ने यह फिल्म देखी जिसमें मैं एक क्रिकेटर की भूमिका निभा रही हूँ. क्रिकेट के भगवान ने मुझसे यह दिखाने के लिए कहा कि मैंने घूमर कैसे फेंका. सपने वाकई सच हो जाते हैं. मेरे जीवन के इस हिस्से को सचमुच ख़ुशी कहा जाता है."