फिल्ममेकर दिबाकर बनर्जी की फिल्म हो और कुछ अलग न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। फिल्म का सबसे बड़ा ट्विस्ट तो यही है की जो फिल्म में संदीप है वो परिणीति चोपड़ा है और पिंकी, अर्जुन कपूर है। दोनों ही अलग अलग बैकग्राउंड से बिलोंग करते हैं। संदीप(परिणीति चोपड़ा) एक बैंकर होती है और पिंकी(अर्जुन कपूर) एक हरयाणी पुलिस ऑफिसर होता है। दोनों कुछ कारणों की वजह से घर से भाग जाते है और फिल्म की कहानी कई अप्स एंड डाउन्स और कॉमेडी के साथ आगे बढ़ती है।
कहानी
फिल्म में दो अलग वर्ग के लोगों को एक साथ लाकर उनके मुश्किलों को दिखाया गया है। पिंकी एक संसपेंड पुलिस ऑफिसर है जो संदीप की उसके बॉस से जान बचाता है। इस दौरान उनका कुछ गुंडो से सामना होता है और वह जान बचाकर भागते हैं। फिल्म के पहले पार्ट में सस्पेंस को पकड़कर रखा गया है जो काफी रोमांचित है तो दूसरी तरफ फिल्म इंटरवल के बाद स्लो होती नजर आती है।
एक्टिंग:
बात करें एक्टिंग की तो लीड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा ने अपने किरदार को निभाने की काफी कोशिश की है। फिल्म में उनके कई शेड्स नज़र आये हैं। तो वहीं अर्जुन कपूर अपने बाकि किरदार से काफी अलग नजर आए। कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ अलग करने की कोशिश की है।
फिल्म में अन्य किरदार जैसे कि नीना गुप्ता, रघुवीर यादव को एक्टिंग के लिए महनत करने की जरूरत नहीं है। उन्हें जैसा किरदार दिया जाता है वो उसमें अपना हंड्रेडपरसेंट ही देते है। बात करे जयदीप अल्हावत की तो उनका किरदार एक टॉप कप का था लेकिन उन्हें फिल्म में ज़्यादा कुछ करने को नहीं मिला।
सांग
फिल्म में सिर्फ एक गाना है जिसे अनु मलिक ने लिखा है और गाया है। साथ ही गाने में म्यूजिक भी उनका है। लेकिन गाना सुनकर ऐसा लग रहा है की अगर फिल्म में एक भी गाना नहीं होता तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
ओवरऑल फिल्म काफी इंटेर्निंग है। ऑडियंस को बाँध कर रख सकती है। फिल्म में सस्पेंस को बरक़रार रखा गया है। फर्स्ट हाफ में फिल्म में क्या हो रहा है? कैसे हो रहा है? क्यों हो रहा है? दिखाया जाता है तो वहीं इंटरवल के बाद फिल्म इतनी स्लो हो जाती है कि आप चाहे तो एक नींद भी ले सकते हैं।
Rating: 3.5/5