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Sanjay Leela Bhansali ने 12 साल तक स्क्रिप्ट पर किया था काम, बोले- Mughal-e-Azam को ट्रिब्यूट थी यह फिल्म

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Sanjay Leela Bhansali ने 12 साल तक स्क्रिप्ट पर किया था काम, बोले- Mughal-e-Azam को ट्रिब्यूट थी यह फिल्म

Bajirao Mastani Completes 8 years: साल 2015 में रिलीज हुई संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की फिल्म बाजीराव मस्तानी ((Bajirao Mastani) मराठा साम्राज्य के पेशवा बाजीराव और उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी की कहानी पर आधारित थी. फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट बेहद दमदार थी इसलिए ये लव स्टोरी दर्शकों को खूब पसंद आई थी. वहीं आज 18 दिसंबर 2023 को फिल्म बाजीराव मस्तानी ने अपने 8 साल पूरे (Bajirao Mastani completes 8 years)  कर लिए हैं. इस मौके पर फिल्म निर्माता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया हैं. 

संजय लीला भंसाली मना रहे हैं बाजीराव मस्तानी का जश्न

आपको बता दें कि संजय लीला भंसाली ने फिल्म बाजीराव मस्तानी के आठ साल पूरे होने पर इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए निर्माता ने लिखा, बाजीराव की बहादुरी, मस्तानी की दृढ़ता, काशीबाई की अटूट भक्ति और सभी सीमाओं से परे प्रेम की एक महाकाव्य कहानी #8YearsOfBajiaoMastani का जश्न मना रहा हूं". वहीं फैंस इस पोस्ट पर कमेंट करके जबरदस्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

संजय लीला भंसाली ने फिल्म को लेकर दिया ये बयान

संजय लीला भंसाली ने बाजीराव मस्तानी के निर्माण के दौरान फिल्म के जादू के बारे में अपनी जागरुकता व्यक्त की. निर्माता ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि 12 साल की स्क्रिप्ट जर्नी के बावजूद ने उन्होंने निडरता से बाजीरान मस्तानी बनाई जिसमें  प्रेम के सार्नभौमिक विषय को चिंताओं से अधिक प्राथमिकता दी गई. 

बाजीराव मस्तानी ने दी मुग़ल-ए-आज़म को श्रद्धांजलि 

संजय लीला भंसाली ने सिनेमा में फिल्म को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि लोग प्यार में विश्वास करते है चाहे उनका धर्म भी हो मुझए लगता है कि हम एक समुदाय के रुप में सह-अस्तित्व में हैं, भले ही स्थानो पर अलगाववादी हिंसा हो. जिस तरह उनका धर्म कोई भी हो और मस्तानी के बीच हिंदु-मुस्लिम प्रेम कहानी पर प्रतिक्रिया दी उससे साबित होता है कि मैं सही हूं. यह धर्मनिरपेक्षता की बड़ी जीत है. हमारी धर्मिक प्रथा चाहे जो भी हो प्रेम का कोई धर्म नहीं होता. इसके विपरीत प्रेम अपने आप में एक धर्म हैं. बाजीराव मस्तानी भारत के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक थे. वह अपनी भूमि की रक्षा करने और उससे लड़ने में विश्वास करते थे. उन्होंने 40 युद्ध जीते लेकिन वह प्यार में हार गया . 350 साल बाद मैंने उनकी प्रेम कहानी को श्रद्धांजलि दी हैं. निर्माता ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि मेरी फिल्म बाजीराव मस्तानी मुग़ल-ए-आज़म को एक श्रद्धांजलि हैं.

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