Satheesh Babu Payyanur Death: केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सतीश बाबू पैयन्नूर (Satheesh Babu Payyanur) तिरुवनंतपुरम के वंचियूर में अपने आवास पर मृत पाए गए. 59 वर्षीय सतीश का गुरुवार (24 नवंबर 2022) को निधन हो गया. एक प्रसिद्ध लघु कथाकार और उपन्यासकार, उन्होंने भारत भवन-केरल के संस्कृति विभाग के तहत एक संस्था के सदस्य सचिव के रूप में कार्य किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट करते हुए जानकारी शेयर की है कि, "59 वर्षीय मलयालम लेखक सतीश बाबू तिरुवनंतपुरम के वंचियूर में अपने अपार्टमेंट में आज शाम मृत (Satheesh Babu Payyanur dies) पाए गए".
आपको बता दें कि सतीश बाबू पैयन्नूर अपनी पत्नी के साथ रहते थे लेकिन बुधवार को उनकी पत्नी अपने मायके चली गई जहां से उन्होंने सतीश बाबू पैयन्नूर से संपर्क करना चाहा पर सतीश ने फोन नहीं उठाया. तमाम कोशिशें करने के बाद उनकी पत्नी ने पुलिस से संपर्क किया जहां घर का दरवाजा खोलने पर सतीश बाबू पैयन्नूर मृत अवस्था में पाए गए. अब सतीश बाबू पैयन्नूर की निधन (Satheesh Babu Payyanur passes away महज मौत है या हत्या. ये तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल पाएगा.
1963 में पलक्कड़ के पाथिरिप्पला में जन्मे सतीश को कान्हांगड और पैय्यानूर में अपने कॉलेज के दिनों से ही लिखने का शौक था. अपनी पढ़ाई के बाद, वह स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में शामिल हो गए. उन्होंने कासरगोड में साप्ताहिक 'ई आज़चा' के संपादक के रूप में भी काम किया..
सतीश बाबू ने 2012 में अपने लघु कहानी संग्रह पेरामारम के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता. उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में मन्नू, दैवप्पुरा, मांजा सूर्यंते नालुकल और कुदामानिकल किलुंगिया राविल शामिल हैं. कई वृत्तचित्रों के अलावा, उन्होंने 1992 की फिल्म नक्षत्रकूदरम के लिए पटकथा भी लिखी है.