Satish Kaushik Death: जाने -माने एक्टर-डायरेक्टर सतीश कौशिक (Satish Kaushik) का गुरुवार की सुबह निधन हो गया. वह होली का त्योहार मनाने दिल्ली-एनसीआर आए हुए थे. उनकी उम्र महज 66 साल थी. उनके दोस्त अनुपम खेर ने यह दुखद जानकारी शेयर की. अनुपम ने बताया कि सतीश गुरुग्राम में अपने एक दोस्त के यहां होली मनाने आए थे. उनके मैनेजर संतोष राय ने बताया कि रात को करीब 12:20 बजे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई जिसके बाद हम उन्हें लेकर अस्पताल गए. मगर अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया. बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल अस्पताल ले जाया गया. उनके परिवार में उनकी पत्नी शशि कौशिक और 11 साल की बेटी वंशिका हैं.
आपको बता दें कि, सतीश कौशिक का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ शहर में 13 अप्रैल 1956 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रैजुएशन की और फिर नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में ऐक्टिंग के गुर सीखे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1983 में आई फिल्म ‘मासूम’ से की थी. इसमें वह डायरेक्टर शेखर कपूर के असिस्टेंट डायरेक्टर थे और कलाकार के तौर पर भी नजर आए. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ के डायलॉग लिखे. मगर सतीश को पहचान मिली 1987 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में कैलेंडर के किरदार से. फिल्म ‘राम लखन’ और ‘साजन चले ससुराल’ के लिए उन्होंने फिल्मफेयर बेस्ट कॉमिडियन अवॉर्ड भी जीता.1993 में आई ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ फिल्म से सतीश ने डायरेक्टर के तौर पर नई पारी शुरू की. आखिरी बार फिल्मी पर्दे पर वह पिछले दिनों सीधे OTT पर रिलीज हुई फिल्म ‘छतरीवाली’ में नजर आए. जबकि उनकी एक और फिल्म इमरजेंसी की शूटिंग चल रही है.
सतीश कौशिक की गिनती ऐसे कलाकारों में होती है, जो कि लंबे संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचे. नवभारत टाइम्स के साथ पिछले दिनों एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों से जुड़ी यादें ताजा की थीं. उन्होंने बताया, “हमारे जमाने में संघर्ष करना ले मुश्किल होता था, क्योंकि तब या तो फिल्में थीं या पृथ्वी थिएटर में नाटक कर लो. नाटक करने के पैसे तो मिलते नहीं थे. मुझे याद है, जब हम नाटक करते थे और जैसे ही पर्दा गिरता था, सब बाहर भागते थे, झोली फैलाते थे, तब लोग उसमें एक-दो रुपये डालकर चले जाते थे. तब टिकट भी नहीं होते थे. मैंने वह टाइम भी देखा, तो संघर्ष तो करना ही पड़ा. आज मौके ज्यादा है. आज फिल्म श्री है, टीवी-वेब प्लैटफॉर्म भी हैं और थिएटर भी अच्छा है, तो आज संभावनाएं काफी हैं. हमारे जमाने में फिल्मों का आना बहुत मुश्किल था. फिर अपने जैसी शक्ल को कौन देखेगा. देखते ही बोल देते थे कि तू वापस जा यार, लेकिन मेरे अंदर एक आत्मविश्वास था कि जो काम मिलेगा, उसे अच्छे से करेंगे और वही किया.”
इस उम्र में भी पूरे जोशोखरोश के साथ काम करने वाले सतीश मानते थे कि उनका असली वक्त तो अब शुरू हुआ है. उन्होंने आगे कहा , “मैं 60 प्लस हो गया हूं, तो सरकारी ऑफिसों के हिसाब से तो मेरी रिटायरमेंट की उम्र हो गई है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरा अच्छा वक्त तो अब शुरू हुआ है. अब मुझे अलग-अलग रोल मिल रहे हैं. मैक्सिम गोर्की की बहुत अच्छी लाइन है कि कलाकार वह है, जो अपने में और अपनी लियाकत में यकीन रखे, तो आपको खुद में और अपने टैलंट में यकीन होना चाहिए. साथ ही, हमारी उम्र के लोगों को समय के हिसाब से खुद को बदलना चाहिए. जो नहीं बदलते, वे पीछे रह जाते हैं.” कुछ वक्त पहले सतीश ने करीब 25 किलो वजन कम करके सबको हैरान कर दिया था. इस बारे में उन्होंने कहते हुए बताया, “हम सारी जिंदगी दूसरों से प्यार करते हैं. लेकिन कभी-कभी खु से भी प्यार करना चाहिए. मैं अभी खुद से प्या हूँ. वरना, 40 साल तक मैं काम से प्यार कर रहा हूं. मेरी बिटिया वंशिका मेरी जिंदगी का सबसे अहम पार्ट है. वजन कम करने के बाद उसके साथ खेलना भी आसान हो गया इन है. अब मैं उसके पीछे भाग पाता हूं.”
सतीश कौशिक राजधानी में फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों से भी मिलते रहते थे. सतीश कौशिक डायरेक्टर थे. एक सीन की शूटिंग के दौरान सलमान खान के कई रीटेक हो गए, तो सतीश ने नाराजगी जताई. इस पर सलमान भी बिगड़ में गए और दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि प्रोड्यूसर को बीच बचाव के लिए आना पड़ा. फिर कुछ दिनों के लिए शूट कैंसल किया गया. फिल्म के निर्माता ने बाद में दोनों को मनाया और फिल्म पूरी हुई.
सतीश कौशिक हमेशा कहते थे कि वक्त के साथ खुद को बदलना बहुत जरूरी है. उनके अचानक निधन से बॉलीवुड सितारें सदमे में हैं.