कैफी आज़मी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार एक साथ आए By Mayapuri Desk 18 Dec 2018 | एडिट 18 Dec 2018 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर यह हमेशा नहीं होता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई कलाकार एक साथ एक मंच पर दिखे. तबला मास्टर उस्ताद जाकिर हुसैन, गायक और संगीतकार शंकर महादेवन, गीतकार जावेद अख्तर, अभिनेता शबाना आज़मी और फिल्म निर्माता फिरोज अब्बास खान प्रसिद्ध कवि और कार्यकर्ता कैफी आजमी के शताब्दी समारोह के अवसर पर 'राग शायरी' नामक एक विशेष प्रीमियर शो के लिए एक साथ आए हैं। 'राग शायरी' संगीत और कैफी साहब की कविता की एक विशेष शाम है, जिसकी कल्पना जावेद अखतर ने की है. इसमें उस्ताद जाकिर हुसैन, शंकर महादेवन, जावेद अख्तर और शबाना आज़मी शामिल होंगी. इसे निर्देशित किया है फिरोज अब्बास खान ने और प्रोड्क्शन डिजाइन किया है अनुराधा परीख ने। शबाना आज़मी कहती हैं, 'यह अभिलेखीय मूल्य की शाम होगी क्योंकि शंकर महादेवन कैफी आज़मी की कविताओं का गायन करेंगे. जावेद अख्तर उन्हें उर्दू में पढ़ेंगे. मैं अंग्रेजी में उसका अनुवाद करूंगी, जिसे उस्ताद जाकिर हुसैन तबला पर उसे अनूदित करेंगे।” जावेद अख्तर कहते हैं, 'इस शाम का विचार ये था कि कैफी साहब की कविता का जश्न मनाया जाए. हमारे पास शंकर महादेवन थे, जो इसे गाएंगे और जाकिर हुसैन साहब इसे तबला पर अनूदित करेंगे. मैं और शबाना इसे उर्दू और अंग्रेजी में पढेंगे. यह सब मिल कर दिखाएगा कि कैफी साहब की कविता भाषा और माध्यम की सीमाओं से कैसे आगे बढ़ती है।' इस कार्यक्रम को निर्देशित करने वाले निदेशक फिरोज अब्बास खान ने कहा, 'यह कैफी आज़मी की महानता को एक श्रद्धांजलि है, जिसमें एक ही विचार के तहत अलग-अलग तरीकों से व्याख्या की गई है. संगीत, कविता और गीत के साथ हम कैफी साहेब की कविता की सार्वभौमिकता और कालातीत गुणवत्ता को साझा करने का प्रयास कर रहे हैं.' उस्ताद जाकिर हुसैन कहते हैं, 'यह पहली बार है जब मैं शंकर भाई के गायन के साथ शब्दों और लय को समझाने जा रहे हैं, ताकि शब्दों के पारंपरिक अर्थ तोड़ सकें और यह बता सके कि कैफी साहब का जीवन क्या था और कैसे वह एक अद्वितीय इंसान थे.' शंकर महादेवन कहते हैं, 'जब आप कैफी आज़मी का नाम सुनते हैं तो आप कल्पना कर सकते हैं कि आप इतिहास से जुड़ने जा रहे है, मैं उन्हें सिर्फ एक कवि नहीं कहूंगा, सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता नहीं कहूंगा और न ही एक फिल्म गीतकार कहूंगा. वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी एक सच्ची किंवदंती थे।'' उपमहाद्वीप के बेहतरीन उर्दू कवियों में से एक कैफी आज़मी सामाजिक परिवर्तन के पूरे युग के गवाह रहे हैं. मिजवान, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में पैदा हुए कैफी आज़मी पहले अतहर हुसैन रिज़वी के नाम से जाना जाता था. उन्होंने ग्यारह वर्ष की उम्र में अपना पहला गजल 'इतना तो जिंदगी मे किसी की खलल पडे' लिखा था. प्रगतिशील लेखक आंदोलन के अग्रणी माने जाने वाले कैफी आजमी अपने प्रभावी कविताओं 'औरत', “ताज” और 'मकान' के साथ मशहूर होते चले गए. 'कागज़ के फूल', 'शोला और शबनम', 'हंसते जख्म', 'हकीकत' और 'अर्थ' जैसी फिल्मों के लिए उन्होंने कुछ सबसे प्रसिद्ध गीत लिखे. वे बेहतरीन स्क्रीनप्ले और संवाद लिखने के लिए भी प्रसिद्ध हैं. इसमें फिल्म 'हीर' और एमएस सैथी की उत्कृष्ट कृति 'गर्म हवा' शामिल है। हमारे समय के बेहतरीन कवियों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले कैफी आज़मी को पद्मश्री (भारत सरकार), साहित्य अकादमी फैलोशिप, साहित्य अकादमी पुरस्कार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार सहित कई साहित्यिक पुरस्कार भी मिले. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती अवॉर्ड, दिल्ली सरकार राज्य अवॉर्ड, सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड, एफ्रो-एशियन राइटर्स लोटस अवॉर्ड, शांति निकेतन विश्व भारती विश्वविद्यालय का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला. उन्हें पूर्वांचल और आगरा विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली. पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने जौनपुर में 'कैफी आज़मी मीडिया सेंटर' की स्थापना भी की है। पूरे साल, देश-विदेश में कैफी आज़मी शताब्दी समारोह मनाया जाएगा. इसमें मुशायरा, नाटक, सेमिनार, एक पेन फेस्टिवल होगा. इस दौरान तीन पुस्तकों का भी अनावरण होगा। 'राग शायरी' के तीन शो होंगे: 13जनवरी, 2019:टाटा थियेटर, एनसीपीए, शाम 7 बजे. मिजवान वेलफेयर सोसायटी द्वारा एक फंडरेज़र के रूप में प्रस्तुत यह शो14 जनवरी, 201 9 को सेंट एंड्रयूज ऑडिटोरियम, बांद्रा में शाम 7 बजे जन्म शताब्दी समारोह के रूप में मनाया जाएगा. 17 जनवरी, 2019, कोलकाता के नजरूल मंच, शाम7 बजे. #bollywood #Shabana Azmi #JAVED AKHTAR #Raag Shayari हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article