ऐसा लगता है आमिर खान और शाहरुख खान इनदिनों खुद को भारतीय बताने के लिए सर्व धर्म समभाव का प्रदर्शन करने का कोई मौका गवाना नही चाहते. आमिर बायकॉट की दुलत्ती खा चुके हैं, अब बारी शाहरुख खान की है. वह चार साल बाद फुल फ्लेजेड 'Pathaan' से पर्दे पर वापसी करने जा रहे हैं और बायकॉट की लताड़ उनपर भी पड़ने की संभावना प्रबल है.लिहाजा वह सतर्क हैं. पिछले दिनों वह खुद को भारतीय (यानी- सर्व धर्म समभाव का हिमायती) बताने के लिए दो हरकतें किए हैं. सऊदी अरब जाकर मक्का में उमराह किए हैं ताकि भारत तथा दुनिया भर के मुसलमान भाई उनके साथ खड़े होकर 'Pathaan' की चर्चा करें.
दूसरा काम वह किए हैं भारत मे अपने हिदू फैंस को खुश करने के लिए कि वैष्णव देवी जाकर रात में 12 बजे दर्शन किए हैं. शाहरुख मां वैष्णव के दर्शन के लिए चुपचाप रविवार की रात कटरा पहुचे थे. वह ब्लैक कलर की जैकेट में मास्क लगाए हुए रात को 12 बजे दर्शन के लिए क्यों गए, इसके पीछे भी तर्क कुतर्क हो रहे हैं. हम इसे सुरक्षा कारण मान सकते हैं. लेकिन, शख्त हिन्दूधर्मानुनायियों का मानना अलग है. उनका कहना है कि जब वह 'Pathaan' की कामयाबी की मन्नत के लिए मां के दरबार मे गए थे तो मुंह ढककर अंधेरे में क्यों गए , उन्हें किस बात का डर था… और, उनको अपनी पत्नी गौरी के साथ जाना चाहिए था.
संयोग से गौरी खान हिन्दू हैं और एक मुस्लिम घर मे जाने पर भी वह अपने पूजा पाठ को बंद नही की है. वह अपने घर मे पूजा का मंदिर रखती हैं. उन लोगों में जो कट्टरपन के विरोधी हैं और जो समर्थक हैं उन्हें शाहरुख की वैष्णो यात्रा से बहस के लिए एक टॉपिक मिल गया है. विरोध दर्ज करने वालों का कहना है कि गौरी (जिनका दूसरा नाम पार्वती होता है) फिल्म कम्पनी 'रेड चिल्ली' की निर्मात्री हैं तो शिव के दर्शन करने के लिए शाहरुख को गौरी के साथ महा कालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) भी जाना चाहिए. यही नही, अगर SRK खुद को भारतीय जाहिर करना चाहते हैं तो उनको चाहिए अपनी हिन्दू पत्नी गौरी के साथ चारों धाम की यात्रा करके बताएं! तब लोग यकीन करेंगे कि वे कितने भारतीय हैं.
फिलहाल फिल्म 'Pathaan' 25 जनवरी 2023 को रिलीज हो रही है. इस फिल्म मे शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम की मुख्य भूमिका है. फिल्म के निर्देशक हैं सिद्धार्थ आनंद. पिछले दिनों फिल्म का पहला गीत "बेशरम रंग" रिलीज हुआ तभी से फिल्म को लेकर चर्चा गरम होने की शुरुवात हुई है. यह फिल्म शाहरुख के लिए बहुत महत्व की है जो उमके कैरियर की भावी दिशा व दशा तय कर सकती है. दुर्भाग्य से "बेशरम रंग" के प्रोमों के साथ सोशल मीडिया पर बॉयकॉट की आवाज भी उठनी शुरू होगयी है. हम तो दुवा ही करेंगे -फिल्म कोई भी हो, फिल्म पहले बॉलीवुड की होती है और उसे हिट होना ही चाहिए.