शाहरुख खान की फिल्म ''जवान'' को मिली बंपर सफलता से बॉलीवुड में हर तरफ बढ़ी रौनक

| 17-09-2023 3:00 PM 22

जब शाहरुख खान ने अपनी फिल्म 'जवान' के प्रदर्शन की तारीख बदलकर सात सितंबर की थी,तब लोगों ने कहना षुरू किया था कि फिल्म में दम नही है,इसलिए शाहरुख खान डरे हुए है. मगर सात सितंबर को सिनेमाघरों में पहुंचने से पहले ही जिस तरह से फिल्म की टिकटें एडवासं में बिकी,उससे सभी ट्रेंड पंडित अचंभित हुए थे. अब एक सप्ताह बाद 'जवान' ने शाहरुख खान की अपनी ही सफल फिल्म 'पठान' के रिकार्ड तोड़कर इस बात पर मुहर लगा दी है कि शाहरुख खान एक बेहतरीन कलाकार ही नहीं,एक बेहतरीन व्यवसायी भी हैं. उनके अंदर रचनात्मकता के साथ ही व्यावसायिकता भी कूट कूट कर भरी हुई है. 'पठान' तो पूरी तरह से एक्षन फिल्म थी, जिसमें भारत व पाकिस्तान सहित वही पुराने फार्मूले थे. मगर 'जवान' में ऐसा नही है. फिल्म 'जवान' पूरी तरह से भारत की,हर भारतीय और भ्रष्ट सिस्टम की बात करती है. वह भ्रष्ट सिस्टम जो देश को अंदर ही अंदर खोखला करने के साथ ही हर आम इंसान को भी कहीं न कहीं तकलीफ पहुंचा रहा है. जिसे 'जवान' में देखकर लोग उसके साथ जुड़ रहे हैं और फिल्म लगातार सफलता के रिकार्ड बनाती जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 'जवान' ने आठ दिनों के अंदर सिर्फ हिंदी में 340.50 करोड़ बाक्स आफिस पर कमा लिए हैं.जबकि सभी भाषाओं को मिला लें तो इसने 384 करोड़ कमा लिए हैं.यह आंकड़े अभूतपूर्व हैं. अतीत में किसी भी मूल हिंदी फिल्म के साथ ऐसा नही हुआ. ट्रेंड पंडितों की माने तो 'जवान' अपने नौंवे दिन चार सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर एक नए इतिहास को रच देगी. और साप्ताहांत के अंत में 450 करोड़ के पार पहुंच जाएगी. इन आंकड़ों से बॉलीवुड से जुड़ा हर इंसान गदगद है.

 

''जवान'' को मिली सफलता में शाहरुख खान की व्यावसायिक सोच के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. अन्यथा 'जवान' में कहानी से लेकर मेकिंग तक में काफी कमियां हैं. मगर फिल्म के निर्देशक एटली कुमार ने जिस तेज गति से फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाया,उससे दर्शक बंधा रहा और वह कमियों की तरफ नजर ही नही दौड़ा पाया. दर्शक तो किसानों की आत्महत्या, अस्पताल में अफसर शाही की अपनी कमियों के चलते बच्चों की मौत, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव,देश की सीमा पर तैनात सैनिकों के हाथ में भ्रष्टाचार से सने नकली हथियार पकड़ाने से मरते सौनिक की दास्तान से हर भारतीय खुद को जुडा हुआ पाता है. इस वजह से भी दर्शक 'जवान' की तरफ आकर्षित हुए.  

 

बॉलीवुड में 'जवान' की टिकटों की कारपोरेट बुकिंग की भी काफी चर्चाएं हैं. कारपोरेट जगत ने एडवांस बुकिंग की,तो इसका मनोवैज्ञानिक असर दर्शक पर पड़ा. दर्शक सिनेमाघर के अंदर गए, जहां उन्हे ऐसे मुददे नजर आए, जो उसे भी अंदर तक हिला गए. कुछ लोग कारपोरेट बुकिंग की आलोचनाएं कर रहे हैं. पर इसमें बुराई क्या है? जब किसी फिल्म के साथ शाहरुख खान जैसा बड़ा कलाकार जुड़ा हो तो उस फिल्म के साथ जुड़े ब्रांड या कारपोरेट कपंनियां उस फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए कारपोरेट बुकिंग/बल्क बुकिंग करती हैं. इसकी वजह से फिल्म की कमाई छलांग भी लगाती हैं. ऐसा पहले भी होता रहा है. जब कारपोरेट कंपनियां बल्क बुकिंग करती हैं,तो उन्हें टिकट कम दाम पर मिलती हैं. कंपनियां अपने कर्मचारियों के बीच यह टिकटें मुफ्त में वितरित कर अपने कर्मचारियों को भी खुश करती है. बल्कि बुकिंग या कारपोरेट बुकिंग का मनोवैज्ञानिक असर दूसरे दर्शक पर पड़ता है. उसे लगता है कि यदि इनती टिकटें बिक गयीं, तो हमें भी फिल्म देखनी चाहिए. इसे गलत नही कहा जाना चाहिए. क्योकि फिल्म बनाना एक व्यवसाय भी है. हर व्यवसायी अपने अपने अंदाज में काम करता है. 'जवान' में लोगों को कुछ जीवन से जुड़े मुद्दों के साथ ही बेहतरीन एक्षन दृष्य भी देखने का अवसर मिला. इतना ही नही 'जवान' एक ऐसी फिल्म है, जिसमें दर्शक को बॉलीवुड व दक्षिण भारत के कई कलाकारों को एक साथ देखने का अवसर मिला.

 

शाहरुख खान और एटली की फिल्म ''जवान'' ने आम दर्शक के साथ ही उद्योगपति आनंद महेंद्रा के साथ ही अल्लु अर्जुन, महेश बाबू,एस एस राजामौली, रामपोथनैनी ,वेंकट प्रभु, लोकेश कनगराज जैसी तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री की हस्तियों को भी पसंद आयी. इन सभी ने शाहरुख खान को बधाई दी. दक्षिण के कलाकारों ने ट्वीट करते हुए लिखा-''एट द रट आई एम एसआरके गारू का अब तक का सबसे विशाल अवतार, जिसने पूरे भारत और उसके बाहर सभी को अपने स्वैग के साथ मंत्रमुग्ध कर दिया है.''

 

जवान अभी 500 करोड़ रुपये के आंकड़े की ओर बढ़ रही है. उम्मीद है कि सप्ताहांत में फिल्म फिर से कारोबार में तेजी लाएगी. शाहरुख खान अपने एक्शन हीरो अवतार में धमाल मचा रहे हैं और प्रशंसक इसे खूब पसंद कर रहे हैं.

कुल मिलाकर 'जवान' अभी भी बाक्स आफिस पर अपने पैर मजबूती से जमाए हुए है और हजार करोड़ क्लब का हिस्सा बनने वाली दूसरी फिल्म बनने के लिए प्रयासरत है. वह जिस तरह से ट्रेंड कर रही है,उससे अहसास होता है कि यह फिल्म सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी की मौलिक फिल्म बन जाएगी.