5 मई 2019 को, मुंबई के हिप-हॉप डांसर्स किंग्स यूनाइटेड इंडिया को अमेरिकी रियलिटी शो वर्ल्ड ऑफ डांस का ग्लोबल चैंपियन घोषित किया गया. जेनिफर लोपेज, ने-यो और डेरेक होफ वाले जज पैनल ने उन्हें उनके सिनेमैटिक बाहुबली स्टाइल के प्रदर्शन के लिए 100 में से 100 अंक दिए. इन डांसर्स को 1 मिलियन डॉलर का पुरस्कार दिया गया. एक साथ नृत्य करने और 12 साल से अधिक समय तक तैयारी करने के बाद, किंग्स यूनाइटेड इंडिया के लिए ये एक बेहद गर्व का क्षण था. यह भारत के लिए भी गर्व का क्षण था.
भारत के मनोरंजन जगत के जाने-माने नाम शैलेन्द्र सिंह ने किंग्स यूनाइटेड की उपलब्धि का जश्न मनाने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाया. उन्होंने किंग्स यूनाइटेड और इसके लीडर सुरेश मुकुंद पर बायोपिक बनाने का राइट्स (अधिकार) प्राप्त कर लिया है.
शैलेन्द्र कहते हैं, “स्लमडॉग मिलियनेयर ने मुंबई की मलीन बस्ती में रहने वाले लडकों की गरीबी से अमीरी तक पहुंचने की कहानी कहती है. लेकिन यह काल्पनिक था. किंग्स यूनाइटेड की कहानी सच्ची कहानी है, जहां नालासोपारा की झुग्गी-झोपड़ियों के बीस युवा अपने सपने को सच करने के लिए एकजुट होते है. नृत्य उन्हें एक साथ लाता है. शीर्ष पर पहुंचने के लिए इन युवाओं ने 12 साल समर्पित किए और वर्ल्ड चैंपियन बन गए. यह संघर्ष उन सब के लिए प्रेरणा है, जिसने कभी सपना देखा है.”
शैलेन्द्र सिंह को एक शानदार स्टोरीटेलर के रूप में मशहूर हैं. उन्होंने अब तक 72 अवार्ड विनिंग फीचर फिल्मों का निर्माण किया है और 2000 विज्ञापन के कंसेप्ट तैयार किए है. वे एक बेस्ट सेलिंग लेखक, फीचर फिल्मों और शॉर्ट फिल्मों के निर्देशक और लेखक हैं. किंग्स यूनाइटेड अपनी कहानी नालासोपारा से लास वेगास को दुनिया के साथ साझा करने केलिए शैलेन्द्र से बेहतर आदमी की कल्पना नहीं कर सकते.
किंग्स यूनाइटेड इंडिया के कोरियोग्राफर सुरेश मुकुंद कहते हैं, “हमारी यात्रा संघर्ष, हार से जीत तक की यात्रा है. हमारा एक सपना था, और हम सिर्फ अपने उस सपने का पीछा करना जानते थे. हमारा मानना है कि शैलेंद्र सिंह वास्तव में हमारी कहानी को समझते हैं और इसे फिल्म में बदल सकते हैं. हम उनके साथ इस नई यात्रा को शुरू करने को ले कर बहुत उत्साहित हैं.”
बॉलीवुड पहले से ही हिप-हॉप नृत्य से प्रेरित रहा है. एक वक्त रेमो डिसूजा ने सुरेश मुकुंद की डांस टीम को अपनी फिल्म एबीसीडी 2 का आधार बनाया था. कहानी की सत्यता और संकल्प को ध्यान में रखते हुए, शैलेन्द्र पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय लेखकों और प्रोड्क्शन प्रतिभाओं के साथ बातचीत कर रहे हैं और सही निर्देशक की तलाश कर रहे हैं.
शैलेन्द्र कहते हैं, 'यह वास्तव में एक शानदार कहानी है. स्थानीय लड़के, जो 9 साल की उम्र के भी हैं, जो मुंबई के किनारे बसे झुग्गियों में बड़े हो रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर मशहूर होते है. कोई भी उस क्षण को नहीं भूलेगा जब भारतीय डांस टीम वैश्विक चैंपियन बनी. डैनी बॉयल ने काफी सफलता से एक भारतीय रैग्स-टू-रीचेज (गरीब से अमीर बनने की कहानी) स्टोरी बनाई, लेकिन इस बार यह भारत के असली नायकों की वास्तविक कहानी होगी. इस बार यह स्लमडॉग के बारे में नहीं है, बल्कि स्लमगॉड्स के बारे में है.'