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'पानी मे रहके मगरमच्छ से बैर नही करते' कंगना के खिलाफ शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में और क्या लिखा है?

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By Niharika jain
'पानी मे रहके मगरमच्छ से बैर नही करते' कंगना के खिलाफ शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में और क्या लिखा है?
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कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तनातनी का माहौल है।शिवसेना भी पीछे हटने का नाम ही नही ले रही और कंगना की बात करें तो कंगना तो पीछे हटना जानती ही नही।शिवसेना और कंगना दोनों की और से जबरदस्त बयानबाजी देखने को मिल रही है।

शिवसेना ने फिर से कंगना रनौत पर पलटवार कर दिया है।आपमे मुखपत्र 'सामना' के जरिये शिवसेना ने फिरसे कंगना रनौत को धमकी दे डाली है।इस संपादकीय में कंगना रनौत का महाराष्ट्र की तुलना पीओके से करने पर भी कंगना को आड़े हाथों लिया गया है।

publive-imageसामना में लिखा गया है कि, 'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर करना समझदारी नहीं है। जब खुद का घर कांच का बना हो तो दूसरों के घरों पर पत्थर फेंकने से बचना चाहिए। जिन्होंने भी महाराष्ट्र के खिलाफ जाने की कोशिश की है वो सभी पछताए हैं। सबको महाराष्ट्र का श्राप लगा है। मुंबई को कम समझने की गलती मत करना। ऐसा सोचना अपने लिए गढ्ढे खोदने के जैसा है। महाराष्ट्र की धरती पर बहुत से संतों-महात्माओं और क्रांतिकारियों ने जन्म लिया है।'

'महाराष्ट्र को बनाने के लिए लोगों ने अपने खून और पसीने से सींचा है। महाराष्ट्र ने औरंगजेब और अफजल खान की क्रब को भी सम्मान दिया है। इस महाराष्ट्र के हाथ में छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार सजी है। बालासाहेब ठाकरे ने दूसरे हाथ में स्वाभिमान की चिंगारी रखी है। ये चिंगारी आज भी भुजी नहीं है। चाहे तो फूंक मार कर देख लो।'

publive-image'हमें फर्क नहीं पड़ता है कि मुंबई को पीओके बताया जा रहा है। अक्सर मुंबई को इसी नाम से बुलाया जाता है लेकिन फिर भी ये जगह महाराष्ट्र की राजधानी ही रहेगी। भारत एक अखंड देश है तो बार बार राष्ट्रीय एकता के बारे में महाराष्ट्र को ही क्यों सीख दी जाती है। राष्ट्रीय एकता तो देश के सभी राज्यों पर लागू होती है।'

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