Advertisment

निर्देशक सिद्धार्थ नागर की विज्ञापन फिल्म 'संकट मोचन' की शूटिंग सम्पन्न

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
निर्देशक सिद्धार्थ नागर की विज्ञापन फिल्म 'संकट मोचन' की शूटिंग सम्पन्न

मढ़ आइलैंड (मुम्बई) स्थित 'नंदनवन' में आयुर्वेदाचार्य स्व एल पी नागर द्वारा मथुरा (उत्तरप्रदेश) में स्थापित दवा कंपनी 'एल पी नगर एंड कंपनी की सबसे फेमस दवाई 'संकट मोचन' की विज्ञापन फिल्म की शूटिंग बॉलीवुड के चर्चित लेखक निर्देशक सिद्धार्थ नागर के निर्देशन में प्रसिद्ध लेखिका डॉ अचला नागर की उपस्थिति में पिछले दिनों सम्पन्न हुई. 115 साल पूर्व शुरू की गई आयुर्वेदिक वहूहर्बल सूत्रीकरण पर आधारित पेट की सभी तकलीफों की असरकारक दवा 'संकट मोचन' मुख्यरूप से बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और महाराष्ट्र में काफी लोकप्रिय है. आयुर्वेदिक दवा 'संकट मोचन' की विज्ञापन फिल्म में मशहूर अभिनेता बृजेंद्र काला, टी वी एक्ट्रेस आस्था चौधरी, अभिनेता संतोष गुप्ता और साजन चतुर्वेदी ने काम किया है. 

इस विज्ञापन फिल्म के कोरियोग्राफर 'आती क्या खंडाला फेम लॉलीपॉप, सहनिर्देशक महेंद्र राउत, ऑडियोग्राफर दिनेश चतुर्वेदी और सिनेमेटोग्राफर निशि चंद्रा है. निर्देशक सिद्धार्थ नगर छोटे पर्दे के क्षेत्र में उत्कृष्ट निर्देशक के रूप में विख्यात हैं. लेखक निर्माता और निर्देशक सिद्धार्थ नागर बचपन से ही मनोरंजन जगत से जुड़े हुए हैं. इसके पीछे उनकी सुदृढ़ पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी योगदान रहा है. उनके नाना मशहूर साहित्यकार पदम् भूषण अमृतलाल नागर और उनकी माँ डॉ अचला नागर से फिल्मी ज्ञान और समझ उनको विरासत में मिली है. बचपन से मनोरंजन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले सिद्धार्थ नागर ने अपने करियर की शुरुआत 8 साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में शुरू कर दिया था. उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की 'ईदगाह' पर आधारित नाटक से 1979 में महज 14 साल की उम्र में अपने निर्देशकीय पारी की शुरुआत की. जिसे उस समय के मशहूर समीक्षकों ने भी सराहा था.

उसके ठीक बाद दक्षिण भारतीय तमिल फिल्म 'नंदू' में एक मुख्य कलाकार के रूप में काम किया जिसका निर्देशन महान निर्देशक श्री जे महेंद्रन ने किया था.  इसके बाद तो जैसे सिलसिला ही चल पड़ा और सिद्धार्थ ने राजश्री प्रोडक्शन की 'बाबुल' में युवा खलनायक की भूमिका निभाई और फिर कुछ सालों तक बतौर अभिनेता व खलनायक कई फिल्मों में काम करने के बाद1998 में इन्होंने दूरदर्शन के दोपहर प्रसारण सत्र के उद्घाटन के समय धारावाहिक 'दादी अम्मा' से बतौर निर्माता एक नई पारी की भी शुरुआत कर दी. चर्चित व लोकप्रिय टी वी धारावाहिक 'रघुकुल रीत सदा चली आई', 'कोई तो हो अर्धनारीश्वर' और 'साब जी' का लेखन व निर्देशन कर चुके सिद्धार्थ नागर दूरदर्शन और इसके सहयोगी चैनलों के लिए लगभग 3000 घण्टे से अधिक के प्रोग्राम का निर्माण और निर्देशन कर चुके हैं.

लगभग 35 धारावाहिकों में अभिनेता, निर्माता लेखक या निर्देशक किसी ना किसी रूप में जुड़े रहने वाले सिद्धार्थ नागर दूरदर्शन के अलावा ईटीवी, जी टीवी और स्टारप्लस के लिए भी सिद्धार्थ नागर ने काम किया है और फ़िलवक्त उसी लगन और तन्मयता से बॉलीवुड में क्रियाशील हैं.

Advertisment
Latest Stories