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कोई पूछो वागेश्वसर धाम वाले स्वामी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से- फिल्मों में काम करेंगे क्या?

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By Sharad Rai
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कोई पूछो वागेश्वसर धाम वाले स्वामी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से- फिल्मों में काम करेंगे क्या?

इनदिनों देश मे सर्वाधिक चर्चित व्यक्तियों में बागेश्वर धाम के स्वामी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं।जिनको देखने और मिलने आने वालों की भीड़ में खूब इजाफा हो रहा है। लाखों लोग मन्नतें लेकर वागेश्वर धाम सरकार के पास पहुंच रहे हैं। उनको लेकर तमाम वीडियोज और खबरें इनदिनों यूट्यूब पर वायरल हो रही हैं। कोई उनपर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगा रहा है कोई सनातन धर्मी होने का आरोप लगा रहा है और अधिकतर लोगों के लिए वह अवतारी पुरुष बन गए हैं।

ये खबरें मुम्बई बॉलीवुड में भी खूब चटकारे के साथ कही सुनी जा रही हैं। खबर तो यहां तक बन रही हैं कि यशराज प्रोडक्शन से कोई आदमी फिल्म 'पठान' के लिए स्वामी के दरबार मे पर्ची लगाने गया था। एक दो निर्माता तो स्वामी धीरेंद्र शास्त्री उर्फ वागेश्वर सरकार पर फिल्म बनाने की प्लानिंग करते बैठ गए हैं और कुछेक राइटर्स  सब्जेक्ट को लाइनअप करने में लगे हुए हैं। एक निर्माता ने तो हमसे कहा-"अरे कोई पूछो वागेश्वर धाम वाले स्वामी फिल्मों में काम करेंगे क्या ?" एक तरफ उनको लेकर समर्थन का बाजार गर्म है दूसरी तरफ वे सवालों में घिरते जा रहे हैं। टीवी चैनलों के लिए वह दिखाने और टीआरपी बढ़ाने का साधन बन गए हैं।

धीरेन्द्र शास्त्री भी कृपा बरसाने वाले स्वामियों में से एक हैं।जिनके पास लोग अपने सवाल मन मे लेकर आते हैं जिसे चमत्कारी स्वामी पहले से अपने पेपर पर लिखा हुए दर्शाकर सबको हैरत में डाल देते हैं। मामूली टोटकों को बताकर वह समस्या का समाधान देते हैं और इससे याचक की कामना सफल भी होती है।यही मूल है उनके यहां जुटने वाली भीड़ का। बताया जाता है कि यहां बड़े बड़े लोग दरबार मे आ चुके हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री (आजकल उप मुख्यमंत्री) देवेंद्र फडणवीस भी यहां आकर शिरकत कर चुके हैं। बाबा रामदेव और साधु महात्माओं को उनके काम मे कोई खोट नही दिखाई देता। समर्थक मानते हैं हमारे देश मे और हमारी धर्म परंपरा में चमत्कार होते रहे हैं।धीरेन्द्र शास्त्री पर अंध श्रद्धा फैलाने का आरोप लग चुका है। नागपुर के अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के एक सदस्य श्याम मानव ने ना सिर्फ उनपर पोलिस कार्यवाही किया, बल्कि 30 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था कि वे अपनी बातों को सच साबित करें। नागपुर पोलिस ने धीरेन्द्र शास्त्री को क्लीन चिट दे दिया है और कहा है कि वे उनके खिलाफ कुछ नही पा सके। वहीं इनाम कीबात पर धीरेन्द्र शास्त्री ने उनका चैलेंज कबूल नही किया था। उनका कहना है- " ना हम चमत्कारी हैं ना हम धर्म गुरु हैं। हम कुछ नहीं करते , सब बालाजी करते हैं। उनकी सेना सब करती है।" बालाजी के दरबार मे भूत प्रेत भगाने का दृश्य बड़ा कौतूहल भरा होता है जब वहां पीड़ित व्यक्ति जमीन पर लोटते हुए दिखते हैं और तरह तरह की भाव भंगिमाएं बनाते हुए स्वामीजी उनकी(भूत प्रेतों की) चमड़ी उधेड़ देने का हुक्म देते दिखते हैं।

आइए देखें, ये 26 वर्षीय युवा- अपने ठेठ देहाती अंदाज और बोली भाषा मे लाखों को प्रेरित करने वाला वागेश्वर धाम का यह संचालक है कौन ? यह जानने के लिए वागेश्वर धाम को जानना होगा। करीब 320 साल पुराना है इस धाम का इतिहास।  यह स्थान मध्य प्रदेश में छतरपुर में स्थित है।जहां पहुचने के लिए खजुराहो से ही रेलवे मार्ग मिल पाता है।खजुराहो से 20 किलोमीटर दूर, कच्ची सड़क के रास्ते पर ऑटो से लोग यहां पहुच पाते हैं। यहां एक पहाड़ी पर दो छोटे मंदिर हैं एक शिव का, जिसका जीर्णोद्धार धीरेन्द्र के दादा ने कराया था।दूसरा मंदिर है हनुमान जी का।यही बालाजी का धाम है। यहां से निचली सतह पर धीरेन्द्र शास्त्री  दरबार लगाते हैं।यह जगह भीड़ से बचने के लिए बैरिकेड लगाकर  घेर कर रखी गयी हैं। कहते हैं यहां कभी बड़ा जंगल था और बाघ घूमा करते थे, इसीलिए इस मंदिर का नाम और जगह का नाम बाघेश्वर पड़ा था, जो अब वागेश्वर हो गया है। तीन पीढ़ियों से  धीरेन्द्र का परिवार यहां पूजा पाठ करता है और पंडिताई करके भरण पोषण करता आ रहा है। गरीब परिवार के धीरेन्द्र भी जीविका उसी तरह शुरू किए। प्रवचन करने लगे। वह शिव और हनुमान के भक्त हैं।रामायण और भगवत गीता पर प्रवचन करते थे। उन्हें सुनने के लिए भीड़ जुटने लगी। 12वीं तक की पढ़ाई करनेवाला , तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा धीरेन्द्र अपनी प्रवचन शैली से वागेश्वर मंदिर का पुरोहित बन गया। 2003 से यहां दरबार लगने लगा है। वो जो कहते हैं वो सच होता है, इस धरना से उनके भक्तों की भीड़ बढ़ती गयी है।उनके बताए टोटके से- जैसे लाल कपड़े में अमुक अमुक सामग्री  बांधकर पोटली को बागेश्वर धाम में बांध दो, मनोकामना का वांछित फल मिलता है। अब हज़ारों की भीड़ वहां रोज पहुचती है। लोग यहां पोटली बांध जाते हैं। जो लोग स्वामी से रूबरू होने की इच्छा रखते हैं, वे अपने नाम की पर्ची बॉक्स में डाल देते हैं, उनको टोकन  मिलता है और उनको बुलावा जाता है। उनके पास पहुचने वाला अपने सवाल मन मे लेकर वहां पहुचता है, उसके जवाब स्वयम वहां वागेश्वर सरकार के पन्नो पर लिखा हुआ मिलता है। अब इसे अंधविश्वास कहें या जो भी, लोगों को उनपर अगाध भरोसा बन चला है।

विवादित से घिरे बालाजी महाराज इनदिनों जब चारों तरफ से घिरते प्रतीत होते हैं वे हिन्दू राष्ट्र की बात करने लगे हैं- "आप मेरा साथ दो मैं हिन्दू राष्ट्र बनाऊंगा। वह 'रामचरित मानस' पर छिड़े राजनैतिक विवाद पर टिप्पड़ी करते कहते हैं-" राम चरित मानस को देश का धर्म ग्रंथ बना देना चाहिए।" एक तरफ स्वामी वागेश्वर को हिन्दू महात्माओं का समर्थन मिल रहा है तो दूसरी तरफ वे संघ समर्थक के रूप में आलोचना के शिकार भी हो रहे हैं, कहते हैं-"मैं किसी पार्टी का नहीं हूं!"

जो भी हो, चर्चाओं में रहने वाले व्यक्तियों पर फिल्म वालों की नज़र सबसे पहले जाती है। अब फिल्म हिट कराने की मन्नत के साथ निर्माता-निर्देशक-हीरो-हीरोइन  बालाजी के दरबार मे दिखाई दें तो कोई आश्चर्य नही! और, आश्चर्य तो तब भी नही होगा... जब वे 'बिगबॉस' के घर मे दिखें या कैमरे के सामने एक्टिंग करते देखे जाएं!

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