अभिनेता सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की काफी मदद की थी। इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में सोनू सूद इनके लिए मसीहा साबित हुए थे। लेकिन अपने इस अभियान के बाद भी सोनू सूद अलग-अलग तरह से लगातार लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस बार सोनू सूद ने आईआईटी और नीट की परीक्षा में भाग ले रहे छात्रों की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है।
सोनू सूद ने सितंबर माह में होने वाली जेईई और नीट की परीक्षा में भाग ले रहे छात्रों की यात्रा का इंतजाम करने की बात कही है। बता दें कि छात्र जेईई और नीट की परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे है, जबकि विपक्ष प्रवेश परीक्षा की जगह कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
मदद करने की कोशिश करूंगा
सोनू सूद ने कहा कि अगर जेईई और नीट की परीक्षा होती है तो सभी छात्र जो इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और वह बिहार, असम गुजरात में बाढ़ की वजह से फंसे हैं, मुझे संपर्क कर सकते हैं, मुझे बताएं, मैं आपकी यात्रा की व्यवस्था करने की कोशिश करूंगा। मैं आप लोगों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए हर संभव मदद करने की कोशिश करूंगा। कोई भी ऐसा नहीं होना चाहिए जो इस परीक्षा में संसाधनों की कमी की वजह से शामिल नहीं हो सके।
छात्रों की मांग का किया समर्थन
दरअसल एक छात्र का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया है, जिसमे छात्र अपनी पीड़ा को जाहिर कर रहा है। वह कहता है कि लोन ले रखा है, राशन है नहीं, परीक्षा केंद्र घंटों की दूरी पर है, प्राइवेट कार को हायर नहीं कर सकता क्योंकि इतने पैसे नहीं हैं। घर में पिता अकेले कमाने वाले हैं, कोविड का खतरा अलग से हैं। मेरे पिता काफी गरीब हैं, कोरोना काल में हम कैसे तो जी रहे हैं।
ऐसे में हम कैसे परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए सोनू सूद ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। गौरतलब है कि इससे पहले सोनू सूद ने भी में जेईई-नीट की परीक्षा पर छात्रों की मांग का समर्थन किया था।
सरकार ने किया परीक्षा का समर्थन
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि एनटीए डीजी के मुताबिक JEE मुख्य परीक्षा में बैठने वाले कुल 8.58 लाख परीक्षार्थियों में से 7.5 लाख ने जेईई के एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर लिया है, जबकि, NEET 2020 टेस्ट के लिए बैठने वाले 15.97 लाख परीक्षार्थियों में से करीब 13 लाख ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिया है, जो दर्शाता है कि स्टूडेंट्स परीक्षा के समर्थन में हैं और वो किसी भी कीमत पर परीक्षा में बैठना चाहते हैं।