रेखा के जन्म दिन(10 ऑक्टोबर) पर विशेष: बचपन से कंटीली राहों पर चलते हुए ही कोई भानु रेखा गणेशन बन पाती है पर्दे की रेखा By Sharad Rai 10 Oct 2022 | एडिट 10 Oct 2022 08:16 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रेखा की सौतेली मां और दक्षिण की मशहूर अभिनेत्री सावित्री जी के जीवन पर बनी एक फिल्म के हिंदी वर्सन 'महान्ती' को देखते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा के जीवन के बचपने को जानने की उत्सुकता बेचैन करती है कि जानें इस एक्ट्रेस का बचपना कैसा रहा होगा.उनकी जीवनी को उकेरनी वाली किताबों और पुराने आलेखों की कतरने पढ़ते हुए हैरानी होती है कि कितनी कष्टकर शुरुवात रही है बॉलीवुड की इस सुपर सितारीनी का. प्रथम दृष्ट्या तो वह मूंह में सोने का चम्मच लिए पैदा होने वाली स्टार डॉटर्स में से एक लगती हैं! लेकिन, ऐसा है नही.कभी दक्षिण के सुपर स्टार शिवाजी गणेशन और तारिका पुष्पावली की बेटी ने बड़ी दुखभरी ज़िन्दगी की राह में पहला कदम उठाया था.रेखा ने सिमी गरेवाल को दिए अपने एक बेहद भाउक इंटरव्यू में बहुत पहले अपना दर्द साझा किया था- "मेरे जीवन मे कभी उनका एक्सिस्टेन्स नहीं रहा. हां, हमने फील किया कि वह बाप हैं." फिर वह अपने परिवार को लेकर कभी कुछ नही बोली. दरअसल रेखा की दूसरी मां सावित्री और पिता शिवाजी गणेशन की जीवनी की फिल्म 'महन्ती' से ही समझ मे आता है कि छोटी छोटी भूमिकाएं करने वाली रेखा की सगी मां पुष्पावली कैसे हाशिये पर बैठा दी गई स्त्री बनकर जीवन गुजारी होगी. रेखा ने तीन साल की उम्र में सिनेमा के पर्दे पर काम किया था ताकि घर मे खर्च के लिए पैसा आ सके.फिल्म थी 'इन्टी गट्टू' 1958 में. और भी काम किया.फिर थोड़ी बड़ी हुई 12 साल की तो इस तमिलियन लड़की ने छोटा रोल किया 'रंगुला रत्नम' में. इस फिल्म में उनकी मां पुष्पावली और बहन राधा भी थी.यह एक पोलटिकल सटायर फिल्म थी. 13-14 वर्ष की उम्र में रेखा को स्कूल (प्रजेंटेशन कान्वेंट) से अलग होना पड़ा था क्योंकि फीस नही दी जा सकती थी. रेखा के बारे में ज्यादातर लोग सिर्फ यही जानते हैं कि वह दो बहनें थी, दूसरी राधा थी- राधा उस्मान सय्यद, जो छोटी छोटी भूमिकाएं किया करती थी और बाद में फिल्म लाइन छोड़कर घर बसाकर सेटल हो गयी. जबकि ऐसा नही है. रेखा 6 बहने और एक भाई एक ही पिता की संतानों में हैं जिनमें दूसरी बहनों को सौतेली नही, बल्कि 'हाफ सिस्टर' कहा जा सकता है क्योंकि पिता एक थे मां तीन थी.वैसे सौतेली की संज्ञा में दो और भी बहनों का नाम शुमार किया जाता है. शिवाजी गणेशन की पहली पत्नी से 4 बेटियां थीं और पुष्पावली एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके संपर्क में आई जो कम सफल एक्ट्रेस थी. पुष्पावली से दो बेटियां पैदा करने के बाद वह फिल्म स्टार सावित्री से शादी कर लिए थे, जो बहुत बड़ी स्टार बनीं और बहुत नेक तथा दूसरों का दर्द बांटने वाली महिला थीं.उनको सावित्री से दो संताने थी- पुत्री- विजया चामुंडेश्वरी और पुत्र- सतीश कुमार गणेशन. बताते हैं पुष्पावली को उनके पहले पति एडवोकेड आई वी रंगाचारी से भी दो संतानें थी- बाबजी और रमा. बाद के दिनों में पुष्पावली ने कैमरा मैन के. प्रकाश से विवाह करके अपना ऑफिसियल नाम के. पुष्पावली कर लिया था, जिनके साथ दो बेटियां धन लष्मी (शादी हुई एक्टर तेज सप्रू से) और डांसर सेशू थी (जो अब नही रही). यानी- बड़ा लम्बा परिवार रहा है आज की एकाकी जीवन जीनेवाली तारिका रेखा का. शिवाजी गणेशन का फिल्मों से जुड़ा बड़ा परिवार रहा है. 'विल्लुपुरम चिन्नय्या मोनरायार गणेश मूर्ति' जो पर्दे पर वी सी गणेशन नाम से काम शुरू किए थे, के शिवाजी गणेशन नाम रखने की भी कहानी है. उनका एक नाटक 'शिवाजी कांडा हिन्दू राज्यम' रंगमंच की दुनिया मे बहुत चर्चित हुआ था. सोशल रिफॉर्मर पेरियार की एक जन सभा मे वह बताए थे कि तबसे वह अपना नाम शिवाजी गणेशन कर लिए थे. आज साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में उनके कई सफल सगे रिस्तेदार हैं. जिनमे उनके ग्रैंडसन विक्रम प्रभू और दुष्यंत राम कुमार कामयाब नाम हैं. प्रभू मशहूर स्टार हैं और रामकुमार का फिल्म प्रोडक्शन है. उनकी संतानों में रेखा बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस बनी जो सिर्फ 14 साल की उम्र में जीविका खर्च के लिए फिल्मों में काम करने बॉम्बे (अब मुम्बई) आयी थी. 'सावन भादों' से 'सिलसिला' तक यह लड़की एक पर एक कामयाबी का परचम फहराती चली गयी जो इतिहास उसने अबतक लिखा है, उसे दुहराने की जरूरत नही है. बेशक बताने वाली बात यह है कि जो लड़की 9- 10 साल की उम्र में स्कूल के बच्चों में 'लोटा' (तमिल में बास्टर्ड) बोलकर चिढाई जाती थी, जो मुम्बई आने पर गाढ़े सावले कलर की गोलमटोल न्यू कमर कहकर मज़ाक बनाई गई थी- वही लड़की 'उमराव' जान बनती है और वही अपने फिटनेस वीडियो और खूबसूरती के लिए दुनिया भर की सौंदर्य पत्रिकाओं के कवर पेज की शोभा बढ़ाती है. रेखा ने जीवन मे किसी का सपोर्ट नही लिया.पिता से तो वह हमेशा दूरी बरतती रही.जब वह 9-10 साल की थी पहली बार अपनी दूसरी दो तीन बहनों को मिली थी.फिर बहनों के साथ वह सहृदय रही.संपर्क में रही. उनमे कई डॉक्टर हैं. छोटी बहन डॉ. जया श्रीधर ने चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में अपोलो वेलनेस क्लिनिक के उद्घाटन पर सभी बहनों को एकत्रित किया था. जिसमे रेखा भी शामिल हुई थी. यह ग्रुप फ़ोटो ही सभी बहनों का एक साथ है. दरअसल रेखा वो अभिनेत्री हैं जिनके लिए कहा जा सकता है गर ठान ले तभी जीवन की कंटकिल राहों पर चलकर कोई भानुमति रेखा सेल्युलाइड पर एक सीधी रेखा खींच सकती है. रेखा को उनके जीवन के गौरवशाली जन्मदिन(10 ऑक्टोबर) पर मायापुरी की शुभ कामना. #Rekha #Rekha Birthday #Bhanu Rekha #Ganeshan #Rekha's birthday हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article